यमुनोत्री धाम , उत्तराखंड

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Photo of यमुनोत्री धाम , उत्तराखंड by Ranjit Sekhon Vlogs

यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 3,291 मीटर (10,797 फीट) की ऊंचाई पर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। यह मुख्य जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से सिर्फ 129 किमी दूर है। मंदिर देवी यमुना को समर्पित है, और इसमें देवी की एक काले संगमरमर की मूर्ति है।

यह उत्तराखंड के चार महापीठों में से एक है। यह तीर्थस्थल यमुना नदी के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म के प्रमुख प्रतीकों में से एक माना जाता है। यह चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और विश्वस्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है।

पर्वतीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।

यमुनोत्री मंदिर चार धाम यात्रा का पहला स्थान है। मंदिर यमुना नदी के किनारे बसा होने के कारण यहां पर्यटक यमुना माता की पूजा-अर्चना करते हैं।

यहां परंपरागत रूप से यात्रियों को दूध और घी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और यहां यात्रियों को आरामदायक जगह और धार्मिक आवास सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।

यमुनोत्री मंदिर को माता यमुना के निवास स्थान के रूप में स्वीकार किया जाता है। मंदिर में माता यमुना की मूर्ति स्थापित है और इसे सोने के चढ़ावे, पुष्प और प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है।

यमुना नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। सप्तऋषि कुंड नामक सरोवर से यमुना नदी निकलती है। इस मंदिर में भगवान यम और देवी यमी मूर्ति के रूप में विराजमान है। कलिन्द पर्वत से पिघलकर यहाँ पर यमुना जल के रूप में गिरती है। इसलिए यमुना को कालिन्दी के नाम से भी जाना जाता है।

यमुनोत्री मंदिर गर्मी महीनों में अप्रैल माह में खुलता है और उसके बाद श्रद्धालु ज्यादातर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर उत्तराखंड के मौसम के आधार पर बंद होता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर माह में होता है। यहां आने के लिए यात्रियों को उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री नेशनल हाईवे से यमुनोत्री क्षेत्र के लिए यात्रा करनी होगी।

मंदिर में यात्रियों को पांच किलोमीटर दूरी पैदल चलके फिर पहुंचा जा सकता है|

यमुनोत्री मंदिर में सूर्य कुंड गर्म पानी के झरने का स्थान है, तीर्थयात्री सूर्य कुंड में भाप से भरे गर्म पानी में पवित्र स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्थल पर स्नान करने से व्यक्ति के कल्याण के लिए भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसके आस-पास के क्षेत्र में आपको प्राकृतिक सौंदर्य और चरम सौन्दर्य का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। यमुनोत्री मंदिर के आस-पास कई छोटे-छोटे मंदिर, धार्मिक स्थल और जलधाराएं हैं। यहां पर्यटक यमुना नदी का दर्शन कर सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।

यमुनोत्री मंदिर के निकट ही यमुनोत्री ग्लेशियर स्थित है, जो यात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह ग्लेशियर अप्रैल और मई महीनों में खुलता है और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से एक शानदार दृश्य प्रदान करता है।

यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी, उत्तराखंड में स्थित होने के कारण पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक आत्मिक और आध्यात्मिक सुकून का आनंद लेते हैं और हिमालयी तपोभूमि की सुंदरता का आनंद उठाते हैं।

यमुनोत्री मंदिर कैसे पहुँचे ?

हवाई जहाज

यमुनोत्री के नजदीक स्थित हवाई अड्डा देहरादून का एयरपोर्ट है, जो यमुनोत्री से लगभग 210 किलोमीटर दूर है। देहरादून हवाई अड्डा अन्य शहरों से जुडा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी की सेवाएं उपलब्ध है, जो कि हनुमान चट्टी तक चलती है। यही से यमुनोत्री की यात्रा शुरू होती है।

रेलवे स्टेशन

यमुनोत्री के नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और देहरादून में स्थित है। देहरादून से यमुनोत्री 175 किमी. दूर है, जबकि ऋषिकेश से 200 किमी. दूर है। ऋषिकेश और देहरादून भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जुड़े हुए है। यहाँ से बस और टैक्सी द्वारा हनुमान चट्टी तक पहुंच सकते है और फिर यमुनोत्री की यात्रा कर सकते है।

सडक द्वारा

उत्तराखंड राज्य के सभी प्रमुख पर्यटक स्थल सड़कों से अच्छी तरह से जुड़े हुए है। यमुनोत्री यात्रा हनुमान चट्टी से शुरू होती है। हनुमान चट्टी के लिए टैक्सी और बसें ऋषिकेश, देहरादून, उत्तरकाशी और तेहरी से चलती हैं।

यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी, उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां ज्यादातर पर्यटक यात्रियों द्वारा दर्शन किया जाता है। यह स्थान उत्तराखंड की संस्कृति, धर्म और प्राकृतिक सौंदर्य का महत्वपूर्ण प्रतीक है।

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