प्रकृति और रोमांच पसंद पर्यटकों के लिए जन्नत से कम नहीं नॉर्थ बंगाल का 'लावा'

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Photo of प्रकृति और रोमांच पसंद पर्यटकों के लिए जन्नत से कम नहीं नॉर्थ बंगाल का 'लावा' by Nikhil Vidyarthi

कवर फोटो सोर्स: स्लीपिंग बुद्धा

फिल्में आम दर्शकों को न सिर्फ मनोरंजन बल्कि सूचना और जानकारी भी प्रदान करती है। फिल्मों का लोकेशन कई बार ऐसे देश या स्थान पर तय किया जाता है, जिसके बारे में आम आदमी को ज्यादा पता नहीं होता। सिनेमा हॉल में फिल्म देख कर लोग उसकी कहानी के साथ-साथ सुंदर लोकेशन की वाहवाही भी करने लगते हैं। आपको इम्तियाज़ अली की फिल्म 'तमाशा' में दिखाए गए देश कोर्सिका की याद आई? इस देश के बारे में कम से कम भारत में लोगों को बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। पुराने जमाने की बात करें तो यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों में स्विज़रलैंड को दिखा कर इसे हर भारतीय का ड्रीम डेस्टिनेशन बना दिया। इसी तरह साल 2002 में रितुपर्णो घोष ने एक फिल्म 'तितली' बनाई। जिसकी शूटिंग पश्चिम बंगाल के उतरी हिस्से में स्थित एक बहुत ही छोटे गाँव में की गई थी। जिसका नाम है - लावा। जो कलिमपोंग जिला में पड़ता है। फिल्म रिलीज हुई, दर्शकों से सराहना मिली और इसके साथ ही घूमने के शौकीन लोगों को यह गाँव अपनी ओर खीचने लगा। मिथुन दा स्टारर इस फिल्म में लावा के देवदार के जंगलों और कोहरे का दृश्य पर्दे पर पहली बार दर्शकों ने देखा तो आश्चर्यचकित रह गए। हालाँकि अभी भी देश भर के लोग लावा को अपना टूर प्लान करते समय खास तवज्जो नहीं देते हैं। इसलिए बंगाली, खासकर उत्तरी बंगाल के पर्यटक ही इस जगह पर आते हैं। अब यहाँ कई होटल खुल गए हैं। आज इस जगह पर पर्यटन धीरे ही सही लेकिन पनप रही है।

मॉनसून के दौरान 'लावा' अद्भुत एहसास कराता है

लावा समुद्र तल से 7,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह नेओरा वैली रिजर्व फॉरेस्ट का प्रवेश द्वार है। जब आप लावा जाएँगे तो रास्ते में ऊँचे देवदार के पेड़, बर्च के पेड़ और दूर तक फैली टी गार्डन्स आपको गाड़ी रोक कर इन्हें निहारते रहने का दिल करेगा। मॉनसून के दौरान सड़क के किनारे पेड़ों की पत्तियों से गिरती बूँदें आपको निर्मल वर्मा की यात्रावृतांत का स्मरण कराती है। दोस्तों, लावा में सर्दियों के दौरान बर्फबारी भी होती है। इस प्रकार यह स्थान पश्चिम बंगाल के उन कुछेक जगहों में से है जहाँ बर्फ को हथेलियों पर महसूस किया जा सकता है!

देश के अन्य पर्वतीय स्थानों की तरह लावा में भी विकास किया गया है। लेकिन अब भी शहर के चारों ओर फैले घने जंगलों में कमी नहीं आने दी गई है।

लावा के आस-पास के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल

1. काग्यू थेकचेन लिंग (बौद्ध) मोनैस्ट्री

लावा मठ के नाम से लोकप्रिय मठ लावा में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है।

लावा ट्रिप के दौरान लावा मोनेस्ट्री के नाम से लोकप्रिय काग्यू थेकचेन लिंग (बौद्ध) मठ घूमने का प्लान जरूर बना कर रखें। यह मठ वर्ष 1987-88 के दौरान कर तैयार हुआ और 1990 में उदघाटन किया गया था। इसमें एक मुख्य प्रार्थना कक्ष, एक सामुदायिक हॉल और एक अध्ययन केंद्र है।

काग्यू थेकचेन लिंग मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू वंश से संबंधित है। यहाँ खुद तिब्बत के बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा भी आ चुके हैं। मठ के मुख्य द्वार के बाहर होटल, भोजनालय और बाज़ार भी है। जहाँ से कपड़े, स्मृति चिन्ह आदि खरीदारी की जा सकती है। लावा बस स्टैंड से इस मठ की दूरी मात्र आधा किमी है।

2. नेओरा वैली रिजर्व फॉरेस्ट

नेओरा वैली रिजर्व फॉरेस्ट में आ कर मन को शांति और एकांत की अनुभूति होती है!

दोस्तों, नेओरा वैली रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में घूमने के लिए पहले अनुमति लेना अनिवार्य है। यह अनुमति लावा में ही स्थित वन रेंज कार्यालय से ले सकते हैं। इसके लिए यहाँ आपको पहचान पत्र दिखा कर मामूली शुल्क जमा करना पड़ता है। इसके बाद आपको कोलाखम (लावा से 10 किमी) तक गाड़ी से आना होगा। कोलाखम इस रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र का एक गाँव है। कोलाखम से कंचनजंघा पर्वत की ऊँची चोटियाँ सिर उठाए नजर आती हैं। गाँव में ठहरने की सुविधा उपलब्ध है और रात होने पर यहाँ रुक सकते हैं। लावा में पहुँचने के बाद आप नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर जा कर नेओरा घाटी रिजर्व फॉरेस्ट के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यह सेंटर बृहस्पतिवार को बंद रहता है। बाकी दिनों में सुबह 8 बजे से शाम के 4 बजे तक खुला रहता है।

3. चमकीले साफ पानी वाला चांगी फॉल्स का दीदार

कलिम्पोंग क्षेत्र के सबसे हसीन झरनों में से एक चांगी झरना

Photo of Changey Waterfall, Lava Rd, Lingsaykha Khasmahal, West Bengal, India by Nikhil Vidyarthi

नेओरा फॉरेस्ट रिजर्व के रास्ते में कोलाखम गाँव से 4 किमी और लावा से 10 किमी दूर चांगी फॉल्स पश्चिम बंगाल में मंत्रमुग्ध कर देने वाला झरना है। यह कलिम्पोंग क्षेत्र के सबसे हसीन झरनों में से एक है। जो पहाड़ियों और जंगलों के बीच एक छोटा सा झरना है। लगभग 150 फीट ऊँचा यह झरना अपने चमकीले साफ पानी और घने जंगल के कारण बेहतरीन व्यू देता है। यहाँ वर्डिटर फ्लाईकैचर, निल्टावा, ब्लू फ्रंटेड रेडस्टार्ट, ब्लू व्हिसलिंग थ्रश जैसे अद्भुत हिमालयी पक्षियों की चहचहाहट वातावरण को स्वर्ग जैसा बनाती है।

4. जंगल कैंप

अगर आपको रोमांच पसंद है तो घने जंगल के बीचोबीच जंगल कैंप भी जा सकते हैं। जो लावा के मुख्य सड़क चेक पोस्ट से 2.5 किमी की दूरी पर है। कैंप में आपको गाइड भी मिल सकता है। जिसके साथ जंगल के अंदर तक जाया जा सकता है।

5. आकर्षण से भरपूर गाँव रिशप

रिशप को समान्यतः रिश्याप नाम से जाना जाता है। जो लावा से 7 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में है। यहाँ से भी कंचनजंघा पर्वत शृंखला को बहुत साफ-साफ देखा जा सकता है। हालाँकि यह मौसम पर निर्भर करता है। क्योंकि बारिश के दौरान और सर्दियों में बहुत अधिक धुंध होने पर चोटियाँ आपको स्पष्ट नहीं दिख सकेगी। इस पहाड़ी गाँव में ठहरने की भी सुविधा है।

6. लोलेगाँव

ऊँचे पेड़ों की छाँव के नीचे बना हैंगिंग फुट ब्रिज लोलेगाँव का विशेष आकर्षण है!

Photo of Lolegaon, West Bengal, India by Nikhil Vidyarthi

लावा से लोलेगाँव की दूरी सिर्फ 25 किलोमीटर है। जो कलिमपोंग जिले का एक लेपचा लोगों का गाँव है। लोलेगाँव में बाकी हिल स्टेशन्स की तरह बहुत व्यवसायीकरण नहीं हुआ है। इसलिए यहाँ के जंगल और प्राकृतिक खूबसूरती यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। ऊँचे पेड़ों की छाँव के नीचे बना हैंगिंग फुट ब्रिज यहाँ का विशेष आकर्षण है। 'द कैनोपी वॉक' के नाम से लोकप्रिय इस पूल पर अद्भुत अनुभूति मिलती है। लावा के नजदीक स्थित यह गाँव बर्फ से ढके पहाड़ों और प्राचीन बौद्ध मठों के कारण खूब प्रसिद्ध है। इस गाँव में आने के बाद आप प्रकृति को उसके मूल रूप में देख पाते हैं।

लावा कैसे पहुँच सकते हैं?

सड़क द्वारा- यह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से करीब 120 किमी दूर है। अगर आप सिलीगुड़ी से यहाँ आते हैं तो सबसे पहले तीस्ता बाजार आ जाइए। यहाँ से कलिम्पोंग हो कर लावा पहुँचा जा सकता है। कलिमपोंग से लावा की दूरी लगभग 30 किमी है।

हवाई-मार्ग द्वारा- लावा का निकटतम हवाई अड्डा बागडोगड़ा में स्थित है। यहाँ से लावा की दूरी मात्र 55 किमी है।

रेल मार्ग द्वारा- लावा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी में है। न्यू जलपाईगुड़ी भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों से रेल माध्यम से जुड़ा हुआ है। न्यू जलपाईगुड़ी से टैक्सी आदि ले कर लावा तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

लावा ट्रिप के दौरान कहाँ रुकें?

ऊपर बताए गए सभी स्थानों पर ठहरने के लिए सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इनमें से एक है मेरे एक दोस्त द्वारा सुझाया गया लक्जरी होटल स्लीपिंग बुद्धा। यह रिश्याप के पहाड़ी गाँव में 8500 फीट की ऊँचाई पर नेओरा वैली नेशनल पार्क के भीतर स्थित है। इस होटल के बारे में अधिक जानकारी के लिए नंबर +91 9830162258 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही होटल के सोशल पेज संचालकों से भी जुड़ कर जानकारी ले सकते हैं। सोशल पेज के लिए लिंक आर्टिकल के सबसे ऊपर कवर सोर्स में हाइपर लिंक किया हुआ है।

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