![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/TripDocument/1544776627_1544776624872.jpg)
यार तीन दिन की छुट्टीयां हैं,
कहीं घूमने चलोगे,
या ऐसे ही कानपुर में पड़े रहोगे,
यार बनारस में होने वाली देव दीपावली के बारे में काफी सुना है वहीं का प्रोग्राम बनाते हैं,
तीन दिन में हो भी जायेगा
हम दो दोस्तों ने अपने इसी वर्तालाप के बाद बनारस में बहुत ही धूम धाम से मनाये जाने वाले देव दीपावली के पर्व को देखने का मन बनाया व जाने के लिये ट्रेन टिकट चेक करने पर हम लोगों को पता चला कि टिकट उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हम लोगों ने कानपुर से वाराणसी बस से जाने का निर्णय किया, कानपुर से वाराणसी के लिये बसें आसानी से मिल जाती है ।
निकटतम रेलवे स्टेशन- वाराणसी कैंट, भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
निकटतम हवाई अड्डा- लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा बाबतपुर, वाराणसी, भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
गंगा घाटों का भ्रमण के साथ देव दीपावली का आनंद
वाराणसी के सभी एन्ट्री प्वाइंट्स लोगों कि अधिकता के कारण जाम थे, जिस कारण हाई-वे पर जाम मिला, हम लोग किसी तरह दोपहर दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंचे पाये, मेरे रिश्तेदार बनारस में ही रहतें है इसलिए हमें होटल नहीं लेना पड़ा, लेकिन अगर आप देव दिपावली देखने के लिए आना चाहते हैं, तो होटल को पहले से बुक कर लें, क्योंकि देव दिवाली पर यहां देश के अन्य हिस्सों से लोग व विदेशी मेहमान भी काफी संख्या में पहुंचते हैं व इस त्योहार को काफी हर्षोल्लास से मनाते हैं । हमने जल्दी ही अपना सामान रखा और घाट जाने के लिए तैयार होकर निकल गये।
![Photo of Varanasi, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544776869_1544776865463.jpg.webp)
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस दिन लोग गंगा में एक पवित्र डुबकी लगाने के लिये आते हैं, इस दिन गंगा स्नान करने में लोगों की काफी आस्था है। शाम को विभिन्न संगठनों द्वारा बनारस के प्रत्येक घाट को मिट्टी के दीपकों से घाटों को जगमग कर दिया जाता है व "गंगा आरती" का आयोजन किया जाता है जिसका नजारा बहुत ही भव्य होता है, गंगा के तट पर सभी घाटों की सीढ़ियाँ के साथ-साथ बनारस के सभी मंदिर लाखों मिट्टी के दीपक से जगमग हो जाते हैं।
![Photo of Dashashwamegh ghat, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544777047_1544777044946.jpg.webp)
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![Photo of Dashashwamegh ghat, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544777059_1544777045989.jpg.webp)
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![Photo of Dashashwamegh ghat, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544777065_1544777046427.jpg.webp)
यहां गंगा में नाव बुक कर सभी घाटों को घूम सकते हैं और इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इन जगमग घाटों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सभी देवता वाराणसी की भूमि पर उतर आये हैं। आप शेयरिंग नौकाओं पर गंगा में 100 से 200 रुपये खर्चकर घूमने के साथ ही इस पर्व की भव्यता का आनंद ले सकते हैं। इस दिन फुल बुक नौका की कीमत बहुत अधिक होती है, घूमते वक्त यहां के मणिकर्णिक घाट को देखना ना भूले क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां पर अंत्येष्टि करने से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है, इसलिए यहां अंत्येष्टि कराने के लिए लोग बाहर से भी आते हैं, इसी कारण यहां चितांए 24 घंटे जलती रहती हैं, जबकि देश के अन्य हिस्सों मे सूर्यास्त के बाद अंत्येष्टि नहीं की जाती है।
![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544777205_1544777202618.jpg.webp)
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नाव से वाराणसी सुबह का आनंद और काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन
"सुबह-ए-बनारस", हम सुबह सूर्योदय से पहले ही गंगा घाट की ओर निकल गये और बनारस की सुबह का आनंद लेने के लिए बोट ले ली । "सुबह-ए-बनारस" को समझने के लिए, आपको बनारस (वाराणसी) आना ही होगा, सुबह के नजारे का वर्णन नहीं किया जा सकता।
![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544778942_1544778938893.jpg.webp)
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यहां साइबेरियाई पक्षी सर्दियों में आते हैं, ये बहुत ही खूबसूरत होतें हैं
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इसके बाद हम काशी विश्वनाथ मंदिर गये व दर्शन किये, मंदिर में काफी भीड़ थी, यहां दर्शन करने के लिये काफी समय ले लेकर आना चाहिए क्योंकि लाइन काफी ज्यादा लम्बी होती है, लेकिन आप यहां वी0आई0पी पर्ची लेकर भी दर्शन कर सकते हैं जिसकी कीमत 300 रुपये है। दर्शन कर शाम को हम लोगों ने फिर से भव्य गंगा आरती का आनंद लिया ।
![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779109_1544779104243.jpg.webp)
बीएचयू भ्रमण और संकट मोचन हनुमान मंदिर दर्शन
सुबह सबसे पहले हम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय गए और वहां न्यू काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किये।
![Photo of New Vishwanath Temple, Varanasi, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779174_1544779170297.jpg.webp)
![Photo of New Vishwanath Temple, Varanasi, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779178_1544779170816.jpg.webp)
![Photo of New Vishwanath Temple, Varanasi, Uttar Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779181_1544779171089.jpg.webp)
इसके बाद हम बनारस में स्थित बाटी चोखा रेस्तरां गए, जो कि अपने आप में अलग है क्योंकि इसे पूरी तरह से गांव की थीम पर बनाया गया है, यहां हमने स्पेशल थाली का ऑर्डर किया, जिसमें 195 रुपये में 2 बाटी, दाल, चावल, सॉस, सलाद और खीर शामिल थी। बनारस में आप विभिन्न दक्षिण भारतीय व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं।
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![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779389_1544779384262.jpg.webp)
![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779468_1544779465187.jpg.webp)
![Photo of देव दीपावली- श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण "बनारस" by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1544779505_1544779503206.jpg.webp)
दोपहर का भोजन करने के बाद हम एक और प्रसिद्ध संकट मोचन हनुमान मंदिर गये व दर्शन कर वापस लौट आये, इसी के साथ श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण हमारी यह यात्रा का समाप्त हूई। सच में बनारस आपको भारतीय संस्कृति के काफी करीब ले जाता है।