भारत में यूं तो घूमने की बहुत सी जगहे हैं । भारत निस्संदेह यात्रियों का स्वर्ग भी है। भारत जिस तरह के विविध इलाकों और संस्कृतियों में जीता करता है, भारत को जानने के लिए केवल एक मात्र साधन , वो है , •• भ्रमण करना ••
यात्रा से विशाल भारत को जाना और परखा जा सकता है भारत के विशाल स्वरूप क़िताब से कुछ अक्षर की बात करने जा रहे हैं। जिन्हे अपने अनुभव के द्वार आपको साझा कर रहा हूं।
मसूरी नाम तो सब जानते होगें और गए भी होंगे। जो अपने खुबसूरत हिल्स के लिए जाना जाता है। जोकि देहरादून से करीब 20km की दूरी में बसा है। और मसूरी को ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ के नाम से भी जाना जाता है. यहां से हिमालय के कभी न भूले जाने वाले नजारे देखे जा सकते हैं. मसूरी जाएं तो यहां के कैफे घूमना और मॉल रोड की टेस्टी डिशेस का मजा लेना न भूलें. यहां के सनसेट प्वॉइंट भी बहुत खूबसूरत हैं. केम्प्टी फॉल्स, रस्किन बॉन्ड की कैम्ब्रिज बुक शॉप, लंढौर बेकरी जैसी जगहों पर जरूर जाए
यह सब साल 2016 में शुरू हुआ जब मैं अपने 3 दोस्तों संग मसूरी गया। सब कुछ अलग था और सब कुछ नया नया जैसा लगता। लेकिन अब जब मैं इसके बारे में सोचता हूं, तो यह मेरे जीवन का सबसे आश्चर्यजनक चरण था। नए दोस्त, नई जगह, पूरी तरह से एक नया संस्कृती। हमने भट्टा फॉल्स, केम्प्टी फॉल्स का दौरा किया और माल रोड पर घूमे। उस यात्रा का मुख्य आकर्षण वह शाम थी जब हमारे लिए रूम नही मिल रहा था क्यूंकि शाम टाइम बारिश होने की वजह से रूम का न मिल पाना, हमारे लिए एक परेशानी बन गई क्यूंकि ठंड की था। मैं बहुत डरा हुआ था फिर जैसे तैसे रूम की व्यवस्था की, फिर घुस गए कंबल में और कंबल से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। लेकिन कमीनो दोस्तों ने समझदार होने के नाते, भूख को उजागर कर डाला तो निकलना पड़ा।
खाना खाए कई घंटों पहले खाए थे। हालाँकि मसूरी निश्चित रूप से मेरी सबसे अच्छी हिल स्टेशन की सूची में सबसे ऊपर नहीं है, फिर भी यह इतना निकट था इसलिए हमने वहाँ जाने से पहले दो बार नहीं सोचा। कोई पूर्व योजना की आवश्यकता नहीं होती है आप कब भी कभी भी जाया जा सकता है।
आपके मूड के आधार पर मसूरी में बहुत कुछ है। आप भीड़-भाड़ वाले संकरे माल रोड पर खरीदारी कर सकते हैं, कैमल बैक रोड पर सैर कर सकते हैं, कुछ शांति के लिए हाथीपांव या क्लाउड्स एंड तक ड्राइव कर सकते हैं या ठंडे पानी में डुबकी लगाने के लिए केम्प्टी या भट्टा फॉल्स जा सकते हैं।
मसूरी मेरे लिए हमेशा खास है और रहेगा। भले ही मैं इस जगह को सबसे खराब और सबसे अधिक चर्चित हिल स्टेशन होने के लिए कितना भी कह दूं। फिर भी मसूरी की खास यादें हमेशा और हमेशा मुझे इस जगह पर वापस खींचती रहेंगी।
यह मसूरी में एक और अति-प्रचारित और लायक जगह है। मैं वहां केवल एक बार गया था और मुझे इससे बिल्कुल नफरत थी। यह इतना व्यावसायीकरण और पर्यटकों से भरा है कि इसने मुझे वास्तव में निराश किया। मैं किसी भी दिन केम्प्टी फॉल्स के ऊपर भट्टा फॉल्स को प्राथमिकता दूंगा।
देहरादून से मसूरी सिर्फ 30 किमी दूर है। आप सुबह से शुरू कर सकते हैं और शाम तक आसानी से वापस आ सकते हैं। देहरादून से मसूरी के लिए हर 1 या 2 घंटे में एक बस है । उसे देहरादून मसूरी रोड के सौ मैगी प्वाइंट में से किसी एक पर मैगी जरूर चखनी चाहिए। मसूरी के रास्ते में एक शिव मंदिर है। साथ ही इस मंदिर में परोसा जाने वाला प्रसाद चाय और कुछ नाश्ता है। यह एक बहुत प्रसिद्ध स्टॉप है और अधिकांश यात्री ऊंचे पहाड़ों पर जाने से पहले भगवान को अपना सम्मान देते हैं।और चलते रहते है अपने क़दम।
जाए कभी भी मज़ा आएगा।
जय हिंद।