कभी कभी जब हम शहर की भाग दौड़ और प्रदूषण भरी जिंदगी से विक्षुब्ध हो जाते हैं। कदाचित ख्याल आते है सुदूर सुन्दर और शांत हिमालय और उसके मनमोहक, आकर्षक और निस्तब्ध पहाड़ी गाँव.........
यदा कदा मन अनायास ही भागने लगता है ऐसे शांत और निर्मल वातावरण की ओर। हिमालयी गाँव न सिर्फ शांत होते हैं बल्की वहाँ की संस्कृति और परिधान भी विभक्त होते है.......
गाँव की पावन धरा, पास में कल कल करती जल धारा,चिड़ियों का चहचहाना, जानवरो का शोर ये सब उन ईंट पत्थरों के मकानों और दुकानों से पटे शहरों की आबो हवा में कहाँ.........
गाँवो में रहना वैसे भी आज कल की शहरी जिंदगी से त्रस्त लोगों का सपना बनता जा रहा है और अगर गाँव हिमालय की गोद में बसा हो तो ये ये सपना और भी दुर्लभ होगा।
ओसला एक ऐसा ही दुर्लभ हिमालयी गाँव है जहाँ पर जाना आपका सपना हो सकता है और अगर आपने ये सपना जी लिया तो आप चाहेंगे आपका ये सपना कभी ख़त्म ही न हो। आप अपने आप को उस सपने भरी नींद से कभी जगाना ही नहीं चाहेंगे........
कहाँ है ओसला
ओसला उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। यहाँ जाने के लिए आपको मोरी, सांकरी होते हुए जाना पड़ता है। सांकरी से तालुका जाना होता है तालुका तक अभी रोड बनी हुई है। तालुका से ओसला तक जाने के लिए करना पड़ता है 14 किलोमीटर का सुन्दर ट्रेक जो चलता है टॉन्स नदी यानि तमसा के साथ साथ.....
तालुका से अभी ओसला तक सडक निर्माण अपने अंतिम चरणों में है, जल्द ही ओसला तक सडक आ जायेगी।
ओसला ही क्यों
वैसे तो हिमालय में बहुत से गाँव हैं जो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं फिर आखिर ओसला ही क्यों?........
रखा क्या है ओसला में?......
वहाँ की अनोखी संस्कृति। एक तो ओसला उत्तराखंड के जौनसार इलाके में है और दूसरा यहाँ की संस्कृति में हिमांचल की तहजीब का स्पर्श है......
ये गाँव है तो उत्तराखंड का लेकिन उत्तराखंड की अपेक्षा हिमाचल यहाँ के लोगों के दिलों में ज्यादा बसा है ऐसा प्रतीत होता है। हिमाचल इस गाँव से ज्यादा दूर है भी नहीं। हिमाचल की सीमा से निकलने वाली टांन्स नदी अपने पानी के साथ साथ यहाँ हिमाचल की संस्कृति भी अपने साथ ले कर आती है.....
यहाँ के लोगों का पहनावा यहाँ की परम्परा, यहाँ के देवता की पूजा, यहाँ का पारम्परिक नृत्य ये सब यहाँ की पहचान हैं। यहाँ की हाथों से बनी गर्म ऊन की पोशाकों के आप कायल हो सकते हैं?.......
यहाँ के बने लकड़ी के घर सुंदरता के बेजोड़ नमूने हैं। यहाँ के मेहनती पहाड़ी लोग आपका दिल जितने का मांदा रखते हैं। मेहनत ही यहाँ के लोगों की कमाई का एकमात्र जरिया है। खेती पशुपालन, ट्रेकिंग कराना, गाइड और पॉटर का काम करना ये सारे मेहनत के काम ही हैं जो इस गाँव के लोगों की रोजी रोटी हैं.........
हिमालय की सरस्वती पर्वत श्रृंखला से घिरा ओसला ट्रेकिंग का हब है। लोकल्स का मानना ये है की यहाँ से छोटे बड़े इतने सारे ट्रेक चलते हैं की उनकी गिनती करना भी मुश्किल है।.......
हर की दून,बाली पास, रुईनसारा झील,धूमधारकांडी,क्यारकोटि,कालानाग पर्वत,स्वर्गरोहिनी पर्वत, बुराँसू पास, देवक्यारा बुग्याल,मालदेडू झील यहाँ से निकलने वाले कुछ प्रमुख ट्रेक हैं...........
यहाँ आने से पहले सांकरी से शुरू होने वाला विंटर का सबसे ज्यादा किया जाने वाला सबसे बेहतरीन ट्रेक केदाकांटा की आप कर सकते हैं।
कैसे करें ट्रेक
सांकरी और ओसला में बहुत सारी ट्रेकिंग कम्पनियाँ भरी पड़ी हैं। सबसे बढ़िया है Black Peak Mountain Adventures इस कम्पनी के मालिक Yash Panwar बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं। यश जी के पास उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाल हिमालय का विशाल अनुभव भी है।
आप ब्लैक पीक एडवेंचर से 70605 06880 और
60014 20499 इन दो नंबर पर कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। या फिर www.blackpeak.in पर भी कांटेक्ट कर सकते हैं।