उत्तराखंड का ऐसा गाँव, जहाँ जाकर लोग अमीर हो जाते हैं!

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Photo of उत्तराखंड का ऐसा गाँव, जहाँ जाकर लोग अमीर हो जाते हैं! 1/1 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

उत्तराखंड के चमोली जिले में एक गाँव है - माणा |

लोग कहते हैं कि इस गाँव में जो भी जाता है, उसके सारे पाप तो धुलते ही हैं, साथ ही वो अमीर भी हो जाता है |

माणा की कहानी

ऐसा माना जाता है कि भारत का आख़िरी गाँव माने जाने वाले माणा में माणिक शाह नाम का व्यापारी रहता था, जो काफ़ी पहुँचा हुआ शिव भक्त भी था | एक बार व्यापार के सिलसिले में आने-जाने के दौरान कुछ लुटेरों ने उसे लूट कर गर्दन काटके मार डाला |

माणिक की भक्ति इतनी प्रचंड कि कटा हुआ सिर भी शिव नाम का जाप करता रहा | ऐसी भक्ति देख कर खुद शिव प्रकट हुए और माणिक के शरीर पर वराह यानी सुअर का सिर जोड़ उसे ज़िंदा किया | साथ ही उसकी भक्ति से खुश हो कर ये वरदान भी दिया कि जो भी माणा गाँव आएगा उसकी ग़रीबी तो दूर होगी ही, साथ ही वो अमीर भी जो जाएगा | उस दिन से माणा गाँव में शिव के रूप मणिभद्र की पूजा होती है |

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कहाँ है माणा ?

माणा गाँव उत्तराखंड के चमोली जिले का एक छोटा सा गाँव है, जिसे भारत का आख़िरी गाँव भी कहा जाता है | ऐसा इसलिए क्योंकि ये गाँव भारत-तिब्बत सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है |

माणा गाँव से नीलकंठ पर्वत की चोटी बिल्कुल साफ दिखती है

Photo of माना, Uttarakhand, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

हिंदू धर्म के चार धामों में से एक बद्रीनाथ से सिर्फ़ 3 किलोमीटर दूर माणा में व्यास और गणेश गुफा भी है | कहा जाता है कि यही बैठकर वेद व्यास ने गणेश को महाभारत बोलकर सुनाई थी, जिसे गणेश ने अपने हाथों से लिखा था| मगर इसके बारे में बाद में बात करेंगे |

कैसे पहुँचें

माणा गाँव हरिद्वार से लगभग 245 कि.मी. दूर है | हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों जगहों से माणा तक के लिए नैशनल हाइवे 58 से जाते हुए रास्ते में बद्रीनाथ और जोशीमठ नाम के बड़े कस्बे आते हैं |

माणा पहुँचने के लिए सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन आपको हरिद्वार में ही मिलेगा | फिर हरिद्वार से लगभग 245 कि.मी. का सड़क का सफ़र | हरिद्वार से माणा के लिए किराए की गाड़ी या पब्लिक बस मिल जाती है |

देहरादून में एयरपोर्ट है, और यहाँ से सड़क के रास्ते से माणा लगभग 319 कि.मी. दूर है |

देखने लायक ख़ास जगहें

व्यास गुफा

माणा गाँव में सरस्वती नदी के किनारे बद्रीनाथ से सिर्फ़ 5 कि.मी. दूर व्यास गुफा है | ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने इसी गुफा में बैठ कर महाभारत के साथ ही 18 पुराण, ब्रह्म सूत्र और चारों वेदों की रचना की थी | इस गुफा की छत भी किताब के पन्नों के आकार में हैं |

गुफा की छत किताब के पन्नों जैसी है | श्रेय : ई-उत्तरांचल

Photo of वेदव्यास की गुफा, Mana, Uttarakhand, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

भीम पुल

माणा गाँव से थोड़ा आगे भीम पुल आता है जिसकी कहानी और भी दिलचस्प है | कहते हैं कि पांडव अपना राज-पाठ छोड़ कर जब स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो वे माणा गाँव से होकर गुज़रे | रास्ते के एक झरने को पार करने के लिए पांडवों में सबसे ताकतवर भाई भीम ने चट्टान फेंक कर पुल बनाया था |

भीम पुल

Photo of भीम पुल, Mana, Uttarakhand, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

बद्रीनाथ मंदिर

जैसा की बताया, बद्रीनाथ मंदिर माणा गाँव से सिर्फ़ 3 कि.मी. दूर है| बद्रीनाथ मंदिर भी अपने आप में बड़ा रहस्यमय है | कहा जाता है कि 8वीं शताब्दी तक ये मंदिर एक बौद्ध मठ हुआ करता था | फिर आदि शंकराचार्य ने इसे विष्णु मंदिर में तब्दील कर दिया |

बद्रीनाथ मंदिर

Photo of बद्रीनाथ, Uttarakhand, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

तप्त कुंड

बद्रीनाथ मंदिर के थोड़ा नीचे गरम पानी के कई कुंड है | कहते हैं कि अग्नि देवता यहाँ बसते हैं | वैगयानिक रूप से समझें तो पानी गरम होने का कारण यहाँ के पहाड़ों में मिला सल्फर है | बाहर चाहे जितनी ठंड पड़ रही हो, मगर इस कुंड का पानी हमेशा 55 डिग्री सेल्सियस पर रहता है | देश भर से श्रद्धालु इस पानी में डुबकी मारने आते हैं | माना जाता है कि इसमें डुबकी लगाने से शरीर की काफ़ी बीमारियाँ ख़त्म हो जाती हैं |

तप्त कुंड

Photo of उत्तराखंड का ऐसा गाँव, जहाँ जाकर लोग अमीर हो जाते हैं! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

माणा का और क्या मशहूर है

माणा का लोक नृत्य बाग़ड़वाल भी भारत की संस्कृति का एक अटूट अंग माना जाता है | इस डांस में आदमी और औरत दोनों हिस्सा लेते हैं |

माणा के लोक नृत्य का नाम है- जीतू बाग़डवाल

Photo of उत्तराखंड का ऐसा गाँव, जहाँ जाकर लोग अमीर हो जाते हैं! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

इसके अलावा भारत के पर्यटन विभाग ने माणा को पौराणिक महत्व के चलते 'रूरल टूरिज़्म' यानी ग्रामीण पर्यटन के लिए ख़ास तौर पर चुना है |

अगर आप भगवान में विश्वास ना भी करते हों तो भी माणा घूमने का विचार ज़रूर बनाइए | माणा की कहानियों को "गेम ऑफ थ्रोन" जैसा समझ लीजिए|

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