Shri Badrinath yatra 2019

Tripoto
9th Jun 2020
Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Day 1

Tripoto में अपना पहला ब्लॉग। भगवान बद्री विशाल का आशीर्वाद बंजा रहे।

बात है 2019 कि बरसात की। आपको तो पता होगा उत्तराखंड में कैसी मसुलाधार बारिश होती है इसी बरसात का बड़ा स्वरुप आप 2014 में केदारनाथ आपदा में देख चुके हो।
तो प्लान बना भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने जाना है भाई हमारे राइडर बनते है तो बोला की रॉयल एनफील्ड से चलते है में तैयार अपना झोला चिमटा (travelling bag) लेकर ।
ये बात 28 सितम्बर 2019 की है। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी ऊपर से हमने किराये पर कैमरा ले रखा था उसे भीग जाने का अलग डर था और ताकि अछि फोटो आये हमारी।कैमरे के भीग जाने का डर लगा तो बारिश रुकने का इंतज़ार किया सुबह से श्याम।
श्याम तो क्या अगले दिन तक नहीं रुकी भगवान बद्री से प्राथना कर रहा था की हे भगवान प्लीज बारिश रोक दो।
अगले दिन रुक गयी पर मौसम अभी थोड़ा बेटर था पर
उत्तराखण्ड के चारो धामों को रोड के जरिये जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है। ताकि आपलोगों को badrinath kedarnath gangotri yamnotriआने में कोई परेशानी नही हों।
निर्माण कार्य प्रगति पर था तो बारिश की वजह से रोड पर जगह जगह कीचड़ ही कीचड़ था तो रॉयल एनफील्ड बुलेट से जाने का प्लान कैंसिल।
तो बड़े भाई की कार से जाने का प्लान बना।
29 सितम्बर को यात्रा थराली चमोली से स्टार्ट हुई।
जय बद्री विशाल🕉️🇮🇳

Photo of Tharali, Uttarakhand 246481, India by Mike d_mountaineer
Day 2

थराली से यात्रा स्टार्ट हुई और हमने साथ में 4 लोगों को और साथ में बुला लिया।
हम करीब शाम को 5 बजे निकले थे आज की रात हमने सोचा था कि पीपलकोटी या जोशीमठ में रात को किसी होटल में रुकें ताकि वह से सुबह जल्दी श्री बद्री विशाल के दर्शन कर सकें।
पर रोड की हालत बहुत ख़राब थी हम कर्णप्रयाग से ऊपर नंदप्रयाग 21 किलोमीटर में किसी दोस्त के लॉज में रुक गए
अगले महीने चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने वाले है तो रोड पर बहुत कम लोग थे।
रात को नंदप्रयाग में मस्त खाना खाया और कमरे को आ गए पर नींद किसे आती अगले दिन का इंतज़ार था किसी तरह सो गए।
जय जय बद्री विशाल।

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Day 3

सुबह 5 बजे उठे चाय पी और निकल गए बद्री धाम की ओर।
राश्ते में पीपलकोटी जोशीमठ विष्णुप्रयाग जैसे छोटे कस्बों को देख कर सुकून मिल रहा था।
जोशीमठ के पहाड़ों पर बादल अपनी अलग सफ़ेद चादर ओढ़े हुए थे।
जोशीमठ एक काफी अच्छा हिल स्टेशन है हर साल यहाँ हज़ारों सैलानी औली में स्किंग और एडवेंचर एक्टिविटी के लिए आते है।
जोशीमठ से ही (Auli, valley of flowers, Kumari pass nanda devi national park,homkund sahib, badrinath, mana pass, vasundhara trek )  करने का बेस कैंप है।।
जोशीमठ से निकले और विष्णुप्रयाग पुल पर पहुचे ।
वहां दो चार कैमरे से फोटो ली थोड़ा चाय पकोड़े खाये और आगे निकल गए

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer

जैसे तैसे लामबगड़ पहुचे ।
जब कभी आप बद्रीनाथ यात्रा करने का सोच रहे होंगे तो लामबगड़ बरसात के समय में सबसे ज्यादा ब्लॉक रहता है।
हुआ भी यही लामबगड़ ब्लॉक।
2 घंटे करीब बाद आवाजाही हई वहां से।
राश्ते में हनुमान चट्टी।
और पहाड़ों पर हरीभरी घास और उनसे खेलते बादल ।
अनोखा व्यू आ रहा था।
जैसे जैसे बद्रीनाथ के करीब पहुचे उतनी ही ठण्ड बढ़ने लगी।
बद्रीनाथ करीब 10830 फिट की ऊँचाई पर है तो ठण्ड लगना स्वाभाविक है।

तो पहुच गए हम बद्रीनाथ ।
गाडी पार्किंग में लगायी और बहार निकले तो सामने 90° पर मोक्षधाम श्री बद्रीनाथ थे।।
भीड़ काफी थी वहाँ। तो फटाफट से पूल पार गए

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer

बद्रीनाथ जैसे पहुचे सुकून तो काफी मिल रहा था पर ठंड भी काफी थी तापमान करीब 1 • था कहीं ओले पड़ रहे थे तो कहीं ऊपर पहाड़ियों में बर्फ।
बद्रीनाथ मंदिर में जाने से पहले भक्तजनों को तप्त कुण्ड में नहाना पड़ता है।

तप्त कुंड, बद्रीनाथ
बदरीनाथ मंदिर में एक कुंड है, जिसे तप्त कुंड कहा जाता है, जिसमें से गर्म पानी निकलता है। इस कुंडों में स्नान का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही इससे स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। इसी कुंड से निकलने वाली गर्म पानी की धारा दिव्य शिला से होते हुए दो तप्त कुंडों तक जाती है, जिसमें यात्री स्नान करते हैं।
माना जाता है गर्म पानी के कुंड में स्नान से करने से शरीर की थकावट के साथ ही चर्म रोगों से भी निजात मिलती है। इस पानी में गंधक की मात्रा काफी ज्यादा है। यही कारण है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री इन तप्त कुंडों में स्नान के लिए भीड़ जुटती है।

तप्त कुण्ड बद्रीनाथ

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer

तप्त कुण्ड में स्नान के बाद हमने दर्शनार्थ के लिए बद्री विशाल की पूजा के लिए थाली और पूजा सामग्री ले ली जो मंदिर के बहार गेट पर आसानी से मिल जाती है।
वो थाली लेकर हम श्री भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए मंदिर के बहार लाइन में खड़े हो गए।
भीड़ काफी थी और बारिश भी होने लगी दुबारा
भक्तजन जोर जोर से बद्री विशाल के जयकारे लगा कर आनंद के रहे थे।।

करीब आधे घंटे की इंतज़ार के बाद मंदिर में अंदर पहुचे और भगवान् बद्री विशाल के दर्शन किये फिर पीछे वाले एग्जिट से बहार निकल गए।

बद्रीविशाल से आशीर्वाद माँगा और संसार के कल्याण हो सभी सुख समृद्ध रहे।
फिर वहां से निकल गए।
वापस आने का मन तो नहीं कर रहा था फिर मन को मार कर वापसी की तैयारी में लग गए

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
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Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
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फिर एक रेस्टोरेंट में स्वादिस्ट भोजन किया और घर को निकलने लगे।
थोड़ा atm से cash निकलना था तो मार्किट में चले गए ।
घूम ही रहे थे की सामने एक तंबू लगा हुआ था वहां पर याक (yak) था
याक को हिमालयी ऊंठ  भी कहते है।
बद्रीनाथ यात्रा में याक की सवारी आजकल पर्यटकों को खूब लुभाती है।
इससे काफी स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।

विवरण

जानकारी

चमरी गाय या याक एक पशु है जो तिब्बत के ठण्डे तथा वीरान पठार, नेपाल और भारत के उत्तरी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह काला, भूरा, सफेद या धब्बेदार रंग का होता है। इसका शरीर घने, लम्बे और खुरदरे बालों से ढँका हुआ होता है। इसे कुछ लोग तिब्बत का बैल भी कहते हैं। इसे 'चमरी' या 'चँवरी' या 'सुरागाय' भी कहते हैं। विकिपीडिया

विवरण - yak

जानकारी

चमरी गाय या याक एक पशु है जो तिब्बत के ठण्डे तथा वीरान पठार, नेपाल और भारत के उत्तरी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह काला, भूरा, सफेद या धब्बेदार रंग का होता है। इसका शरीर घने, लम्बे और खुरदरे बालों से ढँका हुआ होता है। इसे कुछ लोग तिब्बत का बैल भी कहते हैं। इसे 'चमरी' या 'चँवरी' या 'सुरागाय' भी कहते हैं। विकिपीडिया

Yak in badrinath

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
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y

याक के साथ सेल्फी लेने के बाद हम वापस निकल गए।
जैसे ही लामबगड़ पहुचे फिर से रोड ब्लॉक होगयी ।
200 300 गाड़ियां दोनों साइड फसी हुई थी ।
1 घंटा इंतज़ार किया 2 घंटे 3 घंटे 4 घंटे इंतज़ार किया रोड नही खुली ।
लामबगड़ में कोई होटल नहीं है रहने के लिए।
कुछ लोग पैदल ही दूसरी तरफ निकल गए।
कुछ रोड खुलने का इंतज़ार करते।।
अँधेरा होने को था रोड खुलने के कम चान्सेस थे तो वापस बद्रीनाथ जाना ठीक लगा क्योंकि वहां होटल्स काफी है तो रहने की दिक्कत नहीं।
तो ड्राइवर साहब में रिवर्स गियर मारा और पंहुचा दिया बद्रीनाथ।
जाते ही एक कमरा मिल गया अच्छे रेट में गाड़ी पार्क की सामान कमरे में रखा थोड़ा आराम किया 
फिर रात्रि आरती देखने का शोभाग्य मिला बद्रीनाथ का।
रात्रि में बद्रीनाथ साक्षात् स्वर्ग लगता है।
थोड़ी देर में बाद खाना खाया और वापस कमरे को आगये।
थोड़ी गप्पे मारी और सोगये।
जय बद्री विशाल🙏

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
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लामबगड़

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Laambagad

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Day 4

सुबह 5:30 पर उठा बहार देखा तो ऐसा लगा मानो कहाँ आ गया हूँ पूरा बद्रीधाम सफ़ेद कोहासे से ढका हुआ था आने शायद ही वो व्यू कभी फिल्मों या क्लिप्स में देखा होगा।
फिर थोड़ी देर बाद हम भारत के अंतिम गांव माणा पहुच गए जो बद्रीनाथ से मात्र 1 km है
अगर आप एडवेंचर के शौक़ीन हो तो आपने जरूर देखा होगा।
माणा गाँव भारत और तिब्बत की सीमा पर पड़ता और यह 3200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
थोड़ा हाइक करके आप पहुच जाते हो भीम पुल।
मान्यताओं के अनुसार जब पाण्डव स्वर्ग की और जा रहे थे तो सरस्वती नदी को पार करने के लिए भीम ने एक शिला रखी थी जो भीम पूल नाम से जानी जाती है।

इस शिला पर आप भीम के पैरों के निशान साफ़ देख सकते हो।
यह पुल सरस्वती नदी पर बना हुआ है।

सरस्वती नदी यही पर से उत्पन होती है।
और आधा किलोमीटर जाकर सरस्वती नदी केश्वप्रयाग में अलकनंदा में समाहित हो जाती है।
बद्रीनाथ की यात्रा, माणा, भीमपुल, सरस्वती नदी का उद्गम और मिलन,
और हिंदुस्तान की अन्तिम दूकान की चाय और मैगी खाने का शौभाग्य हर किसी को मिलना चाहिए।

चलो ब्लॉग को यहीं पर खत्म करते है।
आगे मिलते है।
जय बद्री नारायण 🙏

Photo of Shri Badrinath yatra 2019 by Mike d_mountaineer
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माणा हिंदुस्तान की अन्तिम दूकान।

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