प्रकृति प्रेमियों का नया अड्डा है ज्योलीकोट, अगली बार का बना लो प्लान

Tripoto

श्रेयः पॉलएमवुडरिंग

Photo of Jeolikote, Uttarakhand, India by Manglam Bhaarat

घूमना एक कला है, और इसे निखारने के लिए उन जगहों की लिस्ट बनाई जा सकती है, जहाँ पर घूमने जाना है। तो उसमें एक नया नाम है ज्योलीकोट का।

श्रेयः अंजली कटोच

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ज्योलीकोट या जूलीकोट, इसे नैनी झील का उद्गम कहा जाता है, लेकिन अपने आप में उद्गम से कहीं ज़्यादा है। ये जगह पहाड़ों के प्यार उत्तराखंड में पड़ती है और है बहुत ही रोचक। नैनीताल के काफ़ी पास पड़ने के कारण यहाँ के मुसाफ़िर नैनीताल हो आते हैं और नैनीताल वाले यहाँ चक्कर लगा लेते हैं। तो आइए जानते हैं ज्योलीकोट आने पर कहाँ कहाँ घूमने जाएँ।

घूमने के लिए जगहें

1. नैना देवी मंदिर

श्रेयः भावेश पाण्डेय

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नैना पहाड़ी पर बना हुआ नैना देवी मंदिर एक शक्ति पीठ भी है, जिसके कारण इसकी मान्यता और बढ़ जाती है। इस मंदिर में माँ नैना देवी, माँ काली देवी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ स्थापित हैं। ज्योलीकोट आएँ तो इस मंदिर में ठहरने का प्लान ज़रूर बना लें।

2. द कॉटेज

कॉटेज सुनने में भले ही एक आलीशान झोपड़ी जैसा नाम लगे लेकिन यह उससे कुछ अधिक है। कुछ सालों पहले यह एक विदेशी दंपत्ति का घर हुआ करता था, जिसे बाद में स्कॉटलैण्ड की एक महिला और उसकी बेटी ने कायाकल्प कर एक स्वास्थ्य रिसॉर्ट की शक्ल दी। आज यह पर्यटकों के घूमने की जगह बन चुका है। आप यहाँ की हरियाली, ख़ूबसूरती, कई सारे विशेष फल और फूलों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाएँगे।

3. हनुमान गढ़ी मंदिर

श्रेयः विकिमीडिया

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हनुमान गढ़ी मंदिर पड़ता तो नैनीताल ज़िले में है लेकिन ज्योलीकोट के ज़्यादा पास है। इसलिए ज्योलीकोट घूमने आएँ तो हनुमान गढ़ी मंदिर देखना न भूलें। यहाँ पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति आपका दिल छू लेगी। इसके साथ ही हनुमान जयंती पर यहाँ एक विशाल उत्सव भी होता है।

उत्सवों की धूम है ज्योलीकोट में

यहाँ पर बहुत सारे उत्सव भी मनाए जाते हैं, जिससे पर्यटक तो ख़ूब आते ही हैं, साथ ही इस जगह का सांस्कृतिक महत्त्व भी बढ़ता जाता है। यहाँ होने वाले उत्सवों में सितंबर में होने वाला नंदा देवी महोत्सव, फ़रवरी का वसंतोत्सव और अक्टूबर वाला नैनीताल महोत्सव बहुत प्रसिद्ध हैं।

घूमने का सही समय

मार्च से जून के महीने में घूमने के लिए ज्योलीकोट सबसे सुंदर जगह है। इस समय न तो कड़ाके वाली सर्दी पड़ती है और न ही मॉनसून की बारिश से आपको रूबरू होना पड़ता है। जगहें खुली होने और आसमान साफ़ होने के कारण आपको घूमने का भी पूरा मज़ा मिलता है।

ठहरने के लिए

द ग्लोबल रेसिडेंसी, मनु महारानी, नैनी रिट्रीट, हिमालय होटल, केएमवीएन टूरिस्ट रेंट हाउस कुछ डीलक्स होटल हैं वहीं बजट में रहने के लिए विस्ता स्टे, महाराजा होटल, प्रताप रिजेंसी होटल, सेंट्रल होटल, कोहली कॉटेज प्रमुख हैं।

कैसे पहुँचें

हवाई मार्गः देहरादून का जौली ग्रांट हवाईअड्डा सबसे नज़दीकी है। बमुश्किल 5 घंटे में आप यहाँ से ज्योलीकोट पहुँच जाएँगे।

रेल मार्गः काठगोदाम रेलवे स्टेशन ज्योलीकोट से 17 किमी0 दूर है और यह उत्तराखंड के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, देहरादून, जम्मू से आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्गः ज्योलीकोट नैनीताल से 7, काठगोदाम से 17 किमी0 दूर है। आपको ऋषिकेश, हरिद्वार या हलद्वानी से यहाँ के लिए आसानी से बस मिल जाएगी।

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