मुझे छोटे बच्चों की तरह आसमान ताकना बहुत पसन्द है। इतने कौतूहल से देखते हैं वो आसमान को, मानो सारे सवालों के जवाब आज ही पता कर लेंगे। मेरी भतीजी को भी आसमान देखना बहुत पसन्द है। पाँच साल की छुटंकी के इतने सवाल हैं कि मैं ही हर बार चुप हो जाता हूँ। फिर वो जीभ निकाल के चिढ़ाती है, "चाचू, तुमको तो कुछ भी नहीं आता"। मैं कभी उसको लद्दाख के खगोलीय सेन्टर में ले जाऊँगा। फिर तो आसमान को देखकर उसकी आँखें चकाचौंध ही हो जाने वाली हैं।
लेकिन पता नहीं वो मौक़ा कब आए। उसके पहले नैनीताल से 20 किमी0 दूर इस प्यारे से रिसॉर्ट में भैया भाभी के साथ उस छुटंकी को भी घुमाने का प्लान है। बिल्कुल साफ़ आसमान दिखता है यहाँ से। कई सारे खगोलीय उपकरण भी हैं यहाँ, जहाँ पर से आसमान की छोटी छोटी हलचल पता चले।
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सॉलिट्यूड इन द हिमालयास रिज़ॉर्ट
किनके लिए बेस्ट है यह रिसॉर्ट
शान्तिपसन्द लोगों के लिए, जिनको खुले आसमान से प्यार हो। पहाड़ों की शाम में अपने परिवार के साथ वीकेन्ड के लिए आशियाना तलाश रहे लोगों के लिए।
रिसॉर्ट के बारे में
उत्तराखण्ड की शान्त पहाड़ियों में, जहाँ पर पंछियों के चहचहाने की गूँज दूर तक सुनाई देती हो, उन्हीं कुमाऊँ की पहाड़ियों पर बसा है यह सुन्दर सा रिसॉर्ट। मैं इस रिसॉर्ट पर पहुँचकर ढेर सारी शान्ति ही महसूस कर पा रहा था, छुटंकी को भी शायद पता चले। ठंडी हवाओं वाली पहाड़ियाँ, शानदार दृश्य और लाजवाब मेहमाननवाज़ी का कायल कर देना यहाँ की विशेषता है।
इस रिसॉर्ट में 10 लग्ज़री कमरे हैं जहाँ पर कोई परिवार बड़े आराम से अपनी छुट्टियों का लुत्फ़ उठा सकता है। निर्वाण, द सीक्रेट गार्डन, अवेकनिंग, ये नाम हैं इन लग्ज़री कमरों के, हर कमरे का अपना रंग है, ख़ासियत है जो हर यात्री के अनुभव को अलग और यादगार बनाता है। लकड़ी की विशेषता वाले इन कमरों में पहाड़ों की सर्दी से बचने के ख़ासा इंतेज़ामात किए गए हैं। इसके साथ ही मेज़, टेलीविज़न, वार्डरोब, केटल और ज़रूरत की चीज़ें हर कमरे में उपलब्ध हैं।
सूरज की तपिश नहीं होती और ना ही सर्दी चुभती है, एक बाग़ान और बड़ा सा टेरेस इस रिसॉर्ट में यहाँ के नज़ारों को निहारने के लिए तैयार किया गया है। इसके साथ ही छोटे बच्चों के खेलने के लिए अलग कमरा है, जहाँ मेरी भतीजी खेल सके और एक लाइब्रेरी भी, जहाँ मैं उसके सवालों के जवाब खोज सकूँ और बाद में हीरो बन सकूँ।
ज़ायका
घर के बने खाने का सौंधापन और सादगी यहाँ पर भी साथ रहती है। लोकल डिशें ख़ूब लुभाती हैं, जो दूसरी जगहों पर प्रायः कम ही देखने मिलती हैं। प्रति व्यक्ति दोपहर के खाने का ₹700 और रात के खाने का ₹900 तक खर्च बनता है। खाने में रेंज बहुत बड़ी तो नहीं है, लेकिन कम व्यंजनों में भी ज़ायके और स्वास्थ्य का ख़ास ख़्याल रखा गया है। इसके साथ चाय का स्वाद तो है ही।
क़ीमत
दो लोगों के लिए एक दिन का कुल किराया ₹12,000 है। इसमें रहने के साथ-साथ सुबह के नाश्ते को भी जोड़ा गया है।
जाने का सही समय
रामगढ़ ऐसी जगह है जहाँ पूरा साल ही जाने का मन करता है। हर समय यह जगह खुली भी रहती है। ट्रिप प्लान करने का मन बनाया हो तो अप्रैल से जुलाई के बीच में जाने का ना सोचना, क्योंकि भले ही जगह पहाड़ों पर पड़ती हो, लेकिन झुलसाने वाली गर्मी भी अपने उफ़ान पर होती है। इससे बेहतर होगा कि नवम्बर से फ़रवरी के महीनों में ट्रिप को प्लान किया जाए। जब तापमान शून्य के नीचे पहुँच चुका होता है, यह जगह इन सर्दी वाली शामों को भुलाए नहीं भूलने देगी।
रिसॉर्ट में जाकर क्या क्या किया जाए
1. कितना साफ़ है आसमान यहाँ का
जैसा कि मैंने बताया, सबसे पहले तो मैं अपनी भतीजी को आसमान दिखाऊँगा। वो पागल ही ना हो जाए इतना साफ़ आसमान देखकर। इसके साथ ही यहाँ कई सारी मशीनें लगी हुई हैं जिनसे हर नक्षत्र साफ़ दिखता है। अगर आपका मन हो तो यहाँ स्पेशल खगोल विज्ञान की वर्कशॉप भी चुन सकते हैं।
2. नई झीलों का घूमने निकलें
अगर उत्तराखंड प्रसिद्ध है, तो उसमें झीलों का भी भारी योगदान है। रामगढ़ की झीलों का भी उसमें बहुत महत्त्व है। भीमताल, नौकुचियाताल, नैनीताल और सत्तल की झीलों का आनन्द लेने यहाँ से निकला जा सकता है।
3. पास में पड़ता है मुक्तेश्वर
इस रिसॉर्ट से क़रीब 50 किमी0 दूर पड़ती है मुक्तेश्वर नाम की जगह। हर फक्कड़ मुसाफ़िर इस नाम को अच्छे से समझता है, जानता है। मुक्तेश्वर में घूमने के साथ कैंपिंग, पैराग्लाइडिंग, पहाड़ चढ़ना, रैपलिंग जैसी चीज़ें भी होती हैं। इन कैंपों में जाने का जो आनन्द है, वो तो किसी से छुपा नहीं है। माउंटेन बाइकिंग का जो नया शौक़ है, वो भी यहाँ पर पूरा किया जा सकता है।
इसके साथ ही नन्दा देवी की चोटी पर कैंपिंग करने का आनन्द भी मुक्तेश्वर आकर पूरा होता है।
4. भालू गाड, झरने पर मोहक पंछियों का दर्शन
मुक्तेश्वर से कुल 7 किमी0 दूर ही, उत्तराखण्ड का धारी गाँव पड़ता है जो भालू गाड झरने के ट्रेक का पहला पड़ाव है। धारी गाँव से शुरू होकर 45 मिनट का छोटा सा ट्रेक पूरा करो तो सामने के दर्शन देखकर पूरे ट्रेक की थकान फुर्र हो जाए। पिकनिक मनाने के लिए बेहद उपयुक्त जगह, शायद इससे अच्छा कुछ और हो। सामने 60 फ़ीट का झरना, जिसमें से सफ़ेद रंग वाला दूधिया पानी ज़ोरों से अपने होने का पर्याय दे रहा हो, उसमें गोते लगाना क्या अनुभव होगा, आप समझ सकते हैं।
5. कैंची धाम की यात्रा
इस आश्रम की ख़ासियत बस इस बात से ही मापी जा सकती है कि यहाँ पर स्टीव जॉब्स और मार्क ज़करबर्ग दर्शन करने आ चुके हैं। रिसॉर्ट से महज़ 20 किमी0 दूर इस जगह पर कभी श्री नीम करोली बाबा महाराज जी ध्यान साधना करते थे। आज यह मंदिर हर दिन हज़ारों श्रद्धालुओं को अपने दर्शन देता है। अगर आप इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यहाँ के स्टाफ़ से भी बात कर सकते हैं। इसके साथ ही तीन दिन रुकने का प्लान भी तैयार कर सकते हैं।
नैनीताल टूर पैकेज ₹8200 से शुरू। बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
कैसे पहुँचें
यहाँ हम आपको दिल्ली से मिलने वाले रास्ते के बारे में बताएँगे।
सड़क मार्गः दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 24 पकड़िए। लगभग 305 किमी0 दूर पड़ेगी यह जगह।
रेल मार्गः नई दिल्ली से काठगोदाम के लिए ट्रेन आपको लगभग 8 घंटे में पहुँचा देगी। यहाँ से इस रिसॉर्ट की कुल दूरी 40 किमी0 की है जो आप टैक्सी या कैब करके पूरी कर सकते हैं। ट्रेन का स्लीपर किराया ₹200 तथा 3 टियर एसी किराया ₹500 तक है।
हवाई मार्गः नई दिल्ली से पन्तनगर के लिए फ़्लाइट का किराया ₹6,000 होगा। यहाँ से आधे घंटे में आप टैक्सी करके इस रिसॉर्ट तक आ जाएँगे।
यह रहा मेरा पहला अनुभव, जो इस रिसॉर्ट में आकर मिला।
आपके पास भी कई क़िस्से होंगे खुले आसमान के नीचे छोटी-छोटी गुपचुप बातों के, कैंपिंग या कहीं दूर पहाड़ों के, हमें लिख भेजें। अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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