
Date - 14-06-2020
Location-📍Kalimath
Spirituality.............
.कालीमठ में तीन अलग-अलग भव्य मंदिर है जहां मां काली के साथ माता लक्षमी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है। कालीमठ मंदिर में 8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित एक दिव्य चट्टान भी है जहां आज भी मां काली के चरण पादुका के निशान मौजूद हैं और इस चट्टान को काली शिला के नाम से भी जाना जाता है। मां काली के पैरों के निशान से जुड़ी एक रोचक बात है ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज दानव का संहार करने के लिए कालीशीला में 12 वर्ष की बालिका रूप में प्रकट हुई थी।
कालीशीला में देवी देवता के 64 यन्त्र है, मां दुर्गा को इन्ही 64 यंत्रो से शक्ति प्रदान हुई थी। कहते है कि इस स्थान पर 64 योगनिया विचरण करती रहती है। मान्यता है कि इस स्थान पर शुंभ-निशुंभ दानवों से तंग आकर सभी देवी देवताओं ने मां भगवती की तपस्या कि थी जिसके बाद मां काली प्रकट हुई और असुरों के आतंक के बारे में सुनकर मां का शरीर क्रोध से काला पड़ गया और उन्होंने विकराल (भयावह) रूप धारण कर युद्ध में दोनों दानवों का वध कर दिया था।

