आश्चर्य की भूमि चित्रकूट....
64 वर्षों से सूरजकुण्ड में अनवरत जारी है अखण्ड रामनाम संकीर्तन, यहां 42 गांव के लोगों की कीर्तन में लगती है ड्यूटी, अनुपस्थिति पर खुद लोग काटते हैं सजा, रामनाम बैंक भी अदभुत, सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम के दर्शन करने को उतरा था भगवान सूर्य का रथ, जिस जगह रथ उतरा वहां अथाह कुंड मंदाकिनी में आज भी मौजूद और पिघले पत्थर हैं गवाह, इसी वजह से स्थल कहलाया सूरजकुंड, अतिविचित्र पावन, मनभावन प्रभु श्री राम का चित्रकूट....
इस स्थान पर पहुंचने का बहुत ही आसान तरीका है, इसके सबसे नजदीक का स्टेशन चित्रकूट रेलवे स्टेशन है । यहां स्टेशन पहुंचने के बाद 4 किलोमीटर पर बेड़ी पुलिया चौराहा पड़ता है ,जहां पर एक रास्ता चित्रकूट की तरफ कामदगिरि धाम की ओर चली जाती है ,ठीक इसके विपरीत की दिशा में सूरजकुंड के रास्ता वाली रोड जाती है ।इसी रोड से अंदर 4 किलोमीटर में यह दिव्य स्थान सूरजकुंड पड़ता है यहां पहुंचने के बाद अत्यंत ही आनंद की अनुभूति होती है, क्योंकि मंदाकिनी नदी प्रवाहित होती है उसका कल-कल बहता पानी अत्यंत ही मन को शीतलता प्रदान करता है ।उसके किनारे सूरजकुंड का मंदिर जहां पर अनवरत अखंड संकीर्तन करती है मन को दिव्य अनुभूति प्रदान करता है ।अतः एक बार चित्रकूट अगर दर्शन करने आते हैं तो इस दिव्य स्थान सूरजकुंड जरूर आवे ।सच में यहां आप आकर अब अत्यंत दिव्यता की अनुभूति प्राप्त होगी।