फिल्म गली बॉय में रणवीर सिंह की एक धुआँधार रैपर के रूप में अदाकारी के साथ ही मुंबई शहर के भी कई पहलू देखने को मिले | मगर अपनी बात करूँ तो सबसे प्रभावित मुझे इस शहर के उस हिस्से ने किया जहाँ से ये सब शुरू हुआ था- धारावी |
अपने आप में एक अलग देश माना जाने वाला धारावी मुंबई के नक्शे पर बिना किसी सीमा के अतिक्रमण किए हुए है | धारावी झुग्गी बस्ती के अंदर 600 एकड़ की ज़मीन आती है और इसे दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला इलाक़ा भी माना जाता है |
वैसे तो यहाँ रहने वालों की रोज़मर्रा ज़िंदगी काफ़ी मुश्किल होती है, मगर फिर भी ये मुंबई की सबसे ज़्यादा पहचानी जाने वाली जगहों में से एक है |
तो ऐसा क्या है जो धारावी को इतना ख़ास बनाता है? आइए धारावी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानें :
मुंबई का छिपा खजाना
बाहर से भले ही ये किसी पिछड़े देश की बदबूदार झुग्गी की तरह दिखती हो, मगर यहाँ चलने वाले 5000 से 6000 व्यापार मुंबई के राजस्व में अपना योगदान देते रहते हैं | छोटे स्तर के ये धंधे हर साल अर्थव्यवस्था में लगभग 650 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 6,800,00,00,000 करोड़ रुपए तक का योगदान देते हैं! रह गए ना दंग?
घना शहरी जंगल
ये इतना ज़्यादा बसा हुआ है क़ि धारावी के रिहायशी इलाक़ों में एक एकड़ में करीब 430 लोग बसे हुए हैं | यहाँ करीब 6,00,000 लोग रहते हैं जिनमें ज़्यादातर हिंदू, मुस्लिम और ईसाई हैं |
सैलानियों का संसार
धारावी इतना बड़ा और घने रूप से बसा है कि यहाँ की गलियों में घुमाने के लिए टूर डिज़ाइन किए हुए हैं | कल्पना से परे की ज़िंदगी को अपनी आँखों से देखने के लिए यहाँ सैलानियों की भीड़ उमड़ती है | हालाँकि लोगों की निजी ज़िंदगी में अड़चन पैदा ना करने के लिए टूर ओपरेटर यहाँ फोटोग्राफी नहीं करने देते |
कैमरे के आगे कोई शरम नहीं
स्लमडॉग मिलियनेयर के रिलीज़ होने से ही लोगों का इस इलाक़े पर ध्यान गया | इस जगह की असलियत और सच्ची कहानी को कई सालों से फिल्मों और गानों के ज़रिए बयान करने की कोशिश करी जा रही है | कमीने, भूतनाथ रिटर्न्स, सलाम बॉम्बे, फुटपाथ, ब्लैक फ्राइडे, काला, ट्रैफिक सिग्नल जैसी कई फिल्मों ने धारावी की ज़िंदगी को सिल्वर स्क्रीन पर लोगों के सामने पेश करने की कोशिश की है |
अनौपचारिक व्यापार केंद्र
धारावी अपने मिट्टी के बर्तनों और कपड़ा उद्योगों के लिए मशहूर है और साल भर में 1 बिलियन डॉलर का कारोबार करता है | धारावी के रीसाइक्लिंग उद्योग के कारण लगभग 2,50,000 लोगों को रोजगार मिलता है | यह जगह USA, UAE और यूरोप में चमड़े के उत्पाद, कपड़ा, आभूषण और दूसरा सामान निर्यात करता है |
भविष्य की तैयारी
धारावी को फिर से विकसित करने की योजना साल 2004 से पाइपलाइन में है और इसमें 5000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है | आज 15 साल बाद पुनर्विकास में 26000 करोड़ का खर्चा होने का अनुमान है | अगर योजना पास हो जाती है तो लगभग 68000 लोगों को दूसरी जगह बसाना होगा |
बोहोत हार्ड लगा ना अपना बंबई ?
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