मध्यप्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन के दर्शनीय स्थल

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Photo of मध्यप्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन के दर्शनीय स्थल by Dr. Yadwinder Singh

मध्यप्रदेश में शिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ उज्जैन भारत का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है| उज्जैन का नाम 12 जयोतिलिंगो में भी आता है| उज्जैन हिन्दू धर्म के सप्त पुरियों में भी शामिल हैं| यह भारत के सात पवित्र शहर है - हरिद्वार, अयोध्या, मथुरा, काशी, कांचीपुरम, द्वारका और उज्जैन | उज्जैन को अविंतका नगरी भी कहा जाता है| ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में इस नगरी में एक धर्मात्मा ब्राह्मण रहता था| दूषण नाम के एक राक्षस ने इस नगर को घेरकर लोगों को त्रस्त करना आरंभ कर दिया| लोग उस ब्राह्मण की शरण में गए| ब्राह्मण ने भगवान शिव का तप किया | उसके तप से प्रसंन होकर भगवान महाकाल प्रकट हुए और उस राक्षस का संहार किया| भक्तों ने भगवान शिव से प्रार्थना की और महाकाल जी ने उज्जैन में ही निवास कर लिया| भगवान महाकाल ज्योतिर्लिंग के रुप में स्थापित हो गए| उज्जैन शहर  एक धार्मिक स्थल है| यहाँ पर बहुत सारे धार्मिक मंदिर है जो दर्शनीय है|

उज्जैन महाकाल मंदिर

Photo of उज्जैन by Dr. Yadwinder Singh

महाकालेश्वर मंदिर
इस मंदिर का नाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में आता है| मुख्य मंदिर के मार्ग में अंधेरा रहता है| इस मंदिर में भगवान शिव शिवलिंग के रुप में विराजमान है| लिंग मूर्ति विशाल है इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पूरे भारत से श्रदालु आते हैं| महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती पूरे देश में प्रसिद्ध है| मुझे भी 2014 में मध्यप्रदेश यात्रा में इस आलौकिक मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य मिला था|
उस समय भी इस मंदिर में बहुत भीड़ थी| तीन चार घंटे लाईन में लगकर मैंने दर्शन किए थे|

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन

Photo of महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग by Dr. Yadwinder Singh

महाकालेश्वर मंदिर

Photo of महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग by Dr. Yadwinder Singh

हरसिद्धि मंदिर उज्जैन
यह उज्जैन का दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है| एक पुरातन कथा के अनुसार भगवान शिव कैलाश में एक बार अपनी पत्नी गौरी के साथ पासा खेल रहे थे| चंड और प्रचंड नाम के दो असुरों ने उनके खेल में बाधा डाली और नंदी को घायल कर दिया| भगवान शिव ने देवी का धयान किया और उन राक्षसों का संहार करने की प्रार्थना की| भगवती ने प्रकट होकर हर का कार्य सिद्ध किया| इसी कारण उन्हें हरसिद्धि कहा जाता है| हरसिद्धि सम्राट विक्रमादित्य की कुल देवी थी| यहाँ सती की केहुनी गिरी थी| उज्जैन में दर्शन करने के लिए आए श्रदालु इस मंदिर में भी आते है|

हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन

Photo of Harsiddhi Chauraha by Dr. Yadwinder Singh

महाकाली गढ़ कालिका मंदिर
यह भी उज्जैन का प्रसिद्ध मंदिर है| ऐसा माना जाता है कि महाकवि कालिदास भी इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आते थे| इस मंदिर में कालिका माता की प्राचीन मूर्ति बनी हुई है|

गढ़ कालिका मंदिर उज्जैन

Photo of Gadh kalika Mata Temple by Dr. Yadwinder Singh

भर्तृहरि गुफा
यह एक संकरी गुफा है| इसमें प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं जिसको भर्तृहरि की समाधि कहा जाता है| पार्किंग से कुछ दूर चलकर आपको सीढ़ियों से उतरकर एक ग्राऊंड आता है| इस गुफा मे शिवलिंग बना हुआ है| लोग कहते हैं कि इस गुफा का संबंध गोरखनाथ जी से भी है| भर्तृहरि जी ने यहाँ पर 25 वर्ष तक तपस्या की थी|

भर्तृहरि गुफा

Photo of Bharthari Gufa Road by Dr. Yadwinder Singh

सिद्ध वट उज्जैन
यह एक प्राचीन वटवृक्ष है जिसको सिद्ध वट के नाम से जाना जाता है| यह शिप्रा नदी के किनारे पर स्थित है| यह आकार में छोटा है| श्रदालु इस जगह पर भी आते हैं| ऐसा माना जाता है कि इस वृक्ष को माता पार्वती ने लगाया था| ऐसा कहते हैं यह वृक्ष अमर है |

सिद्ध वट उज्जैन

Photo of Siddhawat Marg by Dr. Yadwinder Singh

बड़ा गणेश मंदिर
मुख्य मंदिर के पास ही गणेश जी का मंदिर है| इस मंदिर में बड़े गणेश जी की आधुनिक बहुत सुंदर मूर्ति स्थापित है| इस मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भी बनी हुई है|

बड़ा गणेश मंदिर उज्जैन

Photo of Shree Bada Ganesh Mandir by Dr. Yadwinder Singh

उज्जैन कैसे पहुंचे
उज्जैन देश के सभी राजमार्ग से जुड़ा हुआ है| यहाँ का नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर है जो उज्जैन से 53 किलोमीटर दूर है| आप सीधे रेलवे मार्ग से भी उज्जैन पहुंच सकते हो| उज्जैन बस मार्ग से भी आ सकते हो मध्यप्रदेश के सभी शहरों से आप बस से उज्जैन आ सकते हो| रहने के लिए आपको उज्जैन में बहुत सारी धर्मशाला और होटल आदि मिल जाऐंगे|

उज्जैन में शिप्रा नदी

Photo of Ujjain railway station by Dr. Yadwinder Singh

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