भीलवाड़ा से उदयपुर जाना मेरा हर महीने में दो बार तो हो ही जाता हैं कभी पारिवारिक काम से तो कभी ऑफिशियल काम से।यहां के आयड़ में तो आता जाता रहता हूं लेकिन कभी यहां के इन पुरातात्विक स्थलों पर मैने कभी लिखा नही,मुझे कुछ खास समझ भी ना थीं।अब पिछले 6 महीने से इतिहास पर कई क्लासेज पढ़ी,कोर्स किए,अनेकों पुस्तकें पढ़ी तो इन सबके बारे में इंटरेस्ट खुद ही जाग उठा हैं।
उदयपुर के इसी "आहड़/आयड" के बारे में सभी ने बचपन में इतिहास में पढ़ा ही होगा। सिन्धु घाटी सभ्यता के समकालीन पाँच हजार वर्ष पुरानी आहड़ सभ्यता के कारण यह जगह इतिहासकारों के लिए एक खोज की जगह हैं।पास ही बह रही नदी के किनारे यहां सभ्यता फली फूली थी। ये फोटो आयड के ही गंगू कुंड के हैं।
यहाँ पर कई प्राकृतिक जलस्त्रोत बने हैं,हिंदू और जैन देवी देवताओं की मूर्तियां यहां के मंदिरों में स्थापित हैं।
यहां 11वी शताब्दी की मूर्तियां यहां निकली हैं। इसी के पास में अनेकों छतरिया बनी हुई हैं जहां अनेकों बॉलीवुड फिल्म (कुछ समय पहले ही फिल्म "धड़क") की शूटिंग होती रहती हैं।यहां पास ही इस्कोन मन्दिर हैं।बाहर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की दुकानें हैं, जो मेरे जैसे संगीत के विद्यार्थियों को बहुत आकर्षित करती हैं।कुछ ही दूरी पर जैन मंदिर और आहड़ पुरातात्विक संग्रहालय हैं।इन सब पर पोस्ट जल्द ही आएगी। इन जगहों की जानकारी सामान्यत: टूरिस्ट और टूरिस्ट कम्पनियों को कम हैं।जो लोग बाहर से उदयपुर आते हैं मुझसे जानकारी लेते हुऐ,उन्हे मैं तो इधर भेजता ही हूं।
-Rishabh Bharawa