उदयपुर (Udaipur)
नाम सुनते ही ज़हन में बड़ी-बड़ी झीलें और पहाड़ आ जाते हैं. इसीलिए तो उदयपुर को राजस्थान की जन्नत कहा गया है| वेसे तो अक्सर लोग उदयपुर एक या दो दिन में घूम कर आ जाते हैं| लेकिन अगर सही मायनों में देखा जाए तो उदयपुर और उसके आसपास की जगहों को ढंग से घुमने के लिए आपको कम से कम पांच दिनों (5 Days) का वक्त लग सकता है| इसलिए अगर उदयपुर आने का मन बना रहें हैं तो ज़रा छुट्टियाँ बढ़ा कर आइयेगा.
उदयपुर (Udaipur) राजस्थान का एक छोटा सा जिला है, जो अपने आप में अपनी बेहद शानदार खूबसूरती के लिए जाना जाता है! उदयपुर पहुँचने के लिए आप हवाई मार्ग, रेलवे और सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं| उदयपुर हवाईअड्डा (Udaipur Airport) उदयपुर से लगभग 20 km दूर डबोक में स्थित है| जहा से जयपुर, जोधपुर, दिल्ली, मुंबई और औरंगाबाद जैसे बड़े शहरों से हवाई यात्रा की जा सकती है| सड़क मार्ग से उदयपुर राष्ट्रिय राजमार्ग 8 (NH 8) से पहुंचा जा सकता है|
उदयपुर में घुमने वाली जगहें (Place to Visit in Udaipur)
वैसे तो उदयपुर को झीलों की नगरी (Udaipur-CIty of lakes) कहा जाता है, लेकिन झीलों के अलावा उदयपुर अपनी राजस्थानी शैली को भी बड़े बखूबी ढंग से प्रदर्शित करता है| तो चलिए आपको सैर कराते हैं
उदयपुर की झीलें (Lakes of Udaipur)
वैसे तो उदयपुर में कई झीलें है, इसीलिए इस शहर को झीलों का शहर कहा जाता है| लेकिन उदयपुर में सबसे खास कुल सात झीलें हैं|
पिछोला
दुध तलाई
स्वरुप सागर
गोवर्धन सागर
फतह सागर
रंग सागर
कुमारी तालाब
इन झीलों को उदयपुर की बहने भी कहा जाता है क्यों की यह उदयपुर की जीवन रेखा है|यह झीलें उस ज़माने की इन्जिनीरिंग का एक बेजोड़ उदाहरण है, एक झील में पानी ज्यादा होने पर उसका पानी अपने आप दूसरी झील में चला जाता है|
सिटी पैलेस उदयपुर(City Palace Udaipur)
उदयपुर (Udaipur) के बीचो-बिच अपनी राजपूती शानो-शोकत को बरकरार रखता उदयपुर का सिटी पैलेस मानो यहाँ आने वाले हर मुसाफिर को यही कह रहा हो पधारो म्हारे उदयपुरसाल 1959 में महाराणा उदय सिंह ने पिछोला झील के किनारे राजपूत शैली के इस भव्य महल का निर्माण करवाया| सिटी पैलेस से पुरे उदयपुर शहर को देखा जा सकता है| सिटी पैलेस में कई द्वार है, लेकिन बड़ा पोल या ग्रेट गेट महल का मुख्या द्वार है| कहा जाता है की इसी गेट के सामने कभी हाथियों की लड़ाई होती थी| सिटी पैलेस की भव्यता और खूबियों से सैलानियों को अवगत करवाने के लिए गाइड की सुविधा भी उपलब्ध है|
जगदीश मंदिर उदयपुर (Jagdish Mandir Udaipur)
सिटी पैलेस से बहार निकलते ही आपको एक भव्य मंदिर का गुम्बद दिखाई देगा, जिसे जगदीश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है| जगदीश मंदिर उदयपुर का सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है| यह सिटी पैलेस से महज कुछ कदम की दुरी पर ही स्थित है इसलिए इसे सिटी पैलेस परिसर में ही माना जाता है| यह मंदिर उदयपुर के महाराणा जगत सिंह द्वारा बनाया गया था| मंदिर में भगवन विष्णु की चार हाथो वाली प्रतिमा के दर्शन किये जा सकते हैं|
बागौर की हवेली (Baagaur ki Hawel)
बागौर की हवेली वास्तुकला और भित्तिचित्रों का एक नायब संगम है| हवेली में कुल 138 कमरे हैं| इस हवेली का निर्माण 18 वी शब्ताब्दी में हुआ था| बागौर की हवेली में हर शाम 7 बजे मेवाड़ी नृत्य और राजस्थानी नृत्य का आयोजन किया जाता है जिसे देखने देश विदेश से पर्यटक आते है और उदयपुर की यादों को अपने साथ ले जाते हैं| यह हवेली पिछोला झील की किनारे गणगौर घाट पर स्थित है| यहाँ आप “म्हारी घुमर छे नखराली” जैसे गीतों पर नृत्य का आनंद उठा सकते हैं|
फतह सागर झील उदयपुर(Fatah Sagar Udaipur)
फतह सागर झील का निर्माण महाराणा फतह सिंह द्वारा करवाया गया था| नाशपाती (Pear) आकर की यह झील पिछोला झील से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित है| झील के बिच में एक टापू है, जिस पर एक बगीचा बनाया गया है जिसे नहरू उद्यान के रूप में भी जाना जाता है| झील के समीप ही एक सौर वेद्यशाला को भी स्थापित किया गया है| शाम के वक्त इस झील के किनारे घुमने का अपना अलग मज़ा है| अगर आप शाम के वक़्त झील किनारे समय बिताना चाहते हैं तो फतह सागर झील एक अच्छा विकल्प है|
सज्जन गढ़ या मानसून भवन (Sajjangadh or Mansun Bhavan Udaipur)
सज्जनगढ़ एक पहाड़ी पर स्थित है जहाँ कार या जीप (जीप किराए से मिल सकती है) से जाया जा सकता है| सज्जनगढ़ का निर्माण महाराजा सज्जन सिंह जी मानसून पर निगरानी के लिए करवाया था इसीलिए इसे मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है| सज्जनगढ़ के निचे एक अभ्यारण है जहाँ जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकता है| मानसून भवन से झीलों का नज़ारा अलग ही दिखाई पड़ता है| शाम के वक्त सज्जनगढ़ दुधिया रौशनी में एक किले के सामान दिखाई पड़ता है| अगर आप पहाड़ और उसकी ऊंचाई से उदैपुर को देखना चाहते है तो एक बार सज्जनगढ़ ज़रूर जाए|
सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon ki Badi Udaipur)
सहेलियों की बाड़ी उदयपुर शहर के बिच में स्थित एक बाग़ है, जहाँ आप विभिन्न प्रकार के फूलों के साथ-साथ फव्वारों को देखने का आनंद भी ले सकते हैं| कहा जाता है की सहेलियों की बड़ी में लगे इन फव्वारों को इग्लैंड से मंगवाया गया था| यहाँ श्रावण महीने की अमावस्या को शहरवासियों का एक मेला भी पड़ता है| अगर आप सावन महीने (July-Agust) में उदयपुर घुमने का प्लान बना रहें हें तो इस मेले का लुफ्त ज़रूर उठायें| सहेलियों की बाड़ी उद्यान रोज़ सुबह नौ से शाम छः बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है|
करणी माता मंदिर उदयपुर(Karni Mata Mandir Udaipur)
करणी माता मंदिर दूध तलाई के निकट एक पहाड़ी पर स्थित है| मंदिर तक जाने के लिए सीढियों व् रोपवे दोनों मार्ग उपलब्ध है| लेकिन अगर आपका बजट थोडा ज्यादा है और आप रोप वे (Ropeway in Udaipur) का मज़ा लेना चाहते हैं तो करणी माता मंदिर घुमने का मज़ा दुगना हो सकता है| करनी माता मंदिर में सैलून से चूहों को प्रशाद खिलने की अनूठी परंपरा है, अगर आपको चूहों से डर लगता है तो थोडा ध्यान से जाइएगा|
उदयपुर के आस-पास घुमने वाली जगहें (Place to Visit Near in Udaipur)
अगर आप उदयपुर के आसपास घुमने का सोच रहें हैं तो उदैपुर के आसपास भी घुमने वाली कई जगह हैं…..
हल्दी घाटी
नाथद्वारा
माउन्ट आबू
एकलिंग जी
कुम्भलगढ़
चित्तौडगढ़