त्रिपुरा यात्रा 1
त्रिपुरा का अगरतला एयरपोर्ट ऐसा एयरपोर्ट है जो अपनी बाउंडरी से अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी बनाता है। अगरतला अभी सिर्फ डोमेस्टिक एयरपोर्ट है पर इसको इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। किंतु ये एयरपोर्ट भारत और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित है इसलिए इसका विस्तार करने में समस्या आ रही है। इसलिये त्रिपुरा सरकार ने विगत वर्ष भारत सरकार से पत्र लिखकर ये गुजारिश भी की थी कि भारत सरकार अपने स्तर पर बांग्लादेश से बात करे और अगरतला एयरपोर्ट के विस्तार हेतु तकरीबन 2 किमी जमीन भारत को दे दे। इसके बदले में जो भी समझौता हो वो भारत सरकार अपने स्तर पर देखे। हालांकि इस गुजारिश की आगे क्या प्रोग्रेस हुई वो अभी पता नही चल सका है। इसके अलावा यदि आपको लगता है कि त्रिपुरा कौन जाता होगा तो उसके लिए भी बता दूं कि अगरतला एयरपोर्ट गुवाहाटी के साथ साथ उत्तर पूर्व के सबसे व्यस्तम एयरपोर्ट में से एक है। कुछ साल पहले तक बड़ी लम्बी दूरी की ट्रेनों के लिए त्रिपुरवासियों को गुवाहटी जाना होता था किंतु अब राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी यहां से दौड़ती हैं जिससे त्रिपुरा की देश के बाकी हिस्सों से अच्छी कनेक्टिविटी हो गयी है। एक major व स्थायी समस्या जो लगती है वो है त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति। बांग्लादेश के उस पार स्थित होने की वजह से कोलकाता से अगरतला की दूरी ट्रैन से तय करने में भी करीब 38 घण्टे का समय लग जाता है। त्रिपुरा की 84% सीमा बांग्लादेश और मात्र 16% सीमा भारत के अन्य राज्यों से लगती है। यहां 19 जनजातियां रहती हैं। त्रिपुरा में अब तक 184 राजाओं का शाशन रहा है जिनका क्रमवार वर्णन अभी भी उपलब्ध है। आपको जानकर गर्व होगा कि ऐसा शानदार लिखित इतिहास विश्व मे जापान राजवंश के अलावा और कहीं नही मिलता है। अपनी यात्रा के पहले दिन मैंने अगरतला पहुँच कर अपने एक दोस्त से बाइक ली और फिर उदयपुर के पास एक गाँव मे अपने मेजबान के घर जा पहुंचा उसका मेहमान बनने। जहां त्रिपुरा की एक जनजाति ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान देकर मेरा स्वागत किया। इस तरह पहले दिन की शानदार याद से मेरी त्रिपुरा यात्रा की शुरुआत हुई। बाकी यात्रा अगले हिस्से में....क्रमशः।
वीडियो YouTube पर है, चैनल नाम - Musafir Man
अगरतला, त्रिपुरा, भारत।