त्रिपुरा को पूर्वोत्तर भारत की खिड़की के तौर पर जाना जाता है। इस जगह पर पहुंचकर आप पूरे पूर्वोत्तर भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलू को देख, समझ और जान सकते हैं। यह अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस छोटे से प्रदेश में फरवरी का महीना शुरू होते ही सैलानियों की आवाजाही शुरू हो जाती है और अक्टूबर तक चलती है। आखिर क्या ऐसा खास है कि इस जगह पर हर कोई आना चाहता है इसी बात को समझने की कोशिश में मुझे त्रिपुरा के बारे में काफी कुछ पता चला।
इस जगह पर सबसे पहले मैं 2003 में गया था। उस समय मैं बहुत छोटा था और घूमने का कोई खास मौका भी नहीं मिला इसलिए मेरी आधी-अधूरी स्मृतियों में वहां के कुछ पहाड़ों, जंगलों और सैकड़ों साल पुराने अटूट आस्था से जुड़े मंदिरों के अलावा ज्यादा कुछ दर्ज नहीं हो पाया। लेकिन जितना कुछ दर्ज हो पाया उसी के माध्यम से मैंने नार्थ ईस्ट की संस्कृति को समझा। एक तरह से देखा जाए तो त्रिपुरा एक आदिवासी बाहुल्य इलाका है और इस जगह को यहां के जंगलों, पहाड़ों और मंदिरों ने ही पवित्र बनाया है।
त्रिपुरा कैसे पहुंचे ?
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है और त्रिपुरा का पर्यटन हर तरह के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। अगरतला पहुंचने के लिए सभी बड़े शहरों से हवाई सुविधा उपलब्ध है। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आपको कुमारघाट स्टेशन कोलकाता पहुंचना होगा। कुमारघाट स्टेशन कोलकाता, अगरतला से 140 किमी की दूरी पर स्थित है और दिल्ली, इंदौर, चेन्नई और बैंगलोर से अच्छी तरह जुड़ा है। स्थानीय जगहों पर घूमने के लिए सार्वजानिक परिवहन एक अच्छा विकल्प है।
त्रिपुरा में पर्यटन
त्रिपुरा अपनी जैवविधता के लिए जाना जाता है। इस जगह पर आपको हरियाली और सुन्दर वातावरण मिलेगा जिसमें पहुंचकर आपका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। अगर आप त्रिपुरा घूमने अथवा अपनी छुट्टियां बिताने के लिहाज से आते हैं तो कुमारघाट, उदयपुर, अगरतला और अमरपुर जैसी जगहों पर जरूर जाएं।
कुमारघाट
कुमारघाट की बात करें तो यह त्रिपुरा के उत्तर में स्थित अनानास की विस्तृत स्तर की खेती के लिए जाना जाता है और देश ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। लोग इस जगह पर फलों की खेती देखने के लिए लोग आते हैं। इस जगह पर ही वेणुबन विहार है जिसे मगध राजा बिम्बिसार ने बनवाया था। वर्तमान में इसे हिरन पार्क और चिड़िया घर के रूप में विकसित कर दिया गया है। इस जगह पर एक झील भी है जिसे कमला सागर कहा जाता है।
उदयपुर
त्रिपुरा यात्रा के दौरान अगरतला से 55 किमी दूर उदयपुर भी आप घूम सकते हैं। यह अपने भव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। त्रिपुर सुंदरी मंदिर और भुवनेश्वरी मंदिर इस जगह के सबसे खास मंदिरों में गिने जाते हैं। सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य भी इसी जगह पर स्थित है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, आपको जैविक विविधता अच्छी लगाती है तो सिपाहीजला में आपको वनस्पति उद्यान, चिड़ियाघर, झील और नौका विहार की सुविधा मिलती है। जिसे आप काफी एन्जॉय करेंगे।
अगरतला
अगरतला त्रिपुरा की राजधानी के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। इस जगह पर भी घूमने और देखने के लिए काफी कुछ है। इस जगह पर आकर त्रिपुरा की पूरी-पूरी झलक मिलती है। यह चावल, जूट, चाय और तेल के बीज के ताजा उत्पादन के लिए जाना जाता है। अगरतला में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में उज्जयंत पैलेस, कुंजाबन पैलेस और नेरामहाल आता है। ये महल शाही युग की सरल वास्तुकला को दर्शाते हैं तथा अपने समय की कहानी कहते हैं।
उनाकोटि
जिसे पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े रहस्यों में भी गिना जाता है, वह है उनाकोटि। यह स्थान काफी सालों तक अज्ञात रूप में इस जगह पर मौजूद रहा है, हालांकि अब भी बहुत लोग इस स्थान का नाम तक नहीं जानते हैं। जगंलों की बीच शैलचित्रों और मूर्तियों का भंडार अगर देखना हो तो उनाकोटि जा सकते हैं। यह जितना अद्भुत है उससे कहीं ज्यादा दिलचस्प इसका इतिहास है।
अमरपुर
घूमने के लिहाज़ से त्रिपुरा में स्थित अमरपुर भी एक अच्छी जगह है। इस जगह को त्रिपुरा का एक आदर्श पिकनिक स्थल माना जाता है। अमरपुर में एक कृतिम जेएल भी है जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। इस जगह पर सैलानी आकर अपनों के साथ समय व्यतीत करते हैं। शहर का अधिकांश भाग प्राचीन खंडहरों पर खड़ा है और इसमें मंगलचंद को समर्पित एक मंदिर भी है। डूमबोर झील और चौबिमुरा अमरपुरा में दो अन्य झीले भी हैं जहां सैलानी जाना पसंद करते हैं।
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