खजुराहो मध्य प्रदेश की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। अगर आपको भीड़भाड़ वाली जगहें पसंद नहीं है तो खजुराहो आपके लिए एकदम परफेक्ट है। इस छोटे-से शहर के कोने-कोने में इतिहास फैला हुआ है। खजुराहो को मंदिरों का शहर कहा जाता है। चारों तरफ आपको मंदिर ही मंदिर मिलेंगे। खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आता है। पन्ना से खजुराहो 40 किमी. की दूरी पर है। यहाँ देखने के लिए इतना कुछ है कि आपकी छुट्टियां कम पड़ जाएँगी। खजुराहो में क्या देखा जाए, कैसे घूमा जाए? इसकी सिलसिलेवार जानकारी हम आपको दे देते हैं।
इतिहास
खजुराहो बुंदेलखंड इलाके में पड़ता है। प्राचीन समय में इसे वत्स नाम से, मध्य काल में जेजाकभुक्ति के नाम से और 14वीं शताब्दी के बाद बुंदेलखंड के नाम से जाना जाता है। खजुराहो चंदेश वंश की राजधानी रही है। कहा जाता है कि यहाँ पहले 85 मंदिर हुआ करते थे लेकिन इस समय सिर्फ 25 मंदिर ही शेष हैं। ये के ज्यादातर मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थरों से हुआ है। इन मंदिरों की नक्काशी बेहद दिलचस्प और शानदार है। हर किसी को एक बार इन मंदिरों को देखने के लिए खजुराहो जरूर आना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट: अगर आप हवाई मार्ग से खजुराहो आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम खजुराहो एयरपोर्ट है। खजुराहो शहर से एयरपोर्ट लगभग 5 किमी. है। हवाई अड्डे से खजुराहो कैब बुक करके या फिर आप बस से आ सकते हैं।
ट्रेन: यदि आप रेल मार्ग से खजुराहो आना चाहते हैं तो सबसे नजदीक में खजुराहो रेलवे स्टेशन है। स्टेशन शहर से कुछ किमी. की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन पर आपको ऑटो मिल जाएगी।
वाया रोड: अगर आप सड़क मार्ग से खजुराहो आना चाहते हैं तो झांसी और पन्ना से खजुराहो के लिए बस आराम से मिल जाएगी। अगर आप खुद की गाड़ी से आ रहे हैं तो खजुराहो की यात्रा शानदार रहेगी।
क्या देखें?
दिन 1
रानेह वाटरफॉल
रानेह वाटरफॉल खजुराहो की सबसे शानदार जगहों में से एक है। मानसून में ये जगह और भी खूबसूरत लगती है। रानेह वाटरफॉल केन घड़ियाल सैंक्चुरी में स्थित है जो खजुराहो शहर से 22 किमी. की दूरी पर स्थित है। अगर आप खुद की गाड़ी से आए हैं तब तो यहाँ पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं है। अगर आपके पास गाड़ी नहीं है तो स्कूटी को किराए पर ले सकते हैं। केन घड़ियाल सैंक्चुरी में जाने का टिकट 100 रुपए का है और गाइड करते हैं तो 125 रुपए और देने पड़ेंगे। रानेह वाटरफॉल देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा।
पांडव फॉल और केव
रानेह वाटरफॉल को देखने के बाद आपका पांडव फॉल और केव जाना चाहिए। पांडव फॉल खजुराहो से 25 किमी. की दूरी पर है। रानेह वाटरफॉल को देखने के बाद आपको खजुराहो वापस जाने की जरूरत नहीं है। केन सैंक्चुरी के बगल से एक रास्ता गया है जो आपको एनएच 39 पर ले जाएगा। वहाँ से कुछ ही दूरी पर आपको वाटरफॉल और केव मिलेगा। पांडव वाटरफॉल पन्ना से 15 किमी. पहले पड़ता है। इस शानदार झरने तक पहुँचने के लिए आपको 294 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं। इसके अलावा प्राचीन गुफाएँ भी हैं। कहा जाता है कि वनवास के समय यहाँ पांडवों ने तपस्या की थी।
पन्ना नेशनल पार्क
पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सबसे शानदार नेशनल पार्क में से एक है। पन्ना नेशनल पार्क 1981 में बनाया गया था और भारत सरकार ने इसे 1994 में टाइगर रिजर्व घोषित किया था। इस नेशनल पार्क में आपको कई जंगली जानवर देखने को मिलेंगे। इसके लिए आप यहाँ जंगल सफारी कर सकते हैं। जंगल सफारी करने के बाद वापस खजुराहो लौट आइए।
दिन 2
पश्चिमी समूह मंदिर
खजुराहो की सबसे प्रसिद्ध जगह है, पश्चिमी समूह मंदिर। इस समूह मंदिर को देखने का टिकट 35 रुपए है। खजुराहो के सबसे बड़े मंदिर महादेव कांदरिया आपको यहीं पर देखने को मिलेंगे। सबसे पहले आपको लक्ष्मी और वराह मंदिर मिलेंगे। इनके ठीक सामने विशालकाय लक्ष्मण मंदिर है। इस मंदिर को देखने के बाद थोड़ा आगे बढ़ेंगे तो महादेव कांदरिया का मंदिर है। इस मंदिर को देखने के बाद आप चित्रगुप्त मंदिर देख सकते हैं। इसके बाद आखिर में पार्वती मंदिर, नंदी मंडप, विश्वनाथ मंदिर और प्रतापेश्वर मंदिर देख पाएँगे। इन मंदिरों को देखने के लिए लगभग 2-3 घंटे लग जाएँगे।
दक्षिणी समूह मंदिर
खजुराहो शहर से लगभग 3 किमी. दूर जाटकारा नाम का एक गांव है। इस गांव में दक्षिणी समूह का चतुर्भुज मंदिर है। चतुर्भुज मदिंर खजुराहो के सबसे खूबसूरत मंदिर में से एक है। यहाँ आपको ज्यादा भीड़भाड़ भी नहीं मिलेगी। इस मंदिर के 1 किमी. दूर खेतों के बीच में बीजामंडल मंदिर है। ये मंदिर हाल ही में खुदाई में मिला है। मंदिर पूरी तरह खंडहर बना हुआ है। जगह-जगह नक्काशी वाले पत्थर पड़े हुए हैं। मंदिर में एक बड़ी-सी शिवलिंग है। इस मंदिर के आगे ही दूल्हादेव मंदिर है। दूल्हादेव मंदिर का परिसर काफी बड़ा है। भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर खजुराहो के सबसे नवीनतम मंदिरों में से एक है।
पूर्वी समूह मंदिर
खजुराहो शहर में ही पूर्वी समूह मंदिर है। इन मंदिरों में भी आपको लोगों की भीड़भाड़ नहीं मिलेगी। सबसे पहले तालाब के किनारे आपको ब्रम्हा मंदिर मिलेगा। मंदिर छोटा-सा है लेकिन देखने लायक है। इस मंदिर के आगे जवारी मंदिर है। मंदिर एक बड़े-से चबूतरे पर बना हुआ और नक्काशी भी शानदार है। जवारी मंदिर के पास में ही वामन मंदिर है। ये मंदिर भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है। नागर शैली में बना ये मंदिर खूबसूरती के मायने में किसी से कम नहीं है।
दिन 3
जैन मंदिर
खजुराहो में कई सारे जैन मंदिर भी हैं। खजुराहो में लगभग 16 जैन मंदिर हैं। इनमें सबसे बड़े मंदिरों में पार्श्वनाथ और आदिनाथ मंदिर हैं। आदिनाथ मंदिर को ही जैन मंदिर के नाम से जाना जाता है। इन दोनों मंदिरों की नक्काशी बेहद शानदार है। बाकी छोटे-छोटे मंदिरो पीले रंग से पोते गए हैं। खजुराहो आएँ तो जैन मंदिरों को देखना न भूलें।
म्यूजियम
खजुराहो में एक नहीं बल्कि तीन संग्रहालय हैं। एक तो जैन मंदिर के ठीक बगल में है जिसमें आपको सिर्फ बौद्ध ही बौद्ध मूर्तियां मिलेंगी। इसके अलावा एक आदिवासी म्यूजियम भी है जो काफी शानदार है। आदिवासी सामान और स्मारकों को इस संग्रहालय में संग्रहित किया गया है। इसके पास में ही पुरातत्व संग्रहालय है। ये काफी बड़ा म्यूजियम है लेकिन इस संग्रहालय के अंदर आप फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी नहीं कर सकते हैं। इतनी सारी जगहों को देखने के बाद आपकी खजुराहो की शानदार यात्रा पूरी हो जाएगी।
कहाँ ठहरें?
खजुराहो मध्य प्रदेश के सबसे शानदार टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। यहाँ आपको हर प्रकार के होटल और होमस्टे मिल जाएँगे। यहाँ आप बजट के हिसाब से कहीं भी रह सकते हैं। मंदिर से थोड़ी दूर होटल लेंगे तो थोड़ा सस्ते मिल जाएँगे। खजुराहो आएँ तो खर्चे की चिंता ना करें क्योंकि इस शहर में सब अच्छा और सस्ता है। यकीन मानिए खजुराहो आपको जरूर पसंद आएगा।
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