पूर्वोत्तर को भारत का सबसे खूबसूरत हिस्सा कहा जा सकता है। यहाँ खूबसूरत पहाड़ हैं, कलकल बहते झरने और नदियाँ हैं और शानदार घाटियाँ भी हैं। लेकिन इसके बाद भी बहुत कम लोग भारत के इस हिस्से को देखने आते हैं। पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ों की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। बर्फीली चोटियों वाले ये पहाड़ आपनेआप में कुदरत का सबसे खूबसूरत करिश्मा जैसे हैं। जो हर इंसान को खुश कर देता है। केवल यही नहीं ये पहाड़ नॉर्थ के पहाड़ों से एकदम अलग भी हैं। इनकी अपनी खासियत है जो इन्हें बाकी सबसे अलग बनाती है। हरीभरी घाटियों और जादुई लैंडस्केप वाले इन पहाड़ों को हर घुमक्कड़ को जरूर देख लेना चाहिए। आज हम आपको पूर्वोत्तर के कुछ ऐसे ही बेश्कीमती नगीनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी एक झलक आपको दीवाना बना देगी।
1. माउंट पंदिम
समुद्र तल से 22,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित ये पहाड़ सिक्किम के सबसे खूबसूरत एहसासों में से है। इस पहाड़ को भारत के सबसे ऊँचे पहाड़ों में भी गिना जाता है। बर्फीली चोटियों वाले इस पहाड़ की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। जोंगरी से गोएचा ला जाने वाले रास्ते पर से इस पहाड़ का बहुत अच्छा नजारा दिखाई देता है जो यहाँ आने वाले घुमक्कड़ का दिल खुश कर देता है। खास बात ये भी है कि इस पहाड़ के आसपास ऐसे कई सारे रास्ते हैं जहाँ ट्रेकिंग का मजा लिया जा सकता है। यदि आपको ट्रेकिंग करना पसंद है और आप पहले भी इतनी ऊँचाई पर ट्रेक कर चुके हैं तब आपको इन रास्तों पर जरूर ट्रेक करना चाहिए। हालांकि यदि आपको पहले ट्रेक करने का अनुभव नहीं है तो आपको इन ट्रेकों पर नहीं जाना चाहिए। पहाड़ के इस शानदार नजारे को आप अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। सफेद बादलों से सजा ये पहाड़ सिक्किम आने वाले हर पर्यटक को खुश कर देता है।
2. कबरू
सिक्किम को पहाड़ों की नगरी भी कहा जा सकता है। यहाँ इतने सारे पहाड़ हैं कि आप देखते देखते थक जाएंगे लेकिन पहाड़ नहीं खत्म होंगे। इन्हीं में से एक पहाड़ है कबरू। ये पहाड़ भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है। यदि आप जोंगरी जाएंगे तो आप इस पहाड़ को आसानी से देख पाएंगे। क्योंकि सिक्किम हिमालय पर्वतमाला के बेहद नजदीक स्थित है इसलिए यहाँ से कई सारे पहाड़ों का विहंगम नजारा दिखाई देता है। जो यहाँ आने वाले हर पर्यटक को खूब पसंद आता है। पहाड़ होते ही इतने खूबसूरत होते हैं। आप एक बार इनके प्यार में पड़ गए तो उससे निकलना मुश्किल नहीं नामुमकिन ही समझिए। कबरू पहाड़ 25,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। असल में ये पहाड़ एक दर्रे पर है जो सिक्किम को अलग अलग हिस्सों में बांटता है।
3. गिम्मीगेला चुली
कंचनजंगा पहाड़ों के पास स्थित इन पहाड़ों को द ट्विंस यानी जुड़वां पहाड़ों के नाम से भी जाना जाता है। ये पहाड़ इतना विशाल है कि भारत में होते हुए भी इसका कुछ हिस्सा नेपाल में आता है। पहले दोनों पहाड़ों की तरह ये पहाड़ भी सिक्किम में है। बर्फ से ढकी चोटियाँ और खड़ी ढलान वाले इस पहाड़ को सिक्किम के सबसे आकर्षक पहाड़ों में गिना जाता है। 1995 में कुछ पर्वतारोहियों ने इस पहाड़ को फतह भी कर लिया था। हालांकि उन्होंने इसके पहले भी एक बार इस पहाड़ पर चढ़ाई करने की कोशिश की था लेकिन को असफल रहे थे। कहा जाता है इस पहाड़ को चढ़ना खतरे से खाली नहीं होता है। केवल यही नहीं बल्कि इस पहाड़ पर आया हर एक तूफान इतना खतरनाक होता है कि कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
4. किरत चूली
टेंट पीक नाम से मशहूर इस पहाड़ को पूर्वोत्तर का सबसे खूबसूरत नगीना कहा जा सकता है। इस पहाड़ की खासियत है कि इसको प्राकृतिक के साथ साथ धार्मिक नजरिए से भी देखा जाता है। कहा जाता है कि ये पहाड़ एक समय पर यूमा सम्मांग का घर हुआ करता था। यूमा सम्मांग को पूर्वोत्तर की देवी कहा जाता है। ये पहाड़ हिमालय के उन पहाड़ों के समूह का हिस्सा है जिन्हें किराती कहा जाता है। समुद्र तल से लगभग 24,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित इस पहाड़ को पहली बार 1939 में फतह किया गया है। बाकी पहाड़ों की तुलना में इस पहाड़ को देखना बेहद मोहक होता है। सफेद बादलों के बीच से बर्फीली चोटियों को देखना सचमुच में बहुत प्यारा एहसास होता है।
5. सिनिओलचु
अगर आपको फोटोग्राफी में रुचि है और आपको पहाड़ों की तस्वीरें खींचना अच्छा लगता है तब आपको इस पहाड़ की भव्यता को जरूर देखना चाहिए। समुद्र तल से 23,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित इस पहाड़ को विश्व के सबसे सुंदर पहाड़ों में शामिल कर लिया गया है। सिनिओलचु की बर्फ से ढकी चोटियों को देखना बहुत सुखद होता है। सिनिओलचु की खास बात है कि सिक्किम के बाकी पहाड़ों की तुलना में इस पहाड़ पर कई बार चढ़ाई की जा चुकी है। सिक्किम और जर्मनी दोनों ही जगहों के पर्वतारोही इस पहाड़ पर सफलता के साथ चढ़ाई कर चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये पहाड़ अपने खास पहाड़ी आर्किटेक्चर के लिए भी प्रसिद्ध है? सिनिओलचु की बनावट काफी अलग है जो इस पहाड़ को विश्व के बाकी सभी पहाड़ों से अलग बनाता है।
6. पौहुनरी
भारत और चीन की सीमा पर स्थित इस पहाड़ को विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में गिना जाता है। इतनी ऊँचाई के बावजूद भी इस पहाड़ पर कई बार चढ़ाई की जा चुकी है। खास बात ये है कि एक समय था जब इस पहाड़ पर नहीं जाना चाहता था। चाहे वो इस पहाड़ पर मिलने वाले मुश्किल हालात की वजह से हो या इसकी ऊँचाई की वजह से। यहाँ मिलने वाले दुर्गम रास्तों की वजह से लगभग 20 सालों तक इस पहाड़ पर कोई नहीं गया था। हालांकि 1911 में अलेक्जेंडर मिचेल नाम के व्यक्ति ने इस पहाड़ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके सालों से चले आ रहे इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। इस पहाड़ को तीस्ता नदी का स्त्रोत भी कहा जाता है।
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