अक्सर लोग जब दिल्ली में घूमने की बात करते हैं तो जिक्र कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा से शुरू हो कर लाल किले पर खत्म हो जाती है। लेकिन इस महीने की शुरुआत में मैं एक नई दिल्ली से मिला। ये दिल्ली फोटोग्राफर्स के लिए जन्नत है। मैं बात कर रहा हूँ यमुना घाट की।
यमुना का नाम सुनते ही लोग नाक-भौंह सिकोड़ने लगते है क्योंकि वजह है उसका काला पानी और उसे उठती बदबू। दिल्ली की यमुना केमिकल के झाग वाले फ़ोटो की वजह से भी काफी कुख्यात है। लेकिन इन सब बुरी वजहों को पीछे छोड़ देता है यमुना घाट का ये नज़ारा जो नीचे तस्वीरों में है।
दिलचस्प बात ये है कि ये नज़ारा सिर्फ सर्दियों में ही दिखता है क्योंकि प्रवासी पक्षी यहां आते हैं और नवंबर से जनवरी तक यमुना घाट DSLR लिए फोटोग्राफर्स से गुलज़ार रहता है।
नीचे जो तस्वीरें आप देख रहे हैं अगर आपको भी वैसी ही तस्वीरें चाहिए तो आपको सर्दी में हिम्मत जुटानी पड़ेगी, रजाई से बाहर निकलना पड़ेगा और निगमबोध घाट तक आना पड़ेगा। मेरी गारंटी है यहां आने के बाद आपको अपनी गर्म रजाई छोड़ने का अफसोस नही होगा।
बेहतरीन तस्वीरों के लिए संघर्ष करना पड़ता है और ठंड में मेरे संघर्ष का हासिल ये तस्वीरें है। सुबह 6 बजे से ही वहां कैमरे तैयार हो जाते हैं। मैंने वहां सुबह 6 बजे ठंड में प्री वेडिंग शूट भी होते देखा।
तो अगर आप इन सर्दियों में दिल्ली आ रहे हैं तो यमुना घाट जरूर जाइये, नजदीकी मेट्रो कश्मीरी गेट है। वहां से 20 मिनट का पैदल वाक करके आप निगमबोध घाट पहुँच जायेंगे, जिसे यमुना घाट भी कहते हैं.
पिछले 10 सालों से दिल्ली में होने के बावजूद मुझे पिछले महीने इस जगह के बारे में मालूम पड़ा। ये दृश्य देखने से पहले तक मैं तो यमुना घाट को अंडरस्टीमेट ही कर रहा था
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