सर्दियों में पहाड़ों पर जाना है? ये हैं बेस्ट 7 जगहें जो जेब पर भी भारी नहीं पड़ेंगी!

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Photo of सर्दियों में पहाड़ों पर जाना है? ये हैं बेस्ट 7 जगहें जो जेब पर भी भारी नहीं पड़ेंगी! by Saransh Ramavat

सर्दियों का मौसम आ चुका है और आपमें से ज्यादातर ने पहले से ही भारत के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में छुट्टियाँ मनाने की योजना बना ली होगी। आखिरकार, ठंड के समय में हर किसी का धूप में गर्म समुद्र तटों पर आराम करने या रेगिस्तान में तारों के आकाश के नीचे डेरा डालने का मन करेगा! हालांकि, इस तरह के अनुभवों के लिए अगर आप पीक सीजन में यात्रा का प्रोग्राम बना रहे हैं तो आपको दो चीज़ों से ज़रूर पाला पड़ेगा जो है : हर चीज़ के बढ़ाए हुए दाम और भारी भीड़-भाड़ वाली जगहें । इन वजहों से अक्सर आपकी अच्छी-ख़ासी छुट्टियों के अनुभव बिगड़ जाते है ।

लेकिन अगर आप पहाड़ों से प्यार करते हैं, तो आप बहुत ही कम कीमतों पर बहुत शानदार जगह घूम सकते हैं । आपको बस इन हिमालयी जगहों में से किसी एक पर जाना है और अपनी छुट्टी का आनंद लेना है और विश्वास करिए यह यात्रा लंबे समय तक आपके जेहन मे रहेगी ।

1. कोटखाई

आप शिमला के पास किसी शांत और सुकून भरी जगह पर जाना चाहते हैं? शिमला से लगभग 58 कि.मी. दूर कोटखाई नाम का एक शांत व एकांत गाँव हैं जहाँ आपको इस सर्दी में जाना चाहिए। यह गाँव अपने सेब के बागों और प्रसिद्ध कोटखाई किले के लिए जाना जाता हैं । यह गाँव अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और पूरी तरह से शांतिपूर्ण वातावरण की वजह से शानदार व शांत छुट्टी बिताने का विकल्प है।

क्या देखें

सर्दियों में, कोटखाई में भारी बर्फबारी होती है, फिर भी आप इसके अधिकांश हिस्सों में सड़क मार्ग से जा सकते हैं। आप यहाँ बर्फ में खेलने का आनंद ले सकते हैं व इसके प्रसिद्ध सेब के बागों मे घूम सकते है । आप यहाँ कोटखाई किले को करीब से देख सकते है जो की एक सांस्कृतिक जगह है, और अगर आपके पास समय है तो पास के पहाड़ी शहरों चोग, फागू और थेओग को करीब से जानने और देखने का भी मौका है । हालांकि कोटखाई रुकने का मजा लेने के लिए एक बढ़िया जगह है।

कैसे पहुँचें:

निकटतम हवाई अड्डा जुब्बड़हट्टी (लगभग 78 कि.मी.) में है और नज़दीकी रेलवे स्टेशन शिमला में लगभग 60 कि.मी. पर है। हालाँकि, सड़क मार्ग से यात्रा करना परिवहन का सबसे आम तरीका है। दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे नज़दीकी शहरों से शिमला बस स्टैंड के लिए सीधी राज्य द्वारा संचालित और निजी बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। शिमला से, आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या रोहड़ू की ओर जाने वाली स्थानीय बसें ले सकते हैं।

2. रावंगला

टेडोंग और मेनम पहाड़ियों के बीच एक चोटी पर आराम से स्थित एक जगह है जिसे रावंगला कहा जाता है। यह पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित एक विचित्र छोटा हिल स्टेशन जो की उत्तरी सिक्किम के कई लोकप्रिय स्थलों का प्रवेश द्वार है। हालांकि आप रवांगला से 8,000 फीट की ऊँचाई से हिमालय के भव्य नज़ारे देख सकते है फिर भी यह जगह पूर्वोत्तर में सबसे कम मशहूर जगहों में से एक है। हालांकि आप सर्दियों में सिक्किम के ऊपरी इलाकों का दौरा नहीं कर सकते, लेकिन इस जगह पर कुछ दिन बिताना बुरा विकल्प नहीं होगा।

क्या देखें:

आप बुद्धा पार्क, रालोंग मठ, रालोंग हॉट स्प्रिंग्स, खेउन्फलिंग कालीन केंद्र का दौरा करें और वहाँ के स्थानीय हस्तशिल्प खरीद सकते है । साथ ही साथ आप मैंग्ब्रे गोम्पा और व्यू पॉइंट, और सैमड्रॉप हिल भी घूम सकते है । अगर आपके पास समय है तो आप पास की जगहों जैसे पेलिंग, कालुक और नामची को घूमना ना भूलें। और जब आप यहाँ घूम नहीं रही है तो आप यहाँ के स्थानीय रेस्तरां में प्रामाणिक पूर्वोत्तर व्यंजनों का स्वाद ले सकते है ।

कैसे पहुँचें:

निकटतम हवाई अड्डा गंगटोक (लगभग 70 कि.मी.) में है और निकटतम रेलवे स्टेशन नंगला से लगभग 120 कि.मी. दूर न्यू जलपाईगुड़ी में है। रवांगला के लिए बस सेवाएँ बहुत विश्वसनीय नहीं हैं इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि आप इनमें से किसी भी नज़दीकी शहर से कैब किराए पर लें।

3. करसोग

करसोग, पीर पंजाल रेंज में 1,400 मीटर की ऊँचाई पर बसा एक छोटा और सुंदर पहाड़ी शहर है जो शिमला की छत्र-छाया में बसा हुआ है। हिंदू लोक कथाओं में कहा गया है कि प्राचीन समय में इसी जगह पर भीम (पांच पांडवों में से एक) ने एक राक्षस को मार डाला था जो निर्दोष ग्रामीणों को मारता था, करसोग अब स्थानीय लोगों के लिए प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

घने व हरे भरे खेत, विशाल सेब के बगीचे, और तेज़ी से बहने वाली नदियाँ, आरामदायक घरों के साथ, और लगभग कोई भीड़ नहीं, यह जगह है ही ऐसी की आप यहाँ आने के बाद यहाँ से जाना ही नहीं चाहेंगे ।

क्या देखें

आप यहाँ पर लंबी पैदल यात्रा करें और व्यू पॉइंट्स से घाटी के भव्य नज़ारों को देखने का आनंद लें । यहाँ का स्थानीय भोजन खाएँ, कैम्पिग करें, इस जगह की मनमोहक सुंदरता को देखने का आनंद लें । इस जगह की भरपूर फोटोग्राफी करें क्योंकि इस जगह को बाहर कई लोग नहीं जानते है । इसके अलावा, आप इस गाँव के प्राचीन स्थानीय मंदिरों की यात्रा भी कर सकते हैं।

कैसे पहुँचें:

114 कि.मी. पर, शिमला में जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डा करसोग का निकटतम हवाई अड्डा है। कालका रेलवे स्टेशन लगभग 160 कि.मी. की दूरी पर करसोग का निकटतम ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन है। हालांकि, अगर आप सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं तो करसोग तक पहुँचना सबसे आसान है। आसपास के शहरों जैसे शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ से बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं। सड़कें अच्छी हैं, इसलिए आप खुद भी करसोग तक ड्राइव कर सकते हैं।

4. थाची

श्रेयः

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अगर आप वास्तव में हिमाचल में एक ऐसी जगह पर जाने के लिए उत्सुक हैं, जो 'ऑफबीट' शब्द पर खरा उतरहता है तो थाची ही वह जगह है जहाँ आपको इस सर्दियों में जाना चाहिए। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की हरी-भरी पहाड़ियों और बर्फ़ से ढकी हिमालय की चोटियों को देखकर लगता है कि थाची घाटी आधुनिक दुनिया की हलचल से पूरी तरह से अलग हो चुकी है। लगतार आते झरने, अप्रतिम प्राकृतिक सुंदरता और आरामदायक लकड़ी के घर यह कुछ ऐसी चीज़ें है जिनकी वजह से आपको थाची से प्यार हो जाएगा ।

क्या देखें

शायद, यहाँ करने के लिए सबसे अच्छी बात सिर्फ आरामदायक लकड़ी के घर के अंदर रहना होगा और कभी-कभी ट्रेकिंग के लिए ऊपर या निचले पहाड़ पर निकल जाना होगा। हालांकि, बिथू नारायण मंदिर व हडिम्बा देवी मंदिर थाची घाटी के कुछ अन्य आकर्षण हैं।

कैसे पहुँचें:

नज़दीकी हवाई अड्डा भुंतर (लगभग 45 कि.मी.) में है और निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ में थाची घाटी से लगभग 245 कि.मी. दूर है। थाची घाटी तक पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका पास के शहरों से ऑट तक के लिए बस पकड़ना है। आप ऑट से बालीचोकी होते हुए थाची घाटी के लिए एकमात्र सीधी बस पकड़ सकते या आप ऑट से सीधे कैब किराए पर ले सकते हैं।

5. चौकोरी

आप अपने आप को सुगंधित चाय और फलों के बड़े बगीचों मे घने जंगलो के बीच रहने की कल्पना करें, कल्पना करें कि पूरी तरह से नीले रंग के साफ आकाश के बैकग्राउंड के साथ हिमालय की चोटियों सीधी खड़ी है बस यही जगह तो चौकोरी है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में समुद्र तल से 2,000 मीटर से अधिक ऊँचाई पर बसा चौकोरी ऐसा हिल स्टेशन नहीं है जहाँ पर्यटक हर सप्ताहांत घूमने आते हैं।

यह उन दुर्लभ स्थानों में से एक है जहाँ पर लोग नंदादेवी, पंचाचूली और त्रिशूल के बेहद सुंदर नज़ारे देखने के लिए आते हैं और इस प्राकृतिक सौंदर्य को अपनी आँखो मे बसा लेना चाहते है ।

क्या देखें

चौकोरी में, आप अर्जुनेश्वर शिव मंदिर, घुँसेरा देवी मंदिर और कपिलेश्वर महादेव मंदिर सहित प्रसिद्ध मंदिरों में जा सकते हैं। आप यहाँ ट्रेकिंग कर सकते है या अपने घर पर आराम करें और इस जगह की शुद्ध प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए शानदार सूर्योदय और रात में आकाश को निहारने का आनंद लें।

कैसे पहुँचें:

अगर आप चौकोरी की यात्रा करना चाहते हैं तो आपके पास हवाई यात्रा करने का विकल्प नहीं है। हल्द्वानी निकटतम रेल और बस लिंक है जो चौकोरी से लगभग 200 कि.मी. की दूरी पर है। हल्द्वानी से, साझा जीप लेना एकमात्र विश्वसनीय विकल्प है। चौकोरी पहुँचने में लगभग 7-8 घंटे लग सकते हैं।

6. हरसिल

सर्दियों में हरसिल, उन साहसी लोगों के लिए एक जगह है जो हिमालयी गाँवों के की ठंड को सह सकते हैं व उसमे मज़े कर सकते है। भागीरथी नदी के तट पर, उत्तरकाशी के निकटतम प्रमुख शहरों से लगभग 72 कि.मी. की दूरी पर स्थित, हरसिल उत्तराखंड में एक और अद्भुत लेकिन कम मशहूर हिमालयी डेस्टिनेशन है जहाँ से आप देवदार के जंगलों और विशाल बर्फ से ढके पहाड़ों के नज़ारे देख सकते है । हरसिल 2,600 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ सर्दियों में बर्फबारी होती है। और अगर आप इस कड़ाके की ठंड का सामना कर सकते है तो यकीन मानिए जो नज़ारे आपको दिखेंगे वह किसी परी-कथा से कम नहीं होंगे।

क्या देखें?

हरसिल में लंबी पैदल यात्रा और ट्रेकिंग करें। दिन और रात दोनों के दौरान, विदेशी पक्षियों और आकाश में नज़ारों को देखे। इसके अलावा आप हरसिल के पास की जगह सार्टल भी जा सकते हैं, जो अपनी सात झीलों के लिए जानी जाती है।

कैसे पहुँचें:

निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन, दोनों देहरादून में हैं, जो हरसिल से लगभग 220 कि.मी. दूर है। देहरादून से आपको निकटतम शहर उत्तरकाशी के लिए एक बस लेनी होगी। उत्तरकाशी से आपको अपनी बची हुई यात्रा को एक साझा टैक्सी में पूरा करना होगा।

7. खिरसू

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क्या आप किसी ऐसी जगह पर अपने साथी के साथ एक रोमांटिक छुट्टी की योजना बना रहे हैं जो पहले से ही पर्यटकों की ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं हो तो आप खिरसू को आजमाएँ। खिरसू, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी से लगभग 10 कि.मी. दूर स्थित है जो की आपके एडवेंचर-प्रेमी साथी के हर उस नज़रिए को पूरा करेगा जो आपने कभी भी एक हिमालयी गाँव के बारे में सोचा होगा । आपका गर्मजोशी से स्वागत करने वाले स्थानीय लोग व इस स्थान की अंतहिन सुंदरता आपको इस गाँव से प्यार करने मे मजबूर कर देगी ।

क्या देखें

आप यहाँ कई लंबी पैदल यात्राओं का व प्राकृतिक नज़रो का आनंद ले सकते है या बस अपने आरामदायक आवास के अंदर रहकर खिरसू में शानदार छुट्टियों का अनुभव कर सकते हैं।

वहाँ कैसे पहुँचें:

देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा खिरसू (लगभग 319 कि.मी.) का निकटतम हवाई अड्डा है। कोटद्वार रेलवे स्टेशन 140 कि.मी. की दूरी पर खिरसू के सबसे नजदीक है। हालाँकि, सड़क संपर्क अच्छा है और आप उत्तराखंड के नज़दीकी शहरों से बस या टैक्सी भी ले सकते हैं।

तो, क्या आप इस सर्दी में हिमालय की पुकार सुनेंगे और चल देंगे इनमें से किसी पड़ाव की ओर? नीचे कॉमेंट करके हमें बताएँ और अपना अनुभव यहाँ लिखें।

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यह एक अनुवादित आर्टिकल है, ओरिजनल आर्टिकल पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।

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