#WorldTourismDay2020 कोरोना संकट काल में मायूस पड़े पर्यटन स्थलों की आइए खुशियां लौटाएं

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Photo of #WorldTourismDay2020 कोरोना संकट काल में मायूस पड़े पर्यटन स्थलों की आइए खुशियां लौटाएं by Life On Wheels - Abhiksha
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आज 27 सितंबर है । इस दिन विश्व पर्यटन दिवस पूरे दुनिया भर में मनाया जाता है । सही मायने में यह दिन पर्यटन स्थलों के लिए समर्पित रहता है । ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक, दर्शनीय स्थलों की याद आते ही हरेक के मन में ताजगी का अहसास होने लगता है । लेकिन आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर के पर्यटन स्थल आठ महीने से मायूस हैं । आइए अब आपको बताते हैं इन पर्यटन स्थलों पर क्यों खामोशी छाई हुई है । पर्यटन उद्योग ने देश ही नहीं पूरे दुनिया भर में कोरोना महामारी कारण सबसे अधिक नुकसान उठाया और अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा गंवाया है । इस महामारी के कारण पांच दशक में देश ही नहीं बल्कि विश्व का पर्यटन स्थल कभी प्रभावित नहीं हुआ जितना कि इस साल हुआ है । कोरोना ने जैसे ही दुनिया को अपनी जकड़ में लेना शुरू किया तो कई देशों ने सीमाएं बंद कर दी थी । यही हाल देश के सभी पर्यटन स्थलों पर भी देखा गया । पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट के कारण इससे जुड़े व्यवसाय और नौकरियों पर संकट बना हुआ है । विश्व पर्यटन दिवस पर ऐसा पहली बार होगा जब देशभर के पर्यटन स्थलों पर पहले की तरह रौनक नहीं दिखाई देगी । दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हुए पर्यटन को फिर से कैसे शुरू किया जाए। यहां हम आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले देश में राज्य सरकारों ने पर्यटन स्थलों को खोल दिया है लेकिन अभी भी रमणीक स्थलों को सैलानियों का इंतजार है । पर्यटन दिवस के अवसर पर सब कुछ ठीक ठाक रहता तो भारी संख्या में सैलानी पर्यटन स्थलों का दीदार करते हुए दिखाई देते ।

Photo of India by Life On Wheels - Abhiksha

भारत के पर्यटन स्थल विश्व भर के सैलानियों में आकर्षण का केंद्र रहे हैं---

बता दें कि हमारे देश के पर्यटन स्थल देसी के साथ विदेशी सैलानियों के भी आकर्षण का केंद्र रहे हैं । हमारे यहां पर्यटक पूरी दुनिया से आते हैं, कोई इतिहास समझने आता है तो आध्यात्मिक शांति के लिए, किसी को प्रकृति भाती है तो किसी को यहां का वातावरण। भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताएं और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर भूगोल उसे पर्यटन के रूप में भी समृद्ध बनाता है। ऊंचे पहाड़, पठार, रेगिस्तान, नदियां, समुद्री तट और हिमालय की तराई में फैला हुआ इलाका भारत की पर्यटन संपदा है। देश में मौजूद सांस्कृतिक विशेषताएं दुनिया को आकर्षित करती हैं। विविध सभ्यताओं के ऐतिहासिक स्मृति चिह्न यहां के पर्यटन को भी विकसित करते हैं। अब हम बात करेंगे देश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की । जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम की पहाड़ों की हरी-भरी वादियां और झरने सैलानियों को लुभाते रहे हैं । ऐसे ही गोवा का समुद्र का बीच देश ही नहीं बल्कि विदेशों के लिए मनपसंद टूरिस्ट प्लेस माना जाता है । राजस्थान में भी सांस्कृतिक और कल्चर को जानने के लिए देश विदेशों से हर साल लाखों की संख्या में पर्यटन पहुंचते हैं । बात करें ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की तो बद्रीनाथ-केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री हरिद्वार, ऋषिकेश में भी हर साल हजारों तीर्थयात्री पहुंचते हैं । इसके साथ मथुरा, बनारस, रामेश्वरम, वैष्णो देवी, तिरुपति बालाजी, शिर्डी के साईं बाबा आदि ऐसे तीर्थ स्थल हैं, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है । ऐसे ही उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल के साथ अन्य ऐतिहासिक इमारतों को देखने के लिए भी दुनिया भर के सैलानी आते हैं ।

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वर्ष 1980 से दुनिया भर में मनाया जा रहा है विश्व पर्यटन दिवस--

संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वर्ष 1980 से 27 सितंबर को 'विश्‍व पर्यटन दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया था। प्रत्‍येक वर्ष इसके लिए थीम आधारित वर्ष घोषित कर वैश्विक पर्यटन की तैयारियाें को अंजाम देने के लिए 'विश्व पर्यटन संगठन' का संविधान स्वीकार किया गया था। इस वर्ष की थीम 'पर्यटन और ग्रामीण विकास' घोषित किया गया है। विश्व पर्यटन दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य यह था कि पर्यटन दिवस के महत्व के साथ ही प्रत्‍येक वर्ष आम जन को विभिन्न तरीकों से जागरूक करने को अलग-अलग थीम रखा जाए। आज के समय में जहां हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती है। भारत जैसे देशों के लिए पर्यटन का खास महत्व होता है। देश की पुरातात्विक विरासत या संस्कृति केवल दार्शनिक स्थल के लिए नहीं होती है इसे राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत माना जाता है और साथ ही पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी होती है। नदियों, झीलों,जल प्रपातों के किनारे दुनियाभर में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है ।

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अपनी विरासतों और धरोहरों को कुछ संवार-सहेज लें---

आज हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से घिरा हुआ है, पैसे और चकाचौंध के बीच ऐसा लगता है मानो खुशी तो कहीं गुम हो गई है। बावजूद इन सबके हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समय ऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो अपनी विरासताें, ऐतिहासिक इमारतों, पर्यटन स्थलों और धरोहराें को सहेज लें और खुशियों को फिर से गले लगा सके। भारत में भी पर्यटन का गौरवशाली इतिहास रहा है । प्राकृतिक विविधता एवं रंगी संस्कृत यहां के पर्यटन स्थल दुनिया भर में एक अलग पहचान देते हैं । ऐतिहासिक किले और महल स्थापित कला के महत्वपूर्ण केंद्र है । लोक संगीत, लोक नृत्य, मेले और वैभवशाली धरोहर पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेते हैं । पर्यटन सिर्फ हमारे जीवन में खुशियों के पल को वापस लाने में ही मदद नहीं करता है बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश में भी पर्यटन स्थलों को लेकर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं । केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो हर साल 27 सितंबर को अपनी विरासतों और धरोहरों को संवारने-सहेजने में जरूरत से ज्यादा ही गंभीर नजर आते हैं । शासन हाे या प्रशासन देश के पर्यटन स्थलों के रखरखाव के बारे में बातें तो बड़ी बड़ी करते हैं लेकिन वास्तविक अमल में लाया नहीं जाता । विश्व पर्यटन दिवस पर आज हम संकल्प लें कि अपने पर्यटन स्थलों को कैसे सुंदर बनाए रख सकते हैं ।

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