वो बातें जो मैं रेल यात्रा के बारे में मिस करता हूं

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भारतीय रेलवे इंडिया की लाइफलाइन है। भारतीय रेल को लोगों का मेला कहा जाता है। अगर आपको पूरे भारत को एक जगह देखना है तो ट्रेन की एकमात्र वो जगह है। इसके अलावा यदि आपके पास कम समय है और आप किसी राज्य के बारे में अच्छे-से जानना चाहते हैं तो उसका सबसे अच्छा तरीका है किसी ट्रेन यात्रा पर निकल जाइए। ट्रेन का सफर आपको 2 घंटों में ही इतना कुछ दिखा देगा जो शायद आप शहर में रहते हुए भी नहीं देख पाएंगे। ट्रेनें सचमुच में भारत की जान हैं।

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शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जिसने ट्रेन में सफर नहीं किया होगा। कहा जाता है भारतीय रेल कभी नहीं रुकती लेकिन कोरोना वायरस की वजह से 167 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में रेल सेवाओं को बंद करना पड़ा। लगभग 5-6 महीनों तक ट्रेन बंद रहने के बाद अब ट्रेनों को वापस शुरू तो कर दिया गया है लेकिन अब ट्रेन के सफर में कई नए बदलाव किए गए हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो अब आपको ट्रेन में नहीं मिलेंगी। जिन्हें अब आप सिर्फ याद ही कर सकते हैं।

1. धक्का-मुक्की

अगर आपको भारतीय रेल में सफर करने का अनुभव है तो आप इस प्वाइंट को बहुत अच्छे से समझ पाएंगे। कोरोना के बाद स्टेशन पर कम भीड़ देखकर पहली बार में आप भी चैंक गए होंगे लेकिन अब कुछ समय तक ऐसे ही रहने वाला है। सबसे बड़ी बात कोरोना के बाद से ट्रेनों में जनरल डब्बे हटा दिए गए हैं। जिसकी वजह से केवल स्टेशन पर ही नहीं बल्कि ट्रेन में भी आपको कम भीड़ और धक्का मुक्की का सामना करना पड़ेगा।

अब वो समय गया जब आपको ट्रेन में चढ़ने के लिए लोगों के बीच से होते हुए दौड़ लगानी पड़ती थी। अब स्टेशन प्लेटफॉर्म पर चलने से लेकर ट्रेन में बैठने तक सारी चीजें व्यवस्थित कर दी गई हैं जिसने अब वो जनरल डिब्बे वाली भीड़ नहीं मिलती है। ठसाठस भरे डिब्बे में घुसना किसी ऐडवेंचर से कम नहीं होता था। वैसे सच कहा जाए तो ये सारी व्यवस्था अच्छी तो है लेकि पहले होने वाली भीड़ को मैं आज भी मिस करता हूं।

2. ट्रेन का खाना

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अगर आपसे पूछा जाए कि आपकी ट्रेन की सबसे अच्छी याद क्या है तो आपका क्या जवाब होगा? ट्रेन से दिखने वाले नजारे और मम्मी के हाथ की बनी पूड़ी सब्जी। वैसे अक्सर ऐसा होता है कि चाहे आप घर से कितना भी खाना साथ लेकर चलें लेकिन जब तक ट्रेन में चिप्स और चाय न खरीद लें, सफर पूरा ही नहीं होता है। कोरोना ने ये लग्जरी भी हमसे छीन ली है।

कुछ लोगों के लिए ट्रेन में आने वालों से खाने-पीने का सामान खरीदना मजा दोगुना करने का तरीका होता था। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें असल में उस सामान की जरूरत होती है। ट्रेन के डिब्बों में बार-बार चाय, चिप्स और पानी बेचने वालों की आवाज को बड़ा मिस करता हूं। ट्रेनों में ये चीज बंद हो जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी जरूर हैं लेकिन सुरक्षा को देखते हुए ये जरूरी भी है। खैर जो भी हो ट्रेन में चिप्स खरीदकर खाना मेरे लिए सबसे प्यारी याद रहेगी।

3. टिकट वाली खिड़की

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याद है पहले कैसे हम बिना टिकट की चिंता करे यूं ही ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ लगा देते थे? ये सोचकर की ऑनलाइन बुकिंग नहीं भी की है तो स्टेशन पर खिड़की से टिकट ले लिया जाएगा। अगर आप अब भी यही सोच रहे हैं कि आप बिना पहले से टिकट बुक करें ट्रेन से सफर करने निकल सकते हैं तो आप गलत हैं। अब आपको ट्रेन से जाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग करनी होगी। चाहे आप स्लीपर से जाना चाहते हों या एसी से आपके पास ई-टिकट होना जरूरी है। अगर आप कम दूरी के लिए सफर करना चाहते हैं तो आपके पास सेकेंड सिटिंग क्लास में टिकट बुक करने का ऑप्शन भी मौजूद है। घुमक्कड़ों के लिए ये चीज थोड़ी मुश्किल जरूर है लेकिन यदि आप ठीक से प्लानिंग कर लें तो इसमें भी आपको कोई परेशानी नहीं आएगी।

4. आजादी

क्या आपने कभी भागकर ट्रेन पकड़ी है? अगर हां तो आने वाले समय में अब वो सिर्फ एक याद बनकर रहने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि महामारी के बाद ट्रेनें वापस से शुरू हो कर दी गई हैं लेकिन इनमें सफर करने के लिए सख्त नियम कानून बनाए गए हैं। अब यदि आप ट्रेन में सफर करना चाहते हैं तो आपको ट्रेन के टाइम से लगभग 1 घंटा पहले स्टेशन पहुंचना होता है। स्टेशन में एंट्री के लिए भी खास चैंबर बनाए गए हैं। इसके अलावा स्टेशन और ट्रेन में यूं ही घूमने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इन नियमों में मस्क पहनना और सैनिटाइजर रखना भी शामिल है। केवल यही नहीं आपको बाकी यात्रियों से दूरी भी बनाकर रखनी है। कुल मिलाकर अब अगर आपको ट्रेन में सफर करना है तो आपको नियमों का पालन करना जरूरी है।

5. सुविधाएं

भारतीय रेल को दुनिया के सबसे बड़े ट्रेन नेटवर्क में गिना जाता है जो बहुत अच्छी बात है। ऐसा केवल इसलिए नहीं है कि इस नेटवर्क में बहुत सारी ट्रेनों का संचालन होता है। बल्कि ये इसलिए भी है क्योंकि भारत की ट्रेनों में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाएं भी बहुत अच्छी हैं। यदि आप एसी कोच में सफर कर रहे हैं तो आपको कंबल, तकिया जैसी सुविधाएं दी जाती है। इसके अलावा आप ट्रेन कि पैंट्री कार से खाना भी ऑर्डर कर सकते हैं। लेकिन महामारी के बाद इन सभी सुविधाओं पर रोक लगा दी गई है।

अब यदि आप एक डब्बे से सफर कर रहे हैं तो आपको खुद का चादर और जरूरत का सामान लेकर चलना होगा। ट्रेन में किसी भी तरह की कोई चीज नहीं दी जाएगी जिससे संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा ट्रेनों में पैंट्री कार पर भी रोक लगा दी गई है। इसके लिए रेलवे ने आईआरसीटीसी रसोई शुरू की है। लेकिन ट्रेन की ये सुविधाओं को मैं मिस करता हूं।

6. अजनबी लोगों से बात

हम भारतीय अजनबी लोगों से बात करने में कतराते हैं लेकिन जब ट्रेन में होते हैं तो अजनबी लोग ही सफर के साथी होते हैं। ट्रेन में नौजवान से लेकर बूढ़े, और महिलाएं खूब बातें करती हैं। उम्रदराज लोग राजनीति पर खूब बात करते हैं। ऐसा लगता है कि पूरी राजनीति के जानकार ट्रेन में ही बैठे हुए हैं। ये पुराने दिनों की बात है, अब ऐसा थोडा कम दिखाई देता है। सब अपने जान-पहचान के लोगों से तो बात करते हैं लेकिन अजनबी से थोड़ी दूरी बनाकर रखते हैं। क्या करें, दो गज दूरी मास्क है जरूरी नियम का पालन भी तो करना है। ट्रेन की आवाज भी मैं बहुत मिस करता हूं।

आप ट्रेन में अब किन-किन चीजों को मिस करते हैं? हमें कमेंट बाॅक्स में बताएं।

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