दोस्तों, हमेशा हम अपने वीकेंड आने से पहले ही ट्रिप प्लान करने लगते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल और मसला ये है कि आने वाले दो दिन के वीकेंड के लिए कहाँ जाया जा सकता है। हमेशा हम अपने से पास ऐसी जगह कि तलाश करते है, जहाँ जाकर हम प्राकृतिक जगहों का आनंद उठा सकें। अब दिल्ली की बात करें तो यहाँ से ऋषिकेश ही सबसे पास है और यह जगह प्राकृतिक नजारों से भरपूर है। बारिश के मौसम में यह जगह और भी सुहावना लगता है। वहीं अगर आप वॉटरफॉल का लुत्फ उठाना चाहती हैं तो ऋषिकेश बेहतर विकल्प है। लेकिन ऋषिकेश जाने पर हम ऐसी ही जगह पहुंच पाते है जिन जगहों के बारे में हमने पहले से सुना हो या हम खुद उस जगह को जानते हो। लेकिन आपको बता दूं दोस्तों, कि ऋषिकेश में बहुत से अनोखी जगहें भी हैं जहाँ कम ही पर्यटक पहुंच पाते हैं। ऐसी ही अनोखी जगहों में से एक है पटना वाटरफॉल, जी हाँ इस जगह का नाम सुन कर आप सोच में पड़ गए न, लेकिन यह खूबसूरत वाटरफॉल ऋषिकेश की खूबसूरत और आकर्षक जगहों में से एक हैं। तो आइए इस अनोखी और खूबसूरत जगह के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पटना वॉटरफॉल
दोस्तों, वैसे देखा जाएं तो ऋषिकेश में आपको कई सारे छोटे और बड़े वॉटरफॉल्स देखने को मिल जायेंगे, जिसकी खूबसूरती बारिश के समय दोगुनी हो जाती है। ऋषिकेश में कुछ ऐसे भी वॉटरफॉल्स हैं, जहाँ जाने के लिए कुछ दूर तक ट्रेकिंग करनी पड़ती है। इन्ही खूबसूरत वॉटरफॉल में से एक पटना वॉटरफॉल भी हैं। पटना वॉटरफॉल पहुंचने के लिए आपको कुछ दूर तक ट्रैकिंग करनी होगी। लक्ष्मण झूला से पटना वॉटरफॉल की दूरी 7 किलोमीटर है। पटना वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए आपको 1.5 किलोमीटर ट्रैक करके ऊपर जाना होता हैं। अगर आप यहाँ आते है तो अपने साथ खाने-पीने की चीज साथ लेकर ज़रूर आएं क्योंकि ऊपर खाने पीने की कोई खास सुविधाएं नहीं हैं। दोस्तों, वॉटरफॉल के अलावा आपको यहाँ बेहद खूबसूरत गुफा भी देखने को मिलेगी। बारिश के समय में पटना वॉटरफॉल देखने में काफी खूबसूरत लगता है। अगर एक खूबसूरत वॉटरफॉल को देखने जा रहें हों तो कोशिश करें कि सुबह जल्दी निकले ताकि शाम तक आप आसानी से वापिस आ सकें।
ऋषिकेश इतिहास में पटना वॉटरफॉल नाम क्यों पड़ा?
दोस्तों, इस झरने का नाम ऋषिकेश में पटना के एक छोटे से गांव के नाम पर रखा गया था। यह छोटा सा गांव झरने के ठीक ऊपर है। यह वॉटरफॉल अपने पास मौजूद चूना पत्थर की गुफाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान विष्णु को समर्पित इन चूना पत्थर की गुफाओं के अंदर एक छोटा मंदिर भी है।
पटना वॉटरफॉल जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
दोस्तों आप पूरे साल भर में कभी भी यहाँ घूमने की प्लानिंग कर सकते हैं। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि सूर्यास्त के बाद इस जगह पर न जाएं, क्योंकि ये क्षेत्र वन्यजीवों से घिरा हुआ है। जो कि आपके सुरक्षा के दृष्टि से ठीक नहीं। इसलिए जब भी आप यहाँ जाएं तो कोशिश करें कि सुबह जल्दी निकले ताकि शाम तक आप आसानी से वापिस आ सकें।
कैसे पहुंचें पटना वॉटरफॉल?
दोस्तों, पटना वाटरफॉल ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। साथ ही लक्ष्मण झूला से इसकी दूरी 7 किलोमीटर की है। पटना वॉटरफॉल के सबसे पास की जगह पटना गांव है। और यह नीलकंठ मंदिर मार्ग पर गरुड़ चट्टी वाटरफॉल से सिर्फ 3 किमी दूर स्थित है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में 1 किमी का ट्रेक करना पड़ता है। यहाँ का सबसे करीबी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट है, जो ऋषिकेश से 20 किमी दूरी पर स्थित है। और सड़कों द्वारा सभी मार्ग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं तो अगर आप सड़क मार्ग से भी यहाँ आते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होगी। आप अपनी सुविधानुसार यहाँ आसानी से पहुंच सकते हैं।
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