दोस्तों के साथ समय बिताना, साथ में कुछ बियर पीना और साथ में की गयी बदमाशियों को याद करने का मज़ा ही कुछ और है। इस सप्ताह हम उन एलबम को देख रहे थे जब हम 15 साल पहले एक साथ ट्रिप पर गए थे। उन तस्वीरों को देखते हुए मुझे ये एहसास हुआ कि इन 15 सालों में कितना कुछ बदल गया है। हम लोगों के यात्रा करने का ढंग ही बदल चुका है।
2004 की यात्रा से जुड़ी चीज़े जिन्हें मैं आज मिस करती हूँ
1. लोगों से जुड़ने का तरीका
उस वक़्त मोबाइल फ़ोन का न होना कई मायनों में अच्छा था। इसका मतलब था कि एक निश्चित समय पर हमें घर पर फ़ोन करना है। सोशल मीडिया नहीं होने की वजह से हम अपने आस पास के वातावरण पर ज्यादा ध्यान देते थे। हम सही में अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से अलग होकर छुट्टियाँ बिताते थे, पर अब ये मुमकिन नहीं है। कई लोग मेरी इस बात से असंतुष्ट होंगे पर मैं मिस करती हूँ वो चीज़ जब हर वक़्त डिजिटल माध्यम से कोई मुझे ट्रैक नहीं कर सकता था।
2. डायरी के पन्ने और पोस्टकार्ड
खूबसूरत पलों को कैद करना उस वक़्त मुश्किल हुआ करता था। सोशल मीडिया स्टोरीज नहीं थी इसलिए चाहने वालों के साथ अपना अनुभव इतनी आसानी से नहीं बाँट सकते थे। उस वक़्त डायरी और पोस्टकार्ड हुआ करते थे। अपने हाथों से सजाए हुए पोस्टकार्ड और डायरी के पन्ने जिनका मुकाबला आज भी कोई नहीं कर सकता। मुझे यकीन है आपको याद भी नहीं होगा की आखिरी बार आपको कब किसी की चिट्ठी या मिली थी। अपने खास दोस्तों को पोस्टकार्ड भेजना का मज़ा ही कुछ और था।
परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताना
अकेले यात्रा करना, कभी भी यात्रा के लिए निकल जाना, बजट ट्रिप, आजकल यही यात्रा को तरीका है और ये कई मायने में बेहतरीन है। इन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है, पर परिवार के साथ घूमना, अपने दूर के रिश्तेदारों के साथ बाहर यात्रा करना एक अनोखा अनुभव हुआ करता था। अब सब लोग बड़े हो चुके हैं। हम साल में एक या दो बार परिवार के साथ घूमने जाते हैं पर अब उस ट्रिप में भी लोग कम हो चुके हैं और अनुभव भी पहले से बहुत अलग है।
हरे पहाड़ों से ढका उत्तर भारत
मुझे ये बात तो समझाने की भी ज़रूरत नहीं है। जिस तरह से बढ़ते प्रदूषण की वजह से पहाड़ों का रंग बदल रहा है, मैंने तो कई वर्ष पहले ही वहाँ जाना छोड़ दिया है। अब ये घाटियाँ सिर्फ धूल और दुःख दर्शाती हैं।
यात्रा से जुड़ी कुछ आज की चीज़े जो मुझे पसंद हैं
ट्रिप की बुकिंग कभी भी, कहीं भी!
पहले ट्रिप की तैयारी बिना एजेंट के मुमकिन नहीं थी पर अब ऐसा नहीं है। आप जब चाहे अपनी ट्रिप की बुकिंग खुद कर सकते हैं। कहाँ जाना है, क्या करना है, होटल, फ्लाइट सब कुछ एक टच की दूरी पर है। मुझ जैसे यात्री जो कभी भी बैग उठा कर घूमने निकल पड़ते हैं उनके लिए ये एक आशीर्वाद की तरह है।
सस्ती फ्लाइट
यात्रियों की भीड़ बढ़ने की वजह से कई नए एयरलाइन्स खुल गए हैं। इनमें कॉम्पिटिशन की वजह से हम यात्रियों को बहुत फायदा हुआ है। हर वक़्त कोई न कोई ऑफर हमारी ट्रिप सस्ती कर देता है। 15 साल पहले तो ट्रेन में ए सी में यात्रा करना सिर्फ अमीर लोगों के लिए हुआ करता था। आजकल सब लोग हवाई यात्रा करते हैं। इन सब चीज़ों ने यात्रा के ढंग को काफी बेहतर बना दिया है।
आज के ज़माने में आपका कहीं खो जाना नामुमकिन है
अब हम नक्शों की जगह गूगल मैप्स पर भरोसा करते हैं। गूगल मैप्स ने घूमने का तरीका बदल दिया है, आज आपको हर जगह की लोकेशन चुटकियों में मिल जाती है और मैप्स में आप आस-पास की सभी चीज़ों को बहुत पास से देख पाते हैं। मोबाइल मैप्स की वजह से आपकी यात्रा सरल और मज़ेदार हो चुकी है।
कहीं से भी काम कर सकते हैं
ये मेरी पसंदीदा चीज़ है। यात्रा करने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि अब आपको काम छोड़ना पड़ेगा और आपकी सैलरी में कमी आएगी। बल्कि अब आप घर बैठे ही ज्यादा पैसे भी कमा सकते हैं। फ्रीलांसिंग अब सबकी ज़िन्दगी में पैसे कमाने का एक ज़रिया बन चूका है। आप पूरे विश्व में कहीं भी यात्रा कीजिये और अपने फ़ोन और लैपटॉप पर काम कीजिये। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता कि आप अपना काम साथ लेकर चल सकते हैं और जब चाहें उससे दूर भी हो सकते हैं।
तस्वीरें!
जी हाँ! किसी भी यात्रा में तस्वीरें एक अहम रोल अदा करती हैं। आज तो डिजिटल फोटोग्राफी एक प्रोफेशन बन चुका है। आप जितनी चाहें तस्वीरें खींचे, कई तरह के फिल्टर्स मौजूद हैं, तस्वीरों को बेहतर बनाने के लिए हज़ार तरीके के एडिटिंग टूल हैं और अपनी तस्वीरें शेयर करने के लिए बहुत ज़रिये हैं। तस्वीरों का रूप हर तरह से अब बेहतर हो चुका है।
लज़ीज़ खाना
एक दशक पहले विडियो देखना या बनाना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी पर अब तो सब कुछ आपके सामने हैं। खाना देसी खाना हो या फिर विदेशी, आप कहीं से भी खाना मँगवा सकते हैं या विडियो की मदद से घर पर बना भी सकते हैं। अब आपका पसंदीदा खाना जब चाहें जहाँ आपके लिए मौजूद है।
और आखिरी और बात...
आप सब जानते हैं मैं क्या कहना चाहती हूँ। 15 साल पहले ब्लॉगिंग सिर्फ एक शौक हुआ करता था। कोई ये सोच भी नहीं सकता था की अपना यात्रा के अनुभव को बाँट कर आपकी कमाई भी हो सकती है। आज मैं सभी से इतनी दूर हूँ पर सब लोग मेरे अनुभवों के बारे में जानते हैं। लोग दुनिया के हर कोने से अपने अच्छे और बुरे अनुभव सबके साथ बाँट रहे होते हैं। कई लोग दूसरों की यात्रा में उनकी मदद भी कर रहे होते हैं। जितने भी कमाई के ज़रिये हैं उनमें ट्रेवल ब्लॉगिंग सबसे रोमांचक है और इसने कई लोगों को पैसा और फेम दोनों दिया है। जो लोग लिखते नहीं है उनको ये पढ़ने का रोमांच मिल रहा है।
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