गोवा कर्नाटक बॉर्डर घाट सेक्शन
भारत की बहुत ही प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन दूधसागर झरने को देखने का एक नया और नायाब जरिया जल्दी ही यात्रियों को मिलेगा। दक्षिण पश्चिम रेल्वे जल्दी ही दूधसागर झरने से गुजरने वाले रेल्वे ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों में विस्टाडोम कोच को जोड़ेगा। ये यात्रियों को इस खूबसूरत ट्रैक पर बोगी के अंदर से ही दूधसागर झरने के साथ-साथ ब्रगांजा घाट सेक्शन के विहंगम दृश्य दिखाएगा।
विस्टाडोम योजना
इस क्षेत्र में लंबे समय से दूधसागर झरने और पश्चिमी घाट के गहरे जंगलों, पहाड़ियों और सुरंगों में विस्टाडोम कोच चलाने की मांग की जा रही थी। इसी मांग के मद्देनजर दक्षिण पश्चिम रेल्वे ने इस ट्रैक पर चलने वाली एक ट्रेन में विस्टाडोम कोच को लगाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए इस रेल्वे जोन ने दक्षिण रेल्वे, कोंकण रेल्वे और सेंट्रल रेल्वे जोन से भी बातचीत शुरू कर दी है।
पहला प्रयोग
शुरुआत में इस रूट पर चलने वाली पूर्णा एक्स्प्रेस ट्रेन में विस्टाडोम कोच को लगाया जाएगा और यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इस तरह के कई विस्टाडोम कोच इस रूट की अन्य ट्रेनों में भी लगाए जायेंगें। यह ट्रेन कर्नाटक के एर्नाकुलम से पुणे के लिए चलती है। इस दौरान यह बेलगावी, लोंदा, दूधसागर, मडगांव, करवार और मेंगलुरु से गुज़रती है। हफ्ते में दो दिन और काफ़ी यात्रियों को लेकर चलने वाली यह ट्रेन पश्चिमी घाट के चार राज्यों के स्ट्रेच से गुज़रती हुई बेहद विहंगम दृश्य दिखाती है।
अब मन में सवाल उठता है कि आखिर एक ही ट्रेन वो भी पूर्णा एक्स्प्रेस ही क्यूँ तो आइये इसका जवाब भी जान लें। विस्टाडोम कोच लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक पर निर्मित किए जाते हैं। अब चूँकि दूधसागर रूट पर, केवल पूर्णा एक्सप्रेस में ही एलएचबी कोच हैं तो यह प्रयोग सिर्फ इसी ट्रेन में किया जा सकता है। बाकी वास्को-डी-गामा और हावड़ा के बीच चलने वाली अमरावती एक्सप्रेस में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) कोच हैं, जोकि विस्टाडोम कोच के लिए उपयुक्त नहीं है।
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विस्टाडोम कोच क्या है
ये ट्रेन में लगने वाले खास कोच होते हैं जिनमें, साइड में काफ़ी बड़ी ग्लॉस विंडो, छत पर ग्लास विंडों, विंडों की तरफ घूम सकने वाली बटन पुशबैक बेहद आरामदायक सीट, 180° तक पीछे घूम सकने वाली सीट, बेहतर सुविधाएं, बेहतर और साफ टॉयलेट्स जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। इसका मकसद यात्रियों को ट्रेन से बाहर के दृश्यों को देखने का बेहतर अवसर प्रदान करना है।
ब्रगांजा घाट सेक्शन
ये कर्नाटक गोवा के बॉर्डर पर 26 कि.मी. लंबा घाट सेक्शन है। इस पर तीन प्रमुख ट्रेन स्टेशन हैं, सोनोलिम, दूधसागर और कारनजोल। ये अत्यधिक घने जंगलों, पहाडियों और सुरंगों से गुजरने वाला बहुत ही ज्यादा खूबसूरत रेल्वे ट्रैक है और इसी पर स्थित है विश्व प्रसिद्ध दूधसागर झरना।
तो इंतजार कीजिए जल्दी से प्रयोग लागू हो और हम यानी सैलानी इसका लुत्फ उठा सकें।