हम यायावरी हमेशा कुछ नई चीज़ों की तलाश में रहते हैं। जिसके चलते हम दुनिया का हर कोना देखना चाहते हैं। विश्व के सात अजूबों को तो हम सब भलीभाँति जानते हैं। मगर विश्व की जानकारी के चक्कर में हम भारत को तो भूल ही गए। भारत ने भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक शासकों के काल से गुजरते हुए ऐसे बहुत से ऐतिहासिक इमारतों को ख़ुद में समाया हुआ है, जो इन विश्व के 7 अजूबों से भी ज़्यादा ख़ूबसूरत हैं।
1. स्वर्ण मन्दिर, पंजाब
स्वर्ण मन्दिर सिख समुदाय के पवित्र तीर्थस्थलों में से सबसे पवित्र और सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है। पंजाब के अमृतसर में स्थित इस स्थल के बारे में कहा जाता है कि इस जगह से कभी भी कोई भूखा नहीं जाता है, जिसका कारण यहाँ 24 घण्टे चलने वाला लंगर है। स्वर्ण मंदिर पूरे विश्व में अपनी सोने के नक्काशी के कारण जाना जाता है जोकि वाक़ई में बहुत शानदार है। यह मन्दिर चारो तरफ़ से अमृत सरोवर से घिरा हुआ है जिसके कारण इसकी सुन्दरता में चार चाॅंद लग जाते हैं।
2. गोमतेश्वर, कर्नाटक
यह जैन धर्म के सबसे पहले तीर्थकर ऋषभदेव को समर्पित है। यहाँ पर 883 ईस्वी के एक विशाल पत्थर को तराश कर ऋषभदेव की 60 फुट की विशाल मूर्ति है। इस मूर्ति तक पहुँचने के लिए 618 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। विश्व के लोगों को इस बात का आश्चर्य है कि इतनी बड़ी मूर्ति को इतने समय पहले कैसे बनाकर इतने ऊँचाई पर रखा गया। यह कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में स्थित जैन धर्म का पवित्र तीर्थस्थल है जिसको ‘बाहुबली मन्दिर’ से भी जाना जाता है।
3. कोणार्क सूर्य मन्दिर, उड़ीसा
भारत में सूर्य देव को पिता के समान माना जाता है। उसके चलते ही उड़ीसा में 13वीं शताब्दी में एक ऐसे मन्दिर का निर्माण हुआ जिसकी संरचना ऐसी लगती है कि सात घोड़ों पर सवार मन्दिर आकाश की तरफ़ जा रहा है। अपनी अद्धभुत वास्तुकला के चलते यह मन्दिर पूरे विश्व में विख्यात है। इस मन्दिर में स्थित हाथियों और सिंह की प्रतिमा भी वास्तुकला का एक अद्धभुत नमूना पेश करती है।
4. खजुराहो मन्दिर, मध्यप्रदेश
खजुराहो मन्दिर भारत के ह्रदयस्थल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के खजुराहो जिले में स्थित है। खजुराहो मन्दिर अपनी कामुक मुर्तियों वाली वास्तुकला के चलते विश्व में ज़्यादातर सुर्ख़ियों में ही रहता है। और यही बात इसको बाक़ी सभी मन्दिरों से अलग करती है। ऐसा माना जाता है कि इस अनोखी वास्तुकला वाले मन्दिर का निर्माण 950 से 1050 ईस्वी के बीच चंदेल शासकों ने करवाया था।
5. हम्पी मन्दिर, कर्नाटक
कर्नाटक अपने प्राचीन हिन्दू धर्म के कई बड़े मन्दिरों के लिए जाना जाता है। इन्ही विख्यात मन्दिरों में से एक हम्पी मन्दिर भी है। खँडहरों के भीतर बने इस मन्दिर ने अपने अन्दर भारत की हर वास्तुकला के अंश को समेट रखा है। वास्तुकला का अद्धभुत उदाहरण यह मन्दिर अपनी प्राचीन bharatमूर्तियों के साथ अस्तबलों, बुर्जों और महलों का संग्रह भी है। इस मन्दिर से जुड़ी एक बहुत विख्यात मान्यता यह है कि जब राम जी अपने भाई लक्ष्मण के साथ सीता जी की तलाश करने निकले थे, तब वे हम्पी मन्दिर में भी आए थे। हम्पी मन्दिर कर्नाटक के विजयनगर में स्थित है।
भारत में कई दफ़े अतिक्रमण व काफ़ी सारे शासकों का राज होने के कारण भारत की हानि तो हुई पर उसके चलते भारत में काफ़ी सारी अलग-अलग तरह की वास्तुकला का निर्माण भी हुआ और विश्व में प्रशिद्ध बहुत-सी ऐतिहासिक धरोहर भी स्थापित हुई।