भारत के वो पढ़े-लिखे गाँव जहाँ साक्षरता दर 100% है

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आज के समय में अगर कोई चीज़ ऐसी है जो सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है तो वो है शिक्षा। पढ़ने-लिखने की काबिलियत हर इंसान के पास होनी चाहिए। भारत वो देश है जहाँ आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी गाँवों में रहता है। अक्सर गाँवों को शहरों की तुलना में कम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गाँवों में रहने वाले लोगों को दुनियादारी की थोड़ी कम समझ है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ साक्षरता दर 100 प्रतिशत है। इन गाँव के लोग पढ़ना-लिखना भी जानते हैं और उसका बढ़िया इस्तेमाल करने में भी पीछे नहीं हटते हैं।

1. पोथानिक्कड, केरल

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केरल में पोथानिक्कड पहली वो जगह है जिसने 100 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करके पूरे देश मे अपनी पहचान बनाई है। केरल के इस छोटे से गाँव में प्रार्थमिक स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। पोथानिक्कड के इन स्कूलों की वजह से इस गाँव में रहने वाले सभी लोगों को पढ़ने लिखने का अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ है। इस गाँव में घूमने के लिए भी दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है। पोथानिक्कड से कुछ दूर पर वाटरफॉल और बर्ड सैनक्चुरी है जो देखने लायक है।

2. बघुवर, मध्य प्रदेश

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मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित बघुवर सबके साथ सबका विकास मुहीम का सबसे सटीक उदाहरण है। बघुवर भारत के उन चुनिंदा गाँवों में से है जिन्होंने 100 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करके पूरे देश में नाम किया है। बघुवर में रहने वाले हर व्यक्ति को पढ़ने लिखने के हुनर की बखूबी जानकारी है। बघुवर के लोगों का मानना है कि हर व्यक्ति को पढ़ने-लिखने की पूरी आज़ादी है जिसके कारण लोगों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर गाँव में स्कूल बिल्डिंग का विस्तार भी करवाया गया है। इसके अलावा इस गाँव में साफ-सफाई पर भी खास ध्यान दिया जाता है। सड़क पर कचड़ा ना हो और बारिश के मौसम में पानी ना भरे इसके लिए भी खास इंतजम किया गया है।

3. सेरछिप, मिजोरम

मिज़ोरम का सेरछिप भी शत प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने में ज़्यादा पीछे नहीं रह गया है। 2011 में सेरछिप की साक्षरता दर तकरीबन 99 प्रतिशत नापी गई थी। सेरछिप में अच्छी तालीम के लिए स्कूल और कॉलेज दोनों की बढ़िया सुविधा है। सेरछिप के लोगों का मानना ये भी है कि अच्छी शिक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है। सेरछिप में आंगनवाड़ी केंद्र भी साक्षरता दर बढ़ाने में काफी मदगार रहे हैं। छोटी कक्षाओं से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई सेरछिप में की जा सकती है। मिज़ोरम का ये जिला पढ़ाई-लिखाई के मामले में अपनी खास पहचान बना चुका है।

4. कोट्टायम, केरल

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कोट्टायम केरल की पहला ऐसा शहर है जिसने 100 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का गौरव प्राप्त किया है। केरल के इस शहर में पढ़ाई लिखाई के लिए सभी आवश्यक इंतेजाम किए जा चुके हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि केरल का पहला डिग्री कॉलेज भी यहीं कोट्टायम में शुरू किया गया था। उस समय से लेकर अबतक कोट्टायम में शिक्षा को सर्वोच्च दर्जा दिया जाता है। केवल यही नहीं कोट्टायम टूरिस्ट मैप पर भी अपनी जगह पक्की कर चुका है। यदि आप कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो कोट्टायम को अपनी बकेट लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।

5. मौलिन्नोंग, मेघालय

अगर आप घुमक्कड़ हैं तो आपने मौलिन्नोंग का नाम ज़रूर सुना होगा। मेघालय के पूरक खासी हिल्स में स्थित इस जगह को केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे स्वच्छ ग्राम होने का खिताब मिला हुआ है। वैसे मौलिन्नोंग केवल इस एक वजह से खास नहीं है। आपको जानकर बेहद खुशी होगी कि मेघालय के इस गाँव में साक्षरता दर भी 100 प्रतिशत है। मौलिन्नोंग में रहने वाले लोगों को पढ़ने-लिखने की अच्छी जानकारी है। इस गाँव की एक नहीं तमाम खूबियां हैं। चाहे वो साफ-सफाई हो या सक्षरता दर हो है सोलर एनर्जी से चलने वाले उपकरण हों, मौलिन्नोंग में आपको सभी चीजें मिलेंगी।

6. गंगादेवीपल्ली, तेलंगाना

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वारंगल से लगभग 20 किमी. की दूरी पर स्थित गंगादेवीपल्ली आज के जमाने का स्मार्ट विलेज बनने की राह पर है। इस गाँव में कुल 360 घर हैं जिनमें 1,400 के आसपास लोग रहते हैं। इस गाँव पर गर्व करने के लिए एक नहीं तमाम कारण है। गंगादेवीपल्ली ना तो चोरी की घटनाएँ होती हैं और ना ही किसी ने प्रकार का क्राइम। गंगादेवीपल्ली तेलंगाना का वो गाँव है जहाँ 100 प्रतिशत साक्षरता दर भी दर्ज की गई है। गाँव के सभी बच्चे स्कूल जाते हैं और अच्छी शिक्षा प्राप्त करते हैं। गाँव में हर पढ़ा-लिखा व्यक्ति अनपढ़ व्यक्ति को पढ़ने-लिखने की प्रेरणा देता है और ट्यूशन देता है। इस तरह से गंगादेवीपल्ली ने शिक्षा के मामले में अपना नाम पक्का कर लिया है।

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