असली और ठेठ घुमक्कड़ वही है जो फेमस जगहों को छोड़ अनछुई जगहों पर जाता है। हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। यहाँ बहुत फेमस जगहें भी हैं और बिल्कुल अनछुई जगहें भी है। ऐसे में ये आप पर निर्भर करता है कि आप हिमाचल को कैसे घूमना चाहते हैं। अगर आप हिमाचल की किसी खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं लेकिन वहाँ ज्यादा भीड़ और शोर-शराबा न हो तो आपको हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की सैर जरूर करना चाहिए।
अक्सर ऐसा होता है कि हम फेमस जगहों के चक्कर में, जो खूबसूरत जगह हैं उनको किनारा कर देता है। ऐसी ही एक जगह है, पालमपुर। पालमपुर धर्मशाला से कुछ ही दूरी पर है। लोग धर्मशाला और मैक्लाॅडगंज तो घूमने जाते हैं लेकिन पालमपुर कम ही लोग जाते हैं। पालमपुर आपको जाना चाहिए क्योंकि यहाँ आपको सुंदर नजारे मिलेंगे ही। इसके अलावा सुकून और शांति भी मिलेगी।
पालमपुर
अगर आप हिमाचल को अच्छी तरह से जानना चाहते हैं तो बिना पालमपुर के ये अधूरा ही रहेगा। पालमपुर से हिमालय की धौलाधार रेंज का सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। पालमपुर हिमाचल के फेमस शहर धर्मशाला से 35 किमी. की दूरी पर है। पालमपुर हिमाचल के रिमोट इलाकों में से आता है। इसलिए यहाँ फेमस जगहों की तरह भीड़भाड़ नहीं है। पालमपुर में पहाड़, झरने और कुदरत के खूबसूरत नजारे तो हैं ही इसके अलावा पालमपुर अपने कोनोलियलन आर्किटेक्चर के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा पालमपुर की खूबसूरती यहाँ के चाय के बागान बढ़ाते हैं। पालमपुर कितना खूबसूरत है ये आपको यहाँ आकर ही समझ आएगा।
क्या देखें?
पालमपुर में घूमने के लिए अनगिनत जगहें हैं। पहाड़ी खूबसूरती से लेकर मंदिरों और झरनों तक पालमपुर की हर चीज आपके मन को खुश कर देगी।
1. चाय के बागान देखें
पालमपुर के चाय के बागान यहाँ आने वाले हर पर्यटक को खूब पसंद आते हैं। असल में इस इलाके को उत्तर भारत की चाय की राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। दूर तक बिखरे हरे-भरे चाय के बागानों से सबसे बढ़िया क्वालिटी की चाय चुनकर आसपास के सभी इलाकों में भेजा जाता है जहाँ इन्हें प्रोसेस करके चाय पत्ती बनाई जाती है। इन बागानों को देखना सचमुच में बेहद सुखद होता है। अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं तब ये जगह आपको जरूर देखनी चाहिए। केवल यही नहीं कुछ बागानों में तो आप सामने से चाय को बनते हुए भी देख सकते हैं। आप रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक इन बागानों की सैर कर सकते हैं।
2. चामुंडा देवी मंदिर
अगर आप पालमपुर में हैं और आपने चामुंडा देवी मंदिर नहीं देखा तो यकीन मानिए आपने इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण जगह को मिस कर दिया है। कांगड़ा की बानेर नदी के तट पर बना ये मंदिर हिन्दुओं के सबसे माने जाने वाले मंदिरों में से है। ये मंदिर पालमपुर से केवल 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में करवाया गया था और उस समय से लेकर अबतक ये मंदिर पालमपुर आने वालों के लिए मुख्य आकर्षणों में से है। मंदिर का आर्किटेक्चर बाकी मंदिरों की ही तरह समान है। मंदिर के दरवाजों को श्री भैरव और हनुमान की तस्वीरों से सजाया गया है। ये मंदिर सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 1 बजे से लेकर रात 9 बजे तक लोगों के लिए खुला रहता है।
3. ताशी जोंग मोनास्ट्री
कांगड़ा डिस्ट्रिक्ट से 15 किमी. की दूरी पर स्थित ये बौद्ध मोनास्ट्री पालमपुर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। ये मोनास्ट्री पालमपुर के हरे भरे पहाड़ों के बीच बनी हुई है जिससे ये देखने में और भी अधिक सुंदर लगती है। इस मोनास्ट्री को देखते ही आपको बेहद सुकून मिलेगा। केवल जगह ही नहीं बल्कि मोनास्ट्री को सजाने में भी बहुत मेहनत की गई है। मोनास्ट्री को नक्काशीदार लकड़ी और भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं से सजाया गया है। चटख लाल और पीले रंग की वजह से ये मोनास्ट्री दूर से ही दिखाई देने लगती है जो यहाँ आने वाले हर इंसान के लिए बहुत प्यारा अनुभव होता है।
4. नेगल खड
नेगल खड पालमपुर से 3 किलोमीटर दूर बहती छोटी सी नदी का नाम है जो पालमपुर के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। ये जगह यहाँ आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से है। इस धारा के ऊपर एक लोहे का पुल भी है जो बहुत पुराना है। धौलाधार पर्वतमाला के विशाल पहाड़ों और उन पहाड़ों के बीच से बहती इस नदी की चहकती आवाज को सुनना बहुत सुकूनदायी होता है। नेगल खड पालमपुर की सबसे मोहक जगहों में से है। खड के ऊपर बना पुल फोटोग्राफी करने के लिए बहुत अच्छी जगह है। सबसे अच्छी बात है कि खड के आसपास कई कैफे और खाने की जगहें भी हैं इसलिए आपकी भूख का भी पूरा इंतजाम है।
5. नोरबुलिंगका इंस्टीट्यूट
पालमपुर का ये इंस्टीट्यूट पर्यटकों के सबसे लोकप्रिय जगहों में से है। असल में ये इंस्टीट्यूट एक हेरिटेज साइट है जो तिब्बती धर्म को मानने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। तिब्बती कल्चर और उससे जुड़ी परम्परों को सहेजता हुए इस इंस्टीट्यूट को पालमपुर की शान कहा जा सकता है। इंस्टीट्यूट में घूमने के अलावा आप यहाँ से तिब्बती कपड़े और घर सजाने का सामान भी खरीद सकते हैं। इस इंस्टीट्यूट में समय समय पर कई वर्कशॉप्स का आयोजन भी किया जाता है। आपको इन वर्कशॉप्स में जरूर शामिल होना चाहिए। ये इंस्टीट्यूट सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक बाहरी लोगों के लिए खुला रहता है। इंस्टिट्यूट में जाने के लिए भारतीय और तिब्बती लोगों को 20 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए एंट्री फीस के तौर पर देने होते हैं।
इसके अलावा पालमपुर में आप सौरभ वन विहार, सैन्य जॉन चर्च, अंद्रैता पॉटरी, नाम आर्ट गैलरी और जखनी माता मंदिर भी देख सकते हैं। पालमपुर और उसके आसपास के इलाकों में ट्रेकिंग करने के लिए कई रास्ते हैं इसलिए अगर आपको ट्रेकिंग करना पसंद है तो आप त्रिउंड ट्रेक पर भी जा सकते हैं।
कब जाएँ?
वैसे तो आप साल के किसी भी समय पालमपुर का सकते हैं। लेकिन अगर आप सबसे सटीक समय की तलाश कर रहे हैं तो आपको मार्च से जून या सितंबर से नवंबर के बीच पालमपुर घूमने का प्लान बनाना चाहिए। साल के इस समय पालमपुर का मौसम सुखद होता है इसलिए आप आराम से घुमक्कड़ी का मजा ले पाएंगे। पहाड़ी इलाका होने के बावजूद पालमपुर में कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ती है इसलिए आप कभी भी यहाँ आ सकते हैं। पालमपुर में ठहरने के लिए आपको बजट से लेकर महंगे होटलों तक दोनों विकल्प मिल जाएंगे। अगर आप कम पैसों वाला ठिकाना ढूंढ रहें हैं तो उसके लिए आप बजट गेस्ट हाउस या लॉज में रुक सकते हैं। इन गेस्ट हाउस की कीमत 800 से 1500 रुपए तक होती है। इसके अलावा पालमपुर में आपके पास होमस्टे में ठहरने का भी ऑप्शन है। इन होमस्टे में रुकने के लिए आपको कम से कम 1,200 रुपए देने होते हैं।
कैसे पहुँचें?
पालमपुर पहुँचने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती है। हिमाचल की ये जगह प्लेन, ट्रेन और बस तीनों से ही अच्छी तरह जुड़ी हुई है इसलिए आपको कोई परेशानी नहीं आएगी।
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से पालमपुर आना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट धर्मशाला का गग्गल एयरपोर्ट है। ये एयरपोर्ट पालमपुर से करीब 40 किमी दूर है। धर्मशाला एयरपोर्ट देश के बाकी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसलिए आपको आसानी से फ्लाइट मिल जाएंगी। चंडीगढ़, दिल्ली, कुल्लू जैसे शहरों से आपको आराम से फ्लाइट मिल जाएंगी। इसके अलावा आप अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी पालमपुर पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: यदि आप ट्रेन से पालमपुर आने का प्लान बना रहे हैं तो पालमपुर में ही रेलवे स्टेशन है। पालमपुर रेलवे स्टेशन देश के बाकी जंक्शनों से अच्छी तरह जुड़ा हुए है। हिमाचल के बाकी शहरों से पालमपुर के लिए कई ट्रेनें चलती हैं। ये स्टेशन मुख्य शहर से लगभग 5 किमी. दूर है। इसके अलावा आप पठानकोट रेलवे स्टेशन से भी पालमपुर आ सकते हैं जो 113 किमी. की दूरी पर है।
वाया रोड: अगर आप सड़क मार्ग से पालमपुर आना चाहते हैं तो उसमें भी कोई परेशानी नहीं होगी। हिमाचल राज्य परिवहन की तमाम बसों से आप पालमपुर आ सकते हैं। इसके अलावा अगर आप दिल्ली या चंडीगढ़ से आ रहे हैं तो खुद की गाड़ी से भी पालमपुर आ सकते हैं।
क्या आपने हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।