रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को कौन नहीं जानता भारत ही नहीं बल्कि विश्व के टॉप उद्योगपति और अमीर लोगों में उनकी गिनती की जाती है।हाल ही में अंबानी परिवार काफी चर्चे में था जिसकी वजह थी उनके छोटे बेटे अनंत अंबानी की प्री वेडिंग फंक्शन जिसमे शिरकत होने के लिए दुनिया के कोने कोने से अतिथियों को बुलाया गया था। लेकिन इस प्री वेडिंग के अलावा एक और चीज है जो इन दिनों अंबानी परिवार की चर्चा मे रखे हुए है और वो है मुकेश अंबानी के छोटे बेटे का ड्रीम प्रोजेक्ट वनतारा।जो पूरी तरह से बेजुबान जानवरो को समर्पित है।अनंत अंबानी को जानवरो से काफी लगाव और प्रेम है।वो बचपन से ही जानवरो से बहुत प्रेम करते थे और उनके प्रति सहानुभूति का भाव रखते थे।यही सेवा का भाव ने उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए प्रेरित किया।तो आइए आज आपको अनंत अंबानी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में बताते है आखिर क्या खास है उनके इस प्रोजेक्ट में जिसकी खूब प्रशंसा हो रही है।
क्या है वनतारा
वनतारा जिसका अर्थ है वन अर्थात "जंगल का तारा" जोकि एक एनिमल वेलफेयर प्रोग्राम है जिसे गुजरात के जामनगर के रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट में 3000 एकड़ भूमि पर बनाया गया है।इस ग्रीन बेल्ट में दुनियां भर के बेजुबान जानवरो के संरक्षण का कार्य किया जाता है।देश-विदेश के घायल, शोषित और लुप्त होने के कगार पर पहुंच गए बेजुबानों का रेस्क्यू कर इलाज किया जाता है।आपको बता दें कि वनतारा का रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर 650 एकड़ जमीन पर बना है। वनतारा इनिशिएटिव के तहत अब तक 200 से ज्यादा हाथियों और हजारों पक्षियों, सरीसृपों और दूसरे जानवरों को बचाया गया है।इस प्रोजेक्ट को शुरू करने वाले अनंत अंबानी का कहना है कि बेजुबान जानवरो की सेवा करना भगवान की सेवा करना है।इसीलिए उन्होंने इस प्रॉजेक्ट की शुरूआत की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है मान्यता प्राप्त
वनतारा कोई ऐसी वैसी संस्था नही बल्कि विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्था है जो दुनियां भर के जानवरो के लिए कार्य करती है।वनतारा इनिशिएटिव भारत में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नागालैंड प्राणी उद्यान, सरदार पटेल प्राणी उद्यान और असम राज्य चिड़ियाघर आदि के साथ सहयोग करता है।साथ ही यह वेनेजुएला नेशनल फाउंडेशन ऑफ जू जैसे इंटरनेशनल संगठनों के साथ भी काम किया है।इसके अलावा यह संस्था स्मिथसोनियन और वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम जैसे जाने-माने संगठनों के साथ भी जुड़ा है।
हाथियों के देख भाल के लिए है वनतारा में एलीफेंट सेंटर
वनतारा में हाथियों के लिए विशेष व्यवस्था है यहां हाथियों की देख भाल और उनका इलाज किया जाता है।इस एलीफेंट सेंटर हाइड्रोथेरेपी पूल, वाटर बॉडी और हाथियों के आर्थराइटिस के इलाज के लिए जकूजी भी है।साथ ही इनकी देख भाल के लिए 500 लोगों का प्रशिक्षित स्टाफ भी रखा गया है जो की हाथियों के बारे में अच्छी तरह प्रशिक्षित है।इसमें 25 हजार स्क्वायर फीट का एक एलीफेंट हॉस्पिटल भी है जहां पर अत्याधुनिक सुविधा और उपकरण है जिसमे एक्स-रे मशीन, लेजर मशीन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल जैसी तमाम हाईटेक सुविधाएं मौजूद हैं। एलीफेंट सेंटर में 14 हजार स्क्वायर फीट का किचन भी है जिसका प्रयोग हाथियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा और पौष्टिक भोजन बनाने के लिए किया जाता है।
वनतारा में प्रत्येक हाथी का है डाइट चार्ज
वनतारा में लगभग 200 से ज्यादा हाथियां है जो रेस्क्यू करके लाए गए है। जिनमें से कुछ बुजुर्ग,कुछ बीमार तो कुछ बुरी तरह से घायल की अवस्था में लाए गए थे।इस कारण इन्हें ज्यादा देख भाल की जरूरत होती है।इसीलिए संस्था ने प्रत्येक हाथी की डाइट चार्ट तैयार की है जिससे की समय से उन्हें दवाइयां ,फल, घास और दूसरा पोषण दिया जाता है। इसके साथ ही प्रत्येक नर हाथी की देखभाल के दो महावत और मादा हाथी की देखभाल के लिए तीन महावत को तैनाती दी गई है। जो 24 घंटों उनके साथ रहते है।महावत के लिए उन्ही लोगो को तैनात किया गया है जो पीढ़ियों से इसी कार्य को कर रहे है या उन्होंने विश्वस्तर पर प्रशिक्षण लिया है।
43 प्रजातियों के 2,000 से अधिक जानवरों की शरण स्थली है वनतारा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह संस्था केवल हाथियों के लिए ही नहीं बल्कि बाकी जीवों के लिए भी कार्य करती है।वनतारा में 43 प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवरो को बचाया गया एवं पुनर्वास केंद्र की देखरेख में रखा गया हैं। केंद्र ने सात भारतीय और विदेशी लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य इन लुप्तप्राय जानवरों की संख्या को बढ़ाकर उन्हें उनके मूल निवास स्थान पर बहाल किया जाना है।
आज वनतारा 200 हाथियों, 300 से अधिक तेंदुओं, बाघों, शेरों, जगुआर, हिरणों जैसे 300 से अधिक शाकाहारी जीवों, मगरमच्छ, सांप और कछुओं जैसे 1200 से अधिक सरीसृपों की शरण स्थली बन चुका है। यहां तमिलनाडु की अलग-अलग जगहों से 1,000 से अधिक मगरमच्छों को भी लाकर बसाया गया है। एनिमल रेस्क्यू एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर को मैनेज करने के लिए यहां वेल ट्रेंड 2100 लोगों का स्टाफ है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग द्वारा
अगर आप वनतारा हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो वहां पहुंचने के लिए आपको सबसे जामनगर हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा।हवाई अड्डे से वनतारा जाने के लिए, आपको स्थानीय परिवहन सेवाओं का इस्तेमाल करना होगा, जैसे कि टैक्सी, बस, या ऑटोरिक्शा।
रेल द्वारा
वनतारा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जामनगर रेल्वे स्टेशन है जो की वहां से 60 - 70 किमी दूर पर स्थित है यहां से आप टैक्सी या कैब की सहायता से वहां जा सकते है।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल हमे कमेंट में जरुर बताए।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।