मूरंगः हिमाचल प्रदेश का ये हिल स्टेशन आपका अगला ट्रेवल डेस्टिनेशन जरूर होना चाहिए, जान लो क्यों?

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घुमक्कड़ी की सबसे अच्छी बात ये है कि आप घूमते हुए खुद को जान रहे होते हैं। सोचिए, आप एक ऐसी जगह पर हैं जहाँ की आबोहवा बहुत साफ हो। जहाँ प्रदूषण का नामोनिशान तक नहीं है। जहाँ शांति और सुकून को तोड़ने के लिए शहरों को शोर शराबा न हो। पहाड़ की चोटी पर खड़े हो जाओ तो दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। ऐसी खूबसूरत जगह को देखकर लगता है कि कुदरत कोई कविता सुना रही हो। ऐसा ही कुछ एहसास कराता है मूरंग। मूरंग हिमाचल प्रदेश का छोटा-सा हिल स्टेशन है जो किन्नौर जिले में आता है। अगर आप शहर के शोर और व्यस्त जिंदगी से दूर कहीं सुकून चाहते हैं तो मूरंग आपके लिए सही जगह है।

क्यों जाएँ मूरंग?

सतुलज नदी के किनारे स्थित मूरंग के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। हिमाचल प्रदेश में बसे इस छोटे-से स्वर्ग में आपको वो सब मिलेगा जो आपको सुकून देता है। शहर की तेज रफ्तार से निकल कर यहां आने के अपने फैसले पर आप पछताएँगे नहीं। पहाड़ों में अक्सर जिन्दगी धीमी होती है। यहाँ लोग सुबह जल्दी उठ जाते हैं और शाम को जल्दी अपने-अपने बिस्तर में चले जाते हैं। ऐसे में मूरंग में आपको सुबह की सुहानी धूप का मजा जरूर लेना चाहिए। आप यहां पर किताबें पढ़ सकते हैं या पहाड़ों पर ट्रेकिंग करने भी जा सकते हैं। यहाँ आपके लिए समय ही समय है आप जैसे चाहें। अपना समय यहाँ बिता सकते हैं। आप पहाड़ों के बीच बसे इस हिल स्टेशन के रास्तों पर पैदल चल सकते हैं। आप यहां पर वो सब कर सकते हैं जिसके बारे में आप शहर में बैठकर सोचा करते थे।

वादियों के बीच बसे इस हिल स्टेशन में बहुत कुछ करने को है लेकिन इसके अलावा आप कुछ जगहों पर जा सकते हैं जो आकर्षण का केन्द्र है। अगर आप मूरंग जाते हैं तो आपको यहाँ के किले को देखने एक बार जरूर जाना चाहिए। वैसे तो ये किला ज्यादातर टूट चुका है लेकिन कहा जाता है कि इस किले को पाण्डवों ने बनवाया था। बहुत समय पहले यहाँ मूरंग की स्थानीय देवी ओमृग की पूजा की जाती थी। ओमृग की मूर्ति के 18 चेहरे थे जो कि महाभारत के 18 दिनों के बारे में बताते थे। यहाँ पहले देवी का श्रृंगार, एक संदूक में सोना, चाँदी और पीतल रख रहता था। लेकिन ये बहुत पुरानी बात है अब तो ये किला सिर्फ खंडहर के रूप में ही बचा है। हालाँकि यहाँ के लोग इस किले के बारे में बहुत सारी रोचक कहानियाँ सुनाते हैं। आपको लोगों से इन कहानियों को सुनना चाहिए, आप इन कहानियों को बिना सुने नहीं रह पाएँगे।

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मूरंग से हिमालय का नजारा।
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सतलुज नदी का किनारा। श्रेय: विकीमीडिया।

मूरंग में देखने के लिए और भी बहुत कुछ है। खुमानी के बगीचे इस लिस्ट में सबसे आगे हैं। अप्रैल में जब इन बागानों में फूल खिलते हैं तब पूरा इलाका लाल गुलाबी फूलों से महक उठता है। तब यहाँ का नजारा देखकर आप खुश हो उठेंगे। थोड़ा आगे बढ़ने पर आप मूरंग के मंदिर और मोनास्ट्री भी देख सकते हैं। अगर आपके पास समय है तो आप रेकोंगपियो तक भी जा सकते हैं। यहाँ से रेकोंगपियो के लिए हिमाचल परिवहन की सरकारी बसें चलती हैं। 33 किलोमीटर लंबी यात्रा आपको रोमांच से भर देंगी। यहाँ का नजारा ऐसा है कि आप अपनी सारी थकान भूल जाएँगे। आप यहां सेब के बाग, कैलाश पर्वत और शिवलिंग पत्थर भी देख सकते हैं। मूरंग से एक दिन की ट्रिप के लिए रेकोंग एक अच्छा विकल्प है।

मूरंग के जायके में?

इस हिल स्टेशन पर सिर्फ देखने को ही बहुत कुछ नहीं है, यहाँ के जायके का भी आपको स्वाद चखना चाहिए। मूरंग में आपको हिमाचली और तिब्बती खाना बड़े आराम से मिल जाएगा। क्योंकि मूरंग एक छोटा-सा कस्बा है इसलिए यहां रेस्त्रां और कैफे बहुत कम हैं। इसके बावजूद यहाँ का खाना ऐसा है कि आप उंगलियाँ चाटते रह जाएँगे।

कैसे पहुँचें?

हवाई मार्गः अगर आप मूरंग फ्लाइट से आना चाहते हैं तो शिमला एयरपोर्ट सबसे नजदीक है। शिमला एयरपोर्ट से मूरंग की दूरी लगभग 250 किलोमीटर दूर है। अगर आप दिल्ली से आ रहें हैं आप दिल्ली से शिमला फ्लाइट से आ सकते हैं। शिमला एयरपोर्ट से आप मूरंग टैक्सी बुक करके जा सकते हैं या बस से जा सकते हैं।

रेलवे मार्गः अगर आप ट्रेन से आने की सोच रहे हैं तो सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला है। दिल्ली से कालका के लिए शताब्दी लीजिए और फिर कालका से आप टॉय ट्रेन का मजा लेते हुए शिमला आ सकते हैं। शिमला से मूरंग आप टैक्सी बुक करके या बस से पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्गः अगर आप मूरंग बस से आना चाह रहे हैं तो दिल्ली से रेकोंगपियो जाने वाली कोई भी बस पकड़ सकते हैं। पियो जाने वाली ज्यादातर बसें मूरंग तक जाती हैं। इसके लिए आप हिमाचल परिवहन की साइट पर जाकर और जानकारी ले सकते हैं। अगर आप खुद की गाड़ी से मूरंग जा रहे हैं तो दिल्ली से एनएच 44 या एनएच 5 पकड़ लीजिए। इससे आप दिल्ली अंबाला चंडीगढ़, शिमला, चितकुल और सांगला के रास्ते मूरंग पहुँच सकते हैं। दिल्ली से मूरंग के इस सफर में आपको लगभग 17 घंटे लग सकते हैं।

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