पौड़ी गढ़वालः उत्तराखंड में खूबसूरती और संस्कृति का एक अद्भुत संगम

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वैसे तो पहाड़ों में सब कुछ अच्छा और सुंदर लगता है लेकिन कुछ जगहें होती हैं जहाँ की खूबसूरती का कोई जोड़ नहीं होता है। कुछ ऐसा ही जगह है उत्तराखंड की पौड़ी। पौड़ी चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। इसके आसपास हरा-भरा जंगल है जो चीड़ और देवदार के पेड़ों से भरा हुआ है। यहाँ से बर्फ से ढकी बंद्रा पूच, गंगोत्री ग्रुप, केदारनाथ, नीलकंठ, नंदा देवी और त्रिशूल पहाड़ियों का खूबसूरत नज़ारा भी दिखाई देगा। इन सबकी वजह से पौड़ी उत्तराखंड के खूबसूरत जगहों में से आता है।

पौड़ी को सिर्फ देखना नहीं जानना और समझना है तो पैदल ज्यादा चलें। तब आपको ये सफर जगह से नहीं अपने कदमों से याद रहेगा। पैदल चलते-चलते आपको पहाड़, जंगल और हरियाली तो देखने को मिलेगी ही इसके अलावा घर में काम करती महिलाएँ, यहाँ के खूबसूरत खेत, धूप सेकते लोग और उछल-कूद करते बच्चे भी नज़र आएँगी। पौड़ी की खूबसूरती सिर्फ पहाड़ नहीं है। पौड़ी को खूबसूरत बनाते हैं यहाँ के लोग। अगर आप पौड़ी आए और ये सब नहीं देखा तो पौड़ी को सही से नहीं देख पाएँगे। शायद इसलिए तो कहते हैं कि किसी भी जगह हो टूरिस्ट की तरह नहीं मुसाफिर की तरह देखो। अगर आप पौड़ी जाएँ तो मुसाफिर बनकर जाएँ।

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भीड़-भाड़ से दूर वीकेंड पर आने के लिए पौड़ी अच्छी जगह है। पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड का एक खूबसूरत शहर है जो समुद्र तल से 1,814 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ऋषिकेश से पौड़ी की दूरी 180 कि.मी. है। खूबसूरत पहाड़ों से घिरा ये शहर ताज़गी का एहसास कराता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए पौड़ी किसी जन्नत से कम नहीं है। इस शहर के बारे में कहा जाता है कि जो एक बार यहाँ आया, उसे यहाँ से जाने का मन नहीं करता। पौड़ी में करने को बहुत कुछ है, देखने को बहुत कुछ है। आपका मन करे तो सुकून के पल बिताएँ या फिर निकल पड़ें इस शहर को देखने।

क्या करें?

1. कंडोलिया

पौड़ी में फेमस कंडोलिया मंदिर है जिसे आपको देखने ज़रूर जाना चाहिए। यहाँ के स्थानीय लोग इस मंदिर को बहुत मानते हैं। ये मंदिर पौड़ी से लैंसडाउन के रास्ते में पड़ता है। मंदिर में आसपास के लोग आते ही रहते हैं। ये मंदिर गढ़वाल की देवी कंडोलिया देवी को समर्पित है। यहाँ साल में एक मेला भी लगता है जो बेहद खूबसूरत होता है। अगर आपकी किस्मत अच्छी रही तो आप भी इसका हिस्सा बन सकते हैं। इसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। आप यहाँ मंदिर तो जा ही सकते हैं, इसके अलावा यहाँ आकर खूबसूरत पहाड़ी का आनंद भी ले सकते हैं।

2. चौखंभा व्यू प्वाइंट

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और इस खूबसूरती में कुछ समय बिताना चाहते हैं तो आपको पौड़ी में चैखंभा व्यू प्वाइंट आना चाहिए। यहाँ से आपको हिमालय की बर्फ से ढके पहाड़ों का शानदार नज़ारा देखने को मिलेगा। इस नज़ारे के अलावा दूर तक हरियाली ही हरियाली नज़र आती है। अगर आपको फोटोग्राफी करने का शौक है तो आपको ये जगह और भी अच्छी लगेगी। चैखंभा व्यू प्वाइंट शहर से 5 कि.मी. की दूरी पर है।

3- र्खिसू

पौड़ी की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है र्खिसू। र्खिसू पौड़ी से जुड़ा हुआ एक पहाड़ी गाँव है जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। पौड़ी से र्खिसू जाने के लिए आपको ट्रेकिंग करनी पड़ेगी। अगर आपको ट्रेकिंग करना पसंद है तो ये सफर आपके लिए रोमांचक और मज़ेदार होगा। पौड़ी से र्खिसू पहुँचने में एक घंटा लगता है। इस सफर को खूबसूरत बनाते हैं रास्ते में मिलते बांज के पेड़। र्खिसू के आसपास देवदार और चीड़ के पेड़ बहुत हैं। यहाँ से आपको खूबसूरत हिमालय देखने को मिलते हैं।

4. तारा कुंड

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पहाड़, गाँव और जंगल के अलावा यहाँ एक फेमस कुंड भी है, ताराकुंड। ये कुंड समुद्र तल से 2,250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। तारा कुंड के पास की एक बहुत पुराना मंदिर है जिसे आप देख सकते हैं। तारा कुंड खूबसूरत हिमालय की पहाड़ियों और घने जंगलों के बीचों-बीच बसा है। आपको यहाँ ताजगी का एहसास होगा। यहाँ इतनी शांति है कि आपको हवा भी सुनाई देगी। यहाँ आकर आप कुछ पल अकेले में बिता सकते हैं। इन सब के अलावा ताराकुंड एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी अच्छी जगह है। यहाँ आप रोमांचक ट्रेकिंग का आंनद ले सकते है।

5- क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर

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पौड़ी के आसपास बहुत सारे मंदिर है। उन्हीं में से एक फेमस और बहुत पुराना मंदिर है, क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर है। इस मंदिर के बारे में यहाँ के लोकल लोग बताते हैं कि इसको सातवीं शताब्दी में शंकराचार्य ने बनवाया था। ये मंदिर यहाँ के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। ये मंदिर ऐसी जगह पर है जहाँ से खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं। इसलिए भी लोग यहाँ आना पसंद करते हैं। ये मंदिर घने जंगल और हिमालय की सुंदर चोटियों के बीच में बसा है। अगर आप पौड़ी आएँ तो यहाँ भी ज़रूर आएँ।

6. बुबाखाल

र्खिसू की तरह पौड़ी के आसपास बहुत से पहाड़ी गाँव है। उन्हीं में से एक है, बुबाखाल। ये गाँव 14-15 गाँवों से कनेक्टड है। कंडोलिया मंदिर की पहाड़ियों की ढलान पर कई गांव के लिए सड़कें गई हैं जो दूर से सांप की तरह दिखाई देती हैं। आप उस रास्ते से बाबुखाल जा सकते हैं। इस जगह की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींचती है।

7. रांसी

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श्रेय: चीप ट्रिप

अगर आप पौड़ी जाएँ तो रांसी ज़रूर जाएँ। रांसी में पौड़ी का एकमात्र स्टेडियम है। शायद आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ये उत्तराखंड की सबसे ऊँचाई पर स्थित स्टेडियम है। पौड़ी से रांसी जाने के लिए आपको आधा किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ेगी। यहाँ आप खूबसूरती का नज़ारा ले सकते हैं, पक्षियों की चहचहाहट सुन सकते हैं या फिर पिकनिक मनाने आ सकते हैं।

कहँ ठहरें?

पौड़ी में आपको ठहरने की कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ आप होटल में रुक सकते हैं और अगर चाहें तो होमस्टे में भी ठहर सकते हैं। आप यहाँ ₹500 में होटल में भी ठहर सकते हैं और ₹2,000 में भी; यहाँ ठहरने के लिए काफी विकल्प हैं।

कब जाएँ?

पौड़ी साल भर खूबसूरत लगता है। आप कभी भी पौड़ी आ सकते हैं। अगर आपको बर्फ से लदा पौड़ी देखना है तो सर्दियों में आएँ। अगर आप हरियाली देखना चाहते हैं तो गर्मियों का समय बेस्ट है। मेरा मानना है कि पौड़ी आने के लिए सबसे बेस्ट टाइम मार्च से नवंबर तक है। जब आएँ तो मॉनसून को देखकर आएँ, बारिश में पहाड़ खूबसूरत तो होते हैं खतरनाक भी होते हैं।

कैसे पहुँचे?

पौड़ी गढ़वाल सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जाॅलीग्रांट देहरादून है जहाँ से पौड़ी 155 कि.मी. दूर है। आप वहाँ से टैक्सी बुक करके आ सकते हैं। इसके अलावा देहरादून या ऋषिकेश पहुँचकर पौड़ी बस से आ सकते हैं। अगर आप ट्रेन से आने की सोच रहे हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार और ऋषिकेश हैं। कोटद्वार से पौड़ की दूरी 108 कि.मी. है और ऋषिकेश से 117 कि.मी. दूर है। यहाँ से आप टैक्सी या बस से पौड़ी आराम से पहुँच सकते हैं।

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