मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए

Tripoto
Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए by Rishabh Dev

घुमक्कड़ सिर्फ उन जगहों पर नहीं जाता तो फेमस हैं और जहाँ जाना आसान है। घुमक्कड़ ऐसी जगहों पर जाते या खोजते हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है। जिससे उस जगह पर बाकी लोग आ सकें। राहुल सांकृत्यान ने घुमक्कड़ी को सर्वश्रेष्ठ बताया है। उन्होंने कहा कि घुमक्कड़ी सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि उसीने आज की दुनिया को बनाया है। जब ऐसी जगहों के बारे में पता चलता है जो घूमी नहीं खोजी जाती है तो यकीन हो जाता है कि घुमक्कड़ी से अच्छा कुछ नहीं है। अगर आप ट्रेक करने के शौकीन है और वो भी ऑफबीट तो उत्तराखंड का मोनाल ट्रेक आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं है।

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 1/9 by Rishabh Dev

मोनाल ट्रेक चमोली जिले का एक गुमनाम ट्रेक है। जिसके बारे में आपको गूगल भी कुछ नहीं बता पाएगा क्योंकि हाल ही में इस ट्रेक को खोजा गया है। इस ट्रेक की खोज की है उत्तराखंड के दो घुमक्कडों ने। चमोली जिले के वाण गाँव के हीरा सिंह और देवेन्द्र बिष्ट ने इस ट्रेक के बारे में पता लगाया। इस ट्रेक का नाम मोनाल ट्रेक इसलिए क्योंकि यहाँ मोनाल पक्षी बहुत दिखाई देते हैं। मोनाल पक्षी, उत्तराखंड का राष्ट्रीय पक्षी है। दुनिया की नजरों से दूर हिमालय के खूबसूरत नजारों के लिए परफेक्ट है ये मोनाल ट्रेक। लोगों को इस गुमनाम ट्रेक के बारे में पता चले, उससे पहले आपको इस खूबसूरत ट्रेक को कर लेना चाहिए।

मेनाल ट्रेक के बारे में

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 2/9 by Rishabh Dev

मोनाल ट्रेक उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लाॅक में आता है। ये ट्रेक वाण गांव से शुरू होता है जो ऋषिकेश से 275 किमी. की दूरी पर है। समुद्र तल से 12 हजार फीट की ऊँचाई वाला ये ट्रेक 12 किमी. लंबा है। जिसको पूरा करने में लगभग 3 से 5 दिन का समय लगेगा। ये ट्रेक रोमांच और रहस्य से भरा हुआ है। आपको यहाँ हरे-भरे बुग्याल, कई प्रकार के फूल और दूर तलक हिमालय की चोटियाँ दिखाई देंगी। ये ट्रेक चमोली को सबसे नया ट्रेक ही नहीं, सबसे खूबसूरत ट्रेक भी है।

कैसे पहुँचे?

मोनाल ट्रेक करने के लिए आपको वाण गाँव पहुँचना होगा। जहाँ से ये ट्रेक शुरू होता है। आप चाहे ट्रेन से जाने की सोचें या फ्लाइट से आपको ऋषिकेश पहुँचना होगा। वाण गाँव तक पहुँचने के दो रास्ते हैं।

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 3/9 by Rishabh Dev

टैक्सी से

आप ऋषिकेश और देहरादून पहुँचकर शेयर टैक्सी से वाण गाँव तक जा सकते हैं। देहरादून या ऋषिकेश से वाण गाँव तक कोई बस नहीं जाती है। आप देहरादून या ऋषिकेश से शेयर टैक्सी लें जो लोहागंज तक जाती है। जिसके लिए आपको 800 रुपए देने होंगे। लोहागंज से आपको फिर से टैक्सी लेनी होगी जो आपको 50 रुपए में वाण गाँव तक पहुँचा देगी। काठगोदाम से भी लोहागंज तक के लिए 700 रुपए में शेयर टैक्सी मिल जाएगी। वहाँ से आप वाण गाँव तक टैक्सी से जा सकते हैं।

बस से

वाण गाँव आप बस से भी जा सकते हैं लेकिन वो बस दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड से चलती है। ये बस आपको देवाल तक ले जाएगी और बस का किराया 700 रुपए है। ये बस देवाल काठगोदाम होते हुए जाती है। देवाल से 100 रुपए में टैक्सी से आप लोहागंज पहुँच सकते है और फिर वहाँ से टैक्सी लेकर वाण गाँव जा सकते हैं। जहाँ से मोनाल ट्रेक शुरू होता है।

कैसे करें ट्रेक?

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 4/9 by Rishabh Dev

इस ट्रेक को करने के दो रास्ते हैं। आप सबसे पहले वाण गाँव जाएँ। जो ऋषिकेश से  275 किमी. की दूरी पर है। आपको एक दिन तो वाण गाँव तक पहुँचने में लगेगा। रात को गाँव में ठहरें और अगले दिन ट्रेक के लिए निकल पड़ें। वाण गांव से पहले दिन के ट्रेक में जो स्टाॅप होगा वो कुकीन खाल है। जिसके लिए आपको 4 किमी. का ट्रेक करना होगा। कुकीना खाल से अगला पड़ाव हुनेल तक है। जब आप 5 किमी. पैदल चलेंगे तब आप हुनेल पहुँचेगे। इस ट्रेक के टाॅप तक आप तीसरे दिन पहुँच सकते हैं। हुनेल से लगभग 3 किमी. के ट्रेक के बाद आप इस ट्रेक के सबसे खूबसूरत नजारे दिखाई देंगे।

वाण-कुकीना खाल-हुनेल-मोनाल टाॅप।

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 5/9 by Rishabh Dev

इस ट्रेक का दूसरा रास्ता भी है जो वाण गाँव से ही शुरू होता है। आप पहले वाण गाँव से शुक्री खर्क तक 4 किमी. का ट्रेक कर सकते हैं। इसके बाद अगले दिन शुक्री खर्क से मेडंफाडा तक जा सकते हैं। शुक्री खर्क से मेडंफाडा की दूरी लगभग 5 किमी. है। मोनाल ट्रेक के तीसरे दिन 3 किमी. का ट्रेक करने के बाद आप सबसे टाॅप पर पहुँचेंगे। जहाँ का नजारा देखकर आप खुशी से झूम उठेंगे। यहाँ चारों तरफ आपको ऊँचे-ऊँचे पहाड़ और मखमली घास दिखाई देंगे। यहाँ से आपको हिमालय की चौखंभा, नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत की चोटियाँ दिखाई देंगी। यकीन मानिए आप ये नजारा कभी भूल नहीं पाएंगे।

वाण-शुक्री खर्क-मेडंफाडा-मोनाल टाॅप।

क्यों करें?

वैसे तो मोनाल ट्रेक करने की ये वजह काफी है कि ये बहुत ही अनछुआ ट्रेक है। जिसके बारें में लोगों को अभी पता नहीं है इसलिए आपको यहाँ भीड़ तो बिल्कुल नहीं मिलेगी। इस ट्रेक में जो खूबसूरती और सुकून अभी मिलेगा वो बाद में शायद न मिले। फिर भी हमारे पास कुछ वजहें हैं जिनके लिए भी आपको ये ट्रेक करना चाहिए?

1- शानदार नजारे

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 6/9 by Rishabh Dev

मोनाल ट्रेक में आपको जो नजारे देखने को मिलेंगे वो शायद आपको कहीं और न मिले। जब आप चलते-चलते कहीं रूकेंगे तो आपको जो दृश्य दिखेगा। वो आपकी सारी थकान को दूर कर देगी। आपको तब लगेगा कि धरती पर कहीं जन्नत है तो यहीं है। हर दिन के साथ खूबसूरती बढ़ती ही जाती है। कहीं आपको हरे-भरे बुग्याल मिलेंगे तो कहीं आसमान से बातें करने वाले पहाड़। यहाँ से आपको बेहद खूबसूरत बुग्याल दिखाई देंगे जो शायद ही कहीं और मिलें। यहाँ आपको ब्रम्हकमल का फूल भी देखने को मिलेगा। जो बेहद खूबसूरत होता है।

2- बर्ड वाचिंग

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और बर्ड वाचिंग करना पसंद है तो ये ट्रेक आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट है। यहाँ आपको सिर्फ पहाड़ और हरियाली ही नहीं मिलेगी। कई सारे पक्षी और जानवर भी दिखाई देंगे। ऐसी बहुत कम जगह हैं जहाँ मोनाल पक्षी के झुंड दिखाई दें। मोनाल ट्रेक में आपको बहुत सारे मोनाल पक्षी दिखाई देंगे। मोनाल पक्षी के अलावा यहाँ आपको उत्तराखंड की राष्ट्रीय पशु कस्तूरी मृग भी देखने को मिलेगा। यहाँ हजारों प्रकार के फूल भी ट्रेक में मिलेंगे। इसलिए तो ये ट्रेक चमोली का सबसे खूबसूरत ट्रेक है। जिसको आपको एक बार जरूर करना चाहिए।

3- सूर्योदय और सनसेट

पहाड़ के पीछे से सूरज को उगते हुए देखना और जब सूरज डूबता है तो पूरी लालिमा आसमां में फैल जाती है। ये नजारा किसी को भी मदहोश कर देगा लेकिन मोनाल टाॅप ने सूरज को उगते हुए और डूबते हुए देखना एक अलग एहसास है। जब बर्फ से ढंके पहाड़ पर सूरज की किरण पड़ती है तो पहाड़ सोने की तरह चमकने लगता है। यकीन मानिए उस पल को आप कभी भूल नहीं पाएंगे। ऐसा ही ये ट्रेक है जिसको आप भूल नहीं पाएंगे।

क्यों है लोगों की नजरों से दूर?

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 7/9 by Rishabh Dev
Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 8/9 by Rishabh Dev

इस ट्रेक पर बेहद खूबसूरत नजारे हैं, पहाड़ हैं, हरियाली हैं, हजारों प्रकार के फूल हैं, शांति और सुकुन है। इतना खूबसूरत ट्रेक जिसको करने के बाद सुकून मिलता है। इन सारी खूबियों के बावजूद इस जगह के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। इसकी पहली वजह तो यही है कि ये उत्तराखंड के टूरिज्म मैप पर नहीं है। अगर ये टूरिज्म मैप पर आता है तो ये न सिर्फ लोगों को इस जगह के बारे में पता चलेगा बल्कि यहाँ के लोगों को लाभ पहुँचेगा। यहाँ रोजगार बढ़ेगा और पलायन भी कम होगा।

कहाँ ठहरें?

Photo of मोनाल ट्रेकः लोगों को उत्तराखंड के इस ट्रेक के बारे में पता चले उससे पहले कर डालिए 9/9 by Rishabh Dev

मोनाल ट्रेक पर जाएं तो आप वाण गाँव में ठहर सकते हैं। इस गाँव में ठहरने के लिए गेस्ट हाउस भी है और कुछ होटल भी हैं। जहाँ आपको सारी सुविधाएं मिल जाएंगी। इस गाँव में कुछ एडवेंचर कंपनियाँ हैं जो इस ट्रेक को कराती हैं। अगर आपके पास ट्रेक करने का सामान नहीं है तो सब कुछ आपको यहाँ मिल जाएगा। फिर भी कोशिश करें कि ये सब सामान आपके पास पहले से हों। जिन दो नौजवानों की ट्रेक की खोज की, वो भी इस ट्रेक को कराते हैं। आप ट्रेक पर जाने से पहले उनसे बात कर सकते हैं।

देवेन्द्र बिष्ट- 88026 10926

हीरा सिंह- 78951 65848

क्या आपने कभी ऐसा ही कोई ट्रेक किया है? अपने सफर के अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।

Further Reads