1 साल से सोलो ट्रिप प्लॅन कर राही थी। लेकीन बहोत डर लागता था कारण सेफटी का था। लडकी हू कुछ भी हो गया तो । लेकींन सोचा होना हो तो कैसे भी हो सकता है । तो सोचा एक छोटी 4 दिन की ट्रिप प्लॅन करती हू । मुंबई की गर्मी से थोडा थंडा होणं था । तो महाबळेश्वर और पंचगणी जानेका सोचा लेकीं मुझे डायरेक्ट जाणा नही था । तो मैने मुंबई - पुणे - सातारा - वाई - पंचगणी - महाबळेश्वर ये रूट जाने का सोचा । वैसे तो पुणे तो आपणही था लेकीं मुझे एकेले घुमना था तो मैने ईस रूट की मैने न देखी हुइ जगह धुडणा चालू किया । और चालू हो गयी मेरी सोलो ट्रिप । गुरुवार के दिन 3 बजे ऑफिस से निकाली। अचानक से मेरी सहेली सुप्रिया का फोन आया मुझे कल चुट्टी है मै एक दिन के लिये तेरे साथ आती हू। औरं मेरी सोलो ट्रिप की कपल ट्रिप ही गयी । adventure तो अभि बाकी था। मुंबई छोडने के बाद Oyo पे हॉटेल बुक करते समय ध्यान गया ATM card गुम गया है । टेन्शन आने लागा था । लेकींन बाप्पा ने इसलीये सुप्रिया को भेजा था । ईस तरह मुंबई से निकले । 9.30 बजे पुणे पोहचे । स्वारगेट से हॉटेल 12 km था । हॉटेल nine blossam सुपर था । बहोत दिनो के बाद मिलने के वजह से 12 बजे तर बाते हुइ ।
1 साल से सोलो ट्रिप प्लॅन कर राही थी। लेकीन बहोत डर लागता था कारण सेफटी का था। लडकी हू कुछ भी हो गया तो । लेकींन सोचा होना हो तो कैसे भी हो सकता है । तो सोचा एक छोटी 4 दिन की ट्रिप प्लॅन करती हू । मुंबई की गर्मी से थोडा थंडा होणं था । तो महाबळेश्वर और पंचगणी जानेका सोचा लेकीं मुझे डायरेक्ट जाणा नही था । तो मैने मुंबई - पुणे - सातारा - वाई - पंचगणी - महाबळेश्वर ये रूट जाने का सोचा । वैसे तो पुणे तो आपणही था लेकीं मुझे एकेले घुमना था तो मैने ईस रूट की मैने न देखी हुइ जगह धुडणा चालू किया । और चालू हो गयी मेरी सोलो ट्रिप । गुरुवार के दिन 3 बजे ऑफिस से निकाली। अचानक से मेरी सहेली सुप्रिया का फोन आया मुझे कल चुट्टी है मै एक दिन के लिये तेरे साथ आती हू। औरं मेरी सोलो ट्रिप की कपल ट्रिप ही गयी । adventure तो अभि बाकी था। मुंबई छोडने के बाद Oyo पे हॉटेल बुक करते समय ध्यान गया ATM card गुम गया है । टेन्शन आने लागा था । लेकींन बाप्पा ने इसलीये सुप्रिया को भेजा था । ईस तरह मुंबई से निकले । 9.30 बजे पुणे पोहचे । स्वारगेट से हॉटेल 12 km था । हॉटेल nine blossam सुपर था । बहोत दिनो के बाद मिलने के वजह से 12 बजे तर बाते हुइ ।
Per person cost
Mumbai to pune 175
Puna se hotel auto 100
Hotel cost 400
Food 250
दुसरे दिन हम 10 बजे तयार हो गये थे । बहोत सालो से हम पुणे जाणेका सोच रहे थे। वो ईस तरह से होगा ये नही मालूम था। हॉटेल check out करके हम अपने रास्ते निकाल गये थे। भूक लगी थी लेकीन एक जगह जो देखणी थी वो नजदिक मे थी ।
शिंदे छत्री मराठा नेता, महादजी शिंदे के लिए निर्मित एक स्मारक है। स्मारक वानवडी में स्थित है और सिंधिया (शिंदे) लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। इसमें एक हॉल है जो महादजी शिंदे का अंतिम संस्कार स्थल है । उसके बाद हमने पेट पूजा की । पुणे की झिंगाट मिसळ खाके देखा लेकीं बहोत मिठी थी। उसके बाद एक बहोत खास जगह थी । आप पुणे आकार श्रीमंत दगडू शेठ गणपती के दर्शन नाही किया तो कुछ नाही किया । बाप्पा के दर्शन के बाद हम शनिवार वाडा गये । वैसे तो मैने बहोत बार देखा था तो मै अंदर नाही गयी । थोडी देर बैठकर हम पुणे की फेमस सदाशिव पेठ की सुजाता मस्तानी खाणे गये । बाजीराव की मस्तानी हमने नाही देखी थी लेकीं ये मस्तानी बहोत टेस्टी थी। मे महिना होके भी वातावरण अच्छा था। उसके बाद हम जंगली महाराज मंदिर और उसके बाजू की पाताळेश्वर गुफा मे गये। कुछ अलग ही शांत वातावरण था। उसमे हम जिसे रात किडे कहते है उनकी आवाज भंग कर राही थी। मुंबई मे रात मे न आने वाली आवाज 3 बजे दोपेहेर मे आ राही थी । वाह पे इतना सन्नाटा था। उसके बाद भूक लगी थी हम नजदीक मे ही bambu house रेस्टरांत मे खाणे के लिये बैठे। श्याम हो गयी थी । थोडा वक्त था तो हम तुळशीबाग चले गये । तुळशीबाग पुणे का शॉपिंग सेंटर है। मुझे सुप्रिया को फिर से मुंबई के लिये रवाना करना था । पुणे स्टेशन से उसको मुंबई की गाडी मैं एकेली बाकी सफर के लिये निकाली । लेकीन पुणे आके मै पुणेकर दोस्तो से ना मिलु ये हो नही सकता । वह से पुणे commissioner office मै काम करणे वाले दोस्तो की साथ कॉफी के साथ बहोत बाते हूवी। 7 बजे थे एक दोस्त के घर रात रुकना था। बाकी पुणे का दिन खतम हूवा था। एक homestay मे श्रीखंड पुरी के साथ।
Cost
हॉटेल से शिंदे छत्री 70
नाष्टा 120
शिंदे छत्री से दगडू शेट गणपती 100
सुजाता मस्तानी 120
सदाशिव पेठ से पाळलेश्वर 35
लंच 300
तुलसी बाग से पुणे स्टेशन 30
पुणे स्टेशन से पिंपलेगुराव 25
सुबह 5 बजे उठ गयी थी । आगे सफर चालू करणा था। स्वारगेट बस स्टॉप से सातारा के लिये बस पकडणी थी । अगली जगह थी सातारा मे बसी लिंब गाव की बारा मोटाची विहीर (well) । सातारा से 15 km की दुरी पर है। गूगल से बेस्ट लोकल लोग होते है। उनिके वहज से मेरा 15 km का सफर बच गया। और उनिके वजह से ही हम लिंब गाव मे ही उतर गये । वह से रिक्षा कर के हम उस जगह पोहचे। महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी ने प्रथम मुस्लिम आक्रमण के बाद 1663 में सातारा किले पर विजय प्राप्त की और इसलिए निजाम शाही वंश का अंत हुआ। राजा शिवाजी के 13 वें वंशज उदयनराजे भोंसले अब सातारा के वर्तमान राजा हैं। सातारा के पास, लिम्ब नामक स्थान पर, जहाँ बारामोती विहिर, एक पुरातन चरण-कुँआ स्थित है।इस कुएँ का निर्माण 1641 में शुरू हुआ था और 1946 में राजा शाहजी के पुत्र शाहू महाराज की सरकार में श्रीमती विरुभाई भोंसले की देखरेख में पूरा हुआ। इस कुएं के चारों ओर लगभग 300 आम के पेड़ के खेतों के लिए एक जल स्रोत होने का इरादा था। उसके बाद वाई के लिये निकाल गयी।
वाई मे आते ही पाहिले पेट पूजा की आमंत्रण नाम के हॉटेल मे मस्त मिसळ पाव पे तूट गयी। बोहोत तिकी और स्वादिष्ट थी। फिर ढोल्या गणपती के दर्शन किया। एक बडी सी सुंदर मूर्ती है। नजर ही हट नाही रही थी। मुजसे 3 गुना बडी थी। नमस्कार करके मै मेणवली घाट के तरफ निकाल गयी। स्वदेश मूवी मैने ये जगह देखी थी तबसे यह आणा था । मेनवली में कृष्णा नदी के तट पर नाना फड़नवीस वाडा, बहुत ही दुर्लभ स्थानों में से एक है जहां इस तरह के संयोजन को बरकरार रखा गया है। वाई देखणे के बाद मैं पंचगणी के लिये निकल गयी। वाई से 15 km दुरी पर पंचगणी है। एक बडी सी झीप मै 15 लोगो के साथ सफर चालू किया। बहोत भयानक सफर था। वैसे मुंबईकर होणे के वजह से फरक नाही पड राहा था। लेकीन वो सफर कुछ अलही था। 3 बजे मैं पंचगणी मै तायघट नाम के गाव मे आ गयी । एक दोस्त की पहचान से मुझे होम स्टे मिला था। पारशी पॉईंट के नीचे ये गाव था। खुद्द को बहोतं भाग्यशाली समज राही थे। अचानक से सब थंडा हो गया था। आने के बाद सो गयी। श्याम के समय उठी और बाहेर आके देखा तो बहोत खूबसुरत श्याम थी । ग्रीन टी लेते हुवे उनिके आंगण मे बैठणा जन्नत से कम नाही था। रात का कुछ प्लॅन नाही था। मस्त चिकन बिर्याणी खाके और नये लोगो से बाते करते हुइ सो गयी।
Cost -
पुणे से लिंब गाव 175
लिंब गाव से बारा मोठाची विहीर 220 ऑटो
लिंब से वाई 30 rs seat auto
वाई से मेणवली घाट 20 रस seat
वाई से पंचगणी 30 rs seat
नाश्ता 100 rs
आज का दिन पंचगणी और महाबळेश्वर घुमना था। नॉर्मल पॉईंट के अलवा मेरे कुछ जगह थी जो मुझे देखणी थी । होम स्टे फॅमिली के पहचान से मैने एक गाडी बुक की थी। पहिली जगह थी प्रतापगड -
प्रतापगढ़ दुर्ग (या किला) महाराष्ट्र के सातारा जिले में सातारा शहर से २० कि॰मी॰ दूरी पर स्थित है। यह मराठा शासक शिवाजी के अधिकार में था। उन्होंने इस किले को नीरा और कोयना नदियों की ओर से सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से बनवाया था। १६५६ में किले का निर्माण पूर्ण हुआ था। उसी वर्ष १० नवम्बर को इसी किले से शिवाजी और अफज़ल खान के बीच युद्ध हुआ था और इस युद्ध में शिवाजी को विजय प्राप्त हुई थी। इस जीत से मराठा साम्राज्य की हिम्मत को और बढ़ावा मिला था। लेकीन मै पंचगणी से गयी पंचगणी से 56 km है। उसके बाद मैं महाबळेश्वर और अतिबळेश्वर मंदिर दर्शन किया । बहोत भीड थी। लेकींन वाह से नजदिक मै कृष्णा देवी मंदिर है । थोडी दूर होणे के कारण लोगो को मालूम नाही है । लेकींन पुराणे मंदिर की रचना का एक उत्तम उदाहरण है। वैसे तो मुझे किसीं भीड वाली जगह जाणा पसंद नही था। लेकींन एलिफंट पॉईंट देखणा था। गणपती की एक सुंदर मुरत उस जगह दिखाती है। वाह से निकलेके बहोत भूक लगी थी । गाडी माप्रो की तरफ ले किया। वाह की फेमस स्ट्रॉबेरी आईस्क्रीम और सँडविच खाना था। आम के बाद मुझे स्ट्रॉबेरी फल बहोत पसंद है।
मैने 2 बडी स्ट्रॉबेरी आईस्क्रीम और एक सँडविच और फ्रेंच फ्राईज खतम किया। अभि भी मुझे वो टेस्ट मु पे है। उसके बाद मैने माप्रो घुमना चालू किया। सारे महाबळेश्वर की टुरिस्ट वही पे थे। घर के लिये शॉपिंग करके मै टेबल लॅंड के लिये निकाल गयी। टेबल लैंड लेटराइट रॉक का यह सपाट बड़ा विस्तार एशिया का दूसरा सबसे लंबा पर्वत पठार है। "डेविल्स किचन" सहित कुछ विशाल गुफाएँ यहाँ से दिखाई देती हैं। वह से मैं भिलार गाव की तरफ निकाली। वैसे तो भिलार गाव पहिले से स्ट्रॉबेरी के लिये फेमस है । लेकींन 2 सालो से पुस्तकाचे गाव (बुक विलेज) के नाम से फेमस है। यह के हार घर मैं एक छोटी library हैं। एक दो घर जाके मैने वो देखे। उसके बाद मैं पारशी पॉईंट पे आ गयी। यह दर्शनीय स्थल महाबलेश्वर के रास्ते में स्थित है, और कृष्णा घाटी और धुम बांध के नीले चमकदार पानी के दृश्य पेश करता है। और मेरा होम स्टे उसके नीचे था। थोडी देर घुमने के बाद मैने पंचगणी मार्केट चली गयी। घर के लिये शॉपिंग करके। मै अपने होम स्टे वाले घर आ गयी। आज यह का आखरी डे था। बहोत अच्छे लोक मिले । रात को बाते करते करते मस्त चिकन भाकरी का डिनर किया।
Cost
Full day car 3000
Mapro 1200
Lunch 200
सुबह 8 बजे उठ गयी थी । 11 बजे निकालाना था। सब लोक के साथ इह मस्त सेल्फी लिया। जानेका मन नही कर राहा था । इशू और प्रियनशू ये दो छोटे दोस्त भी न जाणे की जिद्द कर रहे थे। लेकींन बारीश मे फिर से आने का बोलके वाह से निकाली। पंचगणी बस डेपो से पुणे के लिये बस पकडणी थी। लेकींन रविवार होणे के वजह से 3 घंटे बस भी नही थी। पंचगणी भी मुझे जाणे ना दे राही थी। फिर एक वाह के एक लोकल दोस्त के मदत से मै वाई बस डेपो तक आ गयी । और वाह से पुणे के लिये बस मिली। और फिर पुणे से मुंबई के लिये share कार मे आई। बहोत दिनो से सोलो ट्रॅव्हल कर ना था । वो हो गया।
लेकींन एक बात समज आगयी । सोलो ट्रिप जैसी कोई चीझ नही होती। हम कभी भी एकेले नही होते। हमे कुछ ऐसे लोग मिल जाते है। की हमारी सोच बदल देते है। वैसी ही कुछ नई सोच और नये दोस्त कामाके आइ हू। शोभना और फॅमिली और बहोत सारे नये दोस्त का शुकरिया ।
Cost
पंचगणी से पुणे 200
पुणे से मुंबई 400