केदारनाथ यात्रा बुलेट से ।
हमारा प्लान बना केदारनाथ यात्रा का जैसे ही अनलॉक हुए उत्तराखंड । उत्तराखंड के लिए यात्रा खोल दी गई थी ।
विकासनगर से यात्रा स्टार्ट करनी थी, मौसम खराब घरवाले जानें नहीं दे रहे थे।
विकासनगर से यात्रा स्टार्ट करी सुभा 4 बजे देहरादून के लिए जो की 35 किलोमीटर है, रास्ते में बारिश रुकते हुए देहरादून पहुंचे ।
हम लोग 11 जने थे राइडर्स का वेट किया हमने वहां पर जाता प्रारंभ करी हमने 7:00 बजे ऋषिकेश के लिए, जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं करोना की वजह से लॉक डाउन चल रहा था। हमारे पास केदारनाथ जी यात्रा का पास था। तो हमें कोई दिक्कत नहीं थी पर हम एक चीज भूल गए थे , हम जैसे ही ऋषिकेश से एग्जैक्ट लेने लगे पुलिस की चेकिंग चल रही थी अपने पास दिखाया अपना परंतु हमारे पास ट्रैवलिंग का पास नहीं था पुलिस ने सपोर्ट गया हमारा और हमें बोला कि आप ट्रैवलिंग पास बना लीजिए अपने मोबाइल से ट्रैवलिंग का पास में और आगे के लिए चल दिए जैसा कि जुलाई में बरसात का मौसम होता है मौसम खराब था बट केदारनाथ बाबा को मिलने जाना था बाबा ने साथ दिया हमारा मौसम सुहाना हो गया हम 11 जने राइडिंग अपनी-अपनी बुलेट पर थे फिल्म फौजी देवप्रयाग खाना खाया जैसे ही बहुत लेट हो चुकी थी 1 बस के थे हमें यात्रा आगे भी करनी थी आगे बहुत लंबा रास्ता था हम खाना खाकर आगे बढ़े। देवप्रयाग से श्रीनगर अभी थोड़ा बन रहा है ट्रेन की वजह से ट्रेन का कार्य कार्य कर चल रहा है कटिंग चल रही है जगह जगह पर पहाड़ों की कटिंग चल रही थी। देवप्रयाग से हमारा अगला पड़ाव श्रीनगर था। श्रीनगर से रास्ता अति सुंदर अति सुंदर हो जाता है साइड में नदी पहाड़ बहुत ही बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है। जैसी आप श्रीनगर क्रॉस करते हैं वहां पर ऐतिहासिक मंदिर धारी देवी मंदिर बहुत ही पौराणिक मंदिर है वह बाढ़ के टाइम पर मंदिर डूबा नहीं पानी में आधा समा गया काली देवी बहुत मन है उसकी हमने वहां पर मत्था टेका माता का आशीर्वाद लिया और अगला पड़ाव के लिए हम रुद्रप्रयाग के लिए निकल गए केदारनाथ के लिए सड़क बहुत बेहतरीन। जोधपुरिया से अगला पढ़ाता हमारा गुप्तकाशी हल्की हल्की बारिश स्टार्ट हो गई थी गुप्तकाशी से गौरीकुंड थोड़ा रास्ता खराब है जगह-जगह हल्की हल्की लैंडस्लाइड थी बारिश हो रही थी भगवान भोलेनाथ का साथ था, गुप्तकाशी जैसे ही निकले थोड़ी दूर आगे जाकर बाइक के टायर की हवा कम, देखा क्या टायर में कील घुसी हुई है टायर में हवा डलवाई जैसे तैसे यात्रा स्टार्ट करें आगे का रास्ता बहुत ही मिट्टी वाला था कम से कम 5 किलोमीटर जाकर पंचर वाला मिला में चाहे खुलवाया वहां पर पंचर लगवाया भाई ने भी बहुत सपोर्ट किया। जब यह लोग बहुत सपोर्टिव होते हैं बारिश में भी भाई ने पंचर लगाया. करीब शाम के 5:00- 5:30 बज चुके थे। जैसे तैसे हम गौरीकुंड पहुंचे 6:30 बजे के आसपास बारिश हो रही थी गौरीकुंड एंट्री में पार्किंग है उससे आगे पुलिस वाले जाने नहीं देते हैं हमने फिर पार्किंग लगाई अपनी बाइक और और हम रूम देखने चल दिए , जैसा कि आपको शायद पता नहीं होगा ऊपर जाने के लिए भी नीचे एंट्री करवानी पड़ती है पास बनता है और वह बनता है शाम के 6:00 बजे तक सुबह 6:00 बजे से तो पुलिस वाले ने हमें कहा कि आप सुबह के 6:00 बजे आइए। फिर हमने होटल में रुम लिया जो कि आसानी से मिल रहे थे क्योंकि लॉकडाउन था तो यात्रा खाली उत्तराखंड वालों के लिए थी तो ज्यादा भीड़ नहीं थी बहुत थक खा चुके थे करीब 270 किलोमीटर बाइक चलाई, सुपर समान रखा खाना खाया और सब थक चुके थे मौसम भी खराब था अगले दिन के लिए सोच रहे थे क्या करना है