यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं

Tripoto
30th Apr 2022
Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia
Day 1

आपने बहुत सी ऊँची ऊँची बर्फ से लदी हुईं खूबसूरत घाटियां देखी होंगी। जिनको देखने मात्र ही मन मंत्रमुग्ध हो जाता है, वहां जाने पर तो जन्नत का एहसास होता है पर एक ऐसी खूबसूरती से भरपूर घाटी हैं जहां जाने पर मानों आपको स्वर्ग जैसे महसूस होने लगे

हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली राज्य में स्थित “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” एक मशहूर पर्यटन स्थल की। जिसे साल 1982 में यूनेस्को द्वारा राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है। यह जगह 500 से भी अधिक फूलों की प्रजातियों से सजी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि रामायण काल में हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में यहीं आए थे।

फूलों की घाटी चमोली

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Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia

यह फूल की घाटी केवल उत्तराखंड में ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि पूरे भारत के साथ साथ विश्व में भी प्रसिद्ध है तभी तो यहां भारत देश के अलग-अलग कोनों के अलावा विदेश सभी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। प्राचीन ग्रंथों में इस घाटी को नंदनकानन और गंधमादन नाम से जाना जाता था।

Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia
Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia

चमोली हमारे भारत देश के पर्वतीय राज उत्तराखंड के एक बहुत ही खूबसूरत जिला है। जहां अनेकों दर्शनीय एवं पर्यटन स्थल देखने को मिल जाते हैं। चमोली जिला पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में दर्शनीय एवं खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड का इस चमोली जिला का क्षेत्रफल 8030 वर्ग किलोमीटर है।

कैसे जाएं फूलों की घाटी
सबसे पहले आपको गोविंदघाट पहुंचना होगा। यहां से पुलना तक 3 किमी तक वाहन से और फिर यहां से घांघरिया तक दस किमी पैदल दूरी तय कर पहुंचें। यहां से दो रास्ते जाते हैं। एक फूलों की घाटी और एक हेमकुंड साहिब।

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Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia

घाटी सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक पर्यटकों के लिए खुलती है। इन फूलों की महक मन, मस्तिष्क को बेहद आनंदित करने वाली होती है। फूलों की घाटी करीब दस वर्ग किमी में फैली हुई है। फूलों की घाटी में प्राकृतिक रुप से फूलों की उत्पत्ति होती है। यहां बड़े-बड़े झरनों के साथ भोजपत्र का जंगल दूर-दूर तक फैला है।

Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia
Photo of यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में शुमार एक ऐसी खूबसूरत और अद्भुत घाटी जो किसी जन्नत से कम नहीं by Sachin walia

घाटी चारों ओर से पर्वत श्रृंखलाओं से ढकी हुई है। यहां फूलों की उत्पत्ति ऐसे हो रही है, जैसे फूलों की क्यारियां बनाई गई हों। यहाँ का दृश्य मन मोहने वाला होता है। एक बार आपको यहाँ आकर सुकून के कुछ जरूर बिताने चाहिए।

यहां आयें कैसे
चमोली अगर आप ट्रेन के द्वारा जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके आसपास में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। अगर निकटतम रेलवे स्टेशन की बात करें तो वह रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में 202 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऋषिकेश पहुंचने के बाद आपको चमोली के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।

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जय भारत

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