उमानंद मंदिर, जिसे असमिया में 'उमानंद देवालय' के नाम से भी जाना जाता है, असम के गुवाहाटी शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के मध्य में स्थित पीकॉक द्वीप (उमानंद द्वीप) पर स्थित है। इसे दुनिया के सबसे छोटे बसे हुए नदी द्वीप के रूप में जाना जाता है। जिस पर्वत पर उमानंद मंदिर बना है उसे भस्मकल के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।
मंदिर की स्थापना 17वीं सदी में अहोम राजा गदाधर सिंघा के शासनकाल में की गई थी, जिन्होंने शैव सम्प्रदाय के प्रसार के लिए इसे प्रोत्साहित किया। उमानंद मंदिर का नाम 'उमा' (पार्वती) और 'आनंद' (आनंद) के मिश्रण से बना है, जो भगवान शिव और पार्वती के बीच प्रेम को दर्शाता है।
मंदिर की स्थापना: उमानंद मंदिर की स्थापना 17वीं सदी में अहोम राजा गदाधर सिंघा के द्वारा की गई थी।
मंदिर की पौराणिक कथा: कहा जाता है कि उमानंद द्वीप पर शिव ने खुद को उमा (पार्वती) के सामने प्रकट किया था, जिससे इस स्थल का नाम उमानंद पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि, जब भगवान शिव इस पहाड़ी पर ध्यान कर रहे थे, कामदेव ने उनका योग बाधित कर दिया और इसलिए शिव के क्रोध की आग से जलकर राख हो गए और इसलिए पहाड़ी को भस्मकल नाम मिला।
मंदिर की वास्तुकला: इस मंदिर की वास्तुकला अहोम और असमिया शैली का सुंदर मिश्रण है। इसमें पत्थर और चूना पत्थर का उपयोग किया गया है, जो इसे प्राचीन भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाता है।
मंदिर के त्योहार: शिव चतुर्दशी सबसे बड़ा त्योहार है जो यहाँ प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर कई भक्त पूजा के लिए आते हैं। महा शिवरात्रि जैसे त्योहारों पर इस मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
द्वीप का माहौल: यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी भौगोलिक स्थिति और आस-पास के प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की हरियाली और नदी का किनारा विशेष रूप से शांति और सकून देता है। द्वीप पर जाने के लिए नाव की सेवाएँ उपलब्ध हैं, और यात्रियों को ब्रह्मपुत्र नदी के मध्य में स्थित इस शांतिपूर्ण और पवित्र स्थल का अनुभव करने का मौका मिलता है।
कैसे पहुंचें?
उमानंद मंदिर तक पहुँचने के लिए, आपको पहले गुवाहाटी शहर में आना होगा, जो असम राज्य में स्थित है। गुवाहाटी भारत के प्रमुख शहरों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। उमानंद मंदिर तक पहुँचने के लिए आप निम्नलिखित मार्ग का चयन कर सकते हैं
हवाई मार्ग: गुवाहाटी का लोकप्रिय हवाई अड्डा लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो शहर से कुछ ही दूरी पर है। यहाँ से आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा से शहर के मुख्य भाग में जा सकते हैं।
रेल मार्ग: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन भी शहर के मध्य में स्थित है और भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।
सड़क मार्ग: असम और आसपास के राज्यों से गुवाहाटी बस और निजी वाहन से भी सुलभ है।
नाव सेवा: उमानंद मंदिर तक पहुंचने का मुख्य तरीका नाव से है। गुवाहाटी के फैंसी बाजार इलाके में उपलब्ध नाव घाट से नावें उमानंद द्वीप के लिए उपलब्ध होती हैं। ये नावें सुबह से शाम तक चलती हैं और यात्रा का समय लगभग 10-20 मिनट का होता है।नाव की सेवाएँ आमतौर पर सुबह शुरू होती हैं और देर शाम तक चलती हैं। यात्रा का किराया और समय संचालक और मौसम पर निर्भर करता है, इसलिए यात्रा से पहले इसकी जानकारी लेना उचित रहता है।
उमानंद मंदिर और उसके आस-पास का क्षेत्र भक्तों, यात्रियों, और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य है, जो अपनी आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच सामंजस्य बिठाने की खोज में हैं।
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