अगर आप उदयपुर शहर की सभी मुख्य जगह घूम चुके हैं और चाहते हैं यहाँ कुछ नया करना तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए ही हैं।इसके अलावा अगर आपके पास उदयपुर में थोड़ा ही समय हैं और दोपहर की गर्मी के समय को कही यूटीलाइज़ करना चाहते हैं तो भी यह आर्टिकल आपके काम आने वाला हैं।झीलों की नगरी उदयपुर में हर साल लाखो टूरिस्ट आते हैं। यहाँ आने का सही समय वैसे तो गर्मियों के अलावा सभी मौसम हैं ,क्योकि गर्मी में आप सिर्फ सुबह जल्दी और शाम से रात तक ही यहाँ घूम सकते हैं। दिन में तो तेज तापमान की वजह से आपको रेस्ट करने के अलावा कोई चारा नहीं मिलता। उस समय अगर आप फतहसागर झील के आसपास हैं तो आप जा सकते हैं झील के किनारे ही बने इस Under The Sun Aquarium में-
इंडिया का सबसे बड़ा पब्लिक एक्वेरियम यहाँ उपस्थित हैं:
फतेहसागर झील के किनारे ही बने विभूति पार्क के पास अपनी गाडी पार्क करके ,झील से एकदम सटे इस एक्वेरियम के टिकट को बाहर से खरीद कर आप अंदर प्रवेश कर सकते हैं। बाहर से केवल एक्वेरियम के टिकट्स ही ख़रीदे जा सकते हैं। अन्य एक्टिविटीज़ के टिकट्स अंदर ही मिलते हैं।एक्वेरियम का मतलब मछलीघर हैं ,जहाँ विभिन्न प्रकार की मछलियों एवं जलीय जीवों को अलग अलग रखा जाता हैं। टूरिस्ट को इनसे जुडी हर प्रकार की जानकारी भी साथ साथ प्रोवाइड कराई जाती हैं।
टिकट्स चेक कराकर अंदर प्रवेश करते ही आप जलीय थीम पर बनी इस इमारत के मुख्य दरवाजे से अंदर पहुंचते हैं जहाँ आपका एक ग्रुप फोटो भी खींचा जाता हैं जिसे आप एक्वेरियम से वापस बाहर निकलते समय खरीद सकते हैं। प्रवेश पर गणेश जी की मूर्ति के अलावा , आसपास कुछ ऑक्टोपस ,स्टारफिश आदि की आकृतियों से सजे प्रांगण से आपको अँधेरे हॉल्स में प्रवेश करना होता हैं। दूर से ही आप चमकते हुए कई जार में खूब सारी रंग बिरंगी मछलियों को देख सकते हैं। दायी तरफ बड़े बड़े जार में बड़ी मछलिया एवं बायीं तरफ के छोटे जार में छोटी मछलिया देखने को मिलती हैं। बड़े जार के निचे स्क्रीन पर वीडियो के माध्यम से आप उसके ऊपर के जार की मछलियों की सब जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बच्चो को तो यह जगह सबसे ज्यादा पसंद आएगी ,क्योकि उन्हें कई तरह की रेयर मछलियों को देखने के अलावा यहाँ कई अन्य एक्टिविटीज़ करने का मौका भी मिलेगा।
यहाँ करीब 150 तरह की मछलिया आप देख सकते हैं। कुछ बेजान होकर पड़ी दिखेगी ,जिनके आप लगातार घूरते रहेंगे तब लगेगा कि यह भी ज़िंदा हैं। तो कुछ चंचलता के साथ पुरे जार में अटखेलिया करते दिखेगी। अलग अलग तरह की ,अलग अलग रंग रूप और आकार की यहाँ काफी मछलिया हैं। मुझे मछलियों के बारे में कोई ज्ञान नहीं हैं ,बस एक मछली जो मैं जानता था वो थी स्टारफिश। बस उसको पहचान कर ही खुद पर गर्व कर लिया था।
इसे इंडिया का सबसे बड़ा पब्लिक एक्वेरियम कहा जाता हैं ,हालाँकि यह केवल 3 से4 हॉल्स में सिमित था। बाकी के हॉल्स में अलग एक्टीविट्ज़ थी।मेरे हिसाब से इंडिया में इस से भी बड़े और एक्वेरियम होंगे,शायद साउथ के तटीय क्षेत्र में कही। मैंने भारत में यह पहला एक्वेरियम देखा हैं ,जम्मू एक्वेरियम देखने का दो बार मौका मिला ,पर देखा नहीं। इससे पहले दुबई में मैने एक्वेरियम देखा ,जो इतना बड़ा था कि वहा तो शार्क भी देखने को मिली।जो भी हैं हम राजस्थान वालों के लिए तो यह एक शानदार सौगात रही ,जो हमे 2017 में मिली थी।
अब करे समुद्र में शार्क से मुकाबला :
जैसे ही आप एक हाल से दूसरे हाल की तरफ आगे बढ़ते जाएंगे कुछ अजीबोगरीब मछलिया देख कर आप सोचेंगे कि ये कैसी मछली हैं। तभी आपको एक हॉल से डर कर चिल्लाने की आवाज़ आएगी। आप आगे उस हॉल की ओर बढ़ेंगे तो आप पहुचंगे उस हॉल में जहाँ कई टूरिस्ट अपने मुँह एवं कान पर एक बड़ा सा डिवाइस लगा कर एक छोटे से सर्किल में इधर उधर घूम कर हाथ पैर हिलाते और कुछ बच्चे चिल्लाते मिलेंगे। इस जगह आपको मिलेगा समुन्द्र का सच्चा लगने वाला आभासी अनुभव। यह हैं वर्चुअल रियलिटी एक्सपीरियंस। इसमें आपको वो डिवाइस पहनने के बाद लगेगा कि अब आप समुद्र के अंदर है,कई मछलिया ,कछुए ,शैवाल आदि आपके इर्द गिर्द घूमते रहेंगे। आप ऊपर-निचे,दाए-बाए जिधर चाहे इसमें घूमते हैं।इसमें आपके आँख और कान केवल समुंद्री चीजे ही देखते एवं सुनते हैं।
इस अनुभव के लिए यहाँ दो ऑप्शनस हैं -एक तो साधारण समुद्री अनुभव जो कि करीब100-150 rs का होता हैं ,दूसरा 'शार्क अटैक एडवेंचर ' ,जिसमे आपको समुद्र के अंदर एक शार्क से बचना होता हैं। कई छोटे बच्चे इसे असल समझ कर डर कर रोने लग जाते हैं।यह करीब 15 मिनट का होता हैं। मैंने वर्चुअल रियलिटी अनुभव भी दुबई में बुर्ज खलीफा पर किया था।जिसमे हमे बुर्ज खलीफा से कूदना था वो इतना असल लग रहा था कि कूदते ही हमारी साँसे तेज हो गयी थी। यकीन मानिये यहाँ का अनुभव भी आपके लिए ऐसा ही कुछ रहेगा।
अब तैयार हो जाए कुछ ऐसे फोटो खींचने के लिए जो आपकी यहाँ की यादे हमेशा ताजा बनाये रखेंगे :
अगले हॉल में स्थित हैं TRICK ART MUSEAM ,जिसका टिकट वही ऑन दी स्पॉट आपको लेना होता हैं। टिकट लेने के बाद आपको बड़े से कमरे में ले जाया जाएगा,जहाँ हर तरफ दीवारों पर ऐसे फोटोज चिपकाए हुए हैं जो दूर से थ्री डी फोटो दिखाई पड़ते हैं। हर फोटो के सामने फोकस लाइट भी लगी मिलती हैं जिससे आपका साफ़ फोटो खींचा जाय। एक कैमरा मैन अब हर एक फोटो के साथ आपके अलग अलग पोज में फोटोज ,आपके ही मोबाइल में खींचता हैं। किसी फोटो में आप समुद्र में सर्फिंग करेंगे , कही मगरमच्छ से लड़ेंगे तो कही आप ऑक्टोपस की जकड में फ़से होंगे। करीब 25 -30 तरह के पैटर्न फोटोज खींचने के बाद जब आपको कैमरामन मोबाइल लौटाता हैं तो खींचे हुए फोटोज देख कर आप हसे बिना रह नहीं सकते। आप यहाँ चाहे जितने फोटोज खींच सकते हैं।
करीब आधा घंटा फोटोज खींचा कर ,अब अगर आपको भूख लगी हैं तो अगले हॉल में कैफेटेरिया भी बना हैं।साथ के शॉपिंग स्टोर से आप इसी थीम के कुछ गिफ्ट्स भी ले सकते हैं। फिश स्पा भी यहाँ बना हैं ,जिसमे छोटी छोटी मछलियों के द्वारा आपके पैरों की मृत कोशिकाएं खत्म की जाती हैं। पुरे एक्वेरियम में आपको तेज गति का फ्री वाई फाई भी मिलता हैं।
टिकट: एक्वेरियम का टिकट करीब165 rs प्रति व्यक्ति (with GST ) ,ट्रिक आर्ट म्यूज़ियम : 150 rs प्रति व्यक्ति एवं VR के लिए 299rs प्रति व्यक्ति। करणीमाता रोपवे का टिकट अगर आपके पास हैं तो यहाँ आपको एक्वेरियम टिकट पर 10 % डिस्काउंट भी मिलेगा। फोटोग्राफी का कोई टिकट नहीं हैं।
अन्य नजदीकी स्थल : सहेलियों की बाड़ी , करणीमाता माता मंदिर (रोपवे ) , फतेहसागर झील (बोटिंग) ,सिटी पैलेस ,गणगौर घाट।
कैसे पहुंचे : उदयपुर शहर आप सीधा सड़क मार्ग या हवाई मार्ग से आ सकते हैं।
धन्यवाद
-ऋषभ भरावा (लेखक 'चलो चले कैलाश ')
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