उनाकोटि ट्रैवल गाइडः त्रिपुरा की इस दिलचस्प जगह को इस तरह से घूमने का प्लान बनाएं

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Photo of उनाकोटि ट्रैवल गाइडः त्रिपुरा की इस दिलचस्प जगह को इस तरह से घूमने का प्लान बनाएं by Rishabh Dev

अक्सर लोग जानी-पहचानी जगहों पर पसंद करते हैं या उन जगहों पर, जहाँ जाना उन्हें आसान लगता है। शायद यही वजह है भारत में नॉर्थ इंडिया में घूमने वाले बहुत लोग होते हैं और पूर्वोत्तर को कम ही लोग देख पाते हैं। यदि नॉर्थ ईस्ट जाते भी हैं तो कुछ फेमस जगहों को टच करके आ जाते हैं, ये घुमक्कड़ी नहीं है। घूमना तो उसे कहते हैं कि आप कितनी नई जगहों को एक्सप्लोर कर पाते हैं। ये भी जरूरी नहीं है कि हर बार घूमते हुए पहाड़ और झरने ही देखने को मिले। कई बार ऐसी दिलचस्प और रोचक जगहें मिलती हैं जो हैरान कर देती हैं। त्रिपुरा की ऐसा ही शानदार जगह है, उनाकोटि

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उनाकोटि का अर्थ होता है, एक करोड़ से कम। त्रिपुरा की उनाकोटि पहाड़ी पर एक करोड़ से एक मूर्ति मूर्तियां पहाड़ी पर उकेरी हुई हैं। यहाँ पर दो प्रकार की मूर्तियां है, एक पत्थर पर उकेरी हुई हैं और दूसरी चट्टान को काटकर बनाई गई हैं। इनमें से ज्यादातर मूर्तियां हिन्दू देवी-देवताओं की है। उनाकोटि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 180 किमी. की दूरी पर है. पहाड़ और जंगलों के बीच इस दिलचस्प और रहस्मयी जगह पर हर घुमक्कड़ को एक बार जरूर आना चाहिए। इसके बारे में कम लोगों को पता है इसलिए भी आपको यहाँ आना चाहिए। रोचक चीजों से भरे उनाकोटि में कैसे घूमें? ये हम आपको बता देते हैं।

इतिहास

इस जगह पर मूर्तियों के बनने को लेकर कई किवंदती हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव 1 करोड़ देवी-देवताओ के साथ काशी जा रहे थे। रात में सभी ने भगवान शिव से इस जगह पर रूकने को कहा। भगवान शिव ने यहाँ रूकने के लिए एक शर्त रखी कि सभी को सूरज निकलने से पहले उठना होगा। जब वो सुबह उठे तो उन्होंने देखा कोई नहीं जागा। इससे गुस्सा होकर सभी देवताओं को श्राप दे दिया और सभी देवी-देवता पत्थर के बन गए।

इससे जुड़ी एक कहानी और है। कहा जाता है कि कालू का नाम का शिल्पकार भगवान शिव और पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाना चाहता था। इसके लिए भगवान शिव ने शर्त रखी कि एक रात मंव 1 करोड़ देवी-देवताओ की मूर्ति बना दी तो ही कैलाश पर्वत ले जाएंगे। जिसके बाद शिल्पकार रात भर मूर्तियां बनाईं. सुबह जब उनकी गिनती हुई तो 1 करोड़ में एक मूर्ति कम निकली और कालू धरती पर ही रह गया। तब से इस जगह का नाम उनाकोटि पड़ गया।

कैसे पहुँचे?

फ्लाइट सेः यदि आप फ्लाइट से उनाकोटि जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम अगरतला एयरपोर्ट है। अगरतला से कैलाशहर की दूरी 178 किमी. है। कैलाशहर से उनाकोटि सिर्फ 8 किमी. की दूरी पर है। आप यहाँ टैक्सी बुक करके या बस से पहुँच सकते हैं।

ट्रेनः अगर आप उनाकोटि ट्रेन से जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी कुमारघाट रेलवे स्टेशन है। कुमारघाट से कैलाशहर की दूरी सिर्फ 22 किमी. है। यहाँ से आप शेयर्ड ऑटो या टैक्सी बुक करके भी उनाकोटि पहुँच सकते हैं।

वाया रोडः त्रिपुरा का उनाकोटि कई शहरों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है, सड़क भी अच्छी है। आप बस से उनाकोटि पहुँच सकते हैं। अगर आप खुद की गाड़ी से उनाकोटि जाना चाहते हैं तब भी आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।

कब जाएं?

वैसे तो त्रिपुरा के उनाकोटि में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन पहाड़ और हरियाली वाली ये जगह मानसून के बाद कुछ अलग ही निखर आती है। उस समय यहाँ का झरना भी बेहद खूबसूरत लगता है। उनाकोटि घूमने के लिए सबसे बेस्ट टाइम सितंबर से अक्टूबर का है। उस समय आप यहाँ घूमने का प्लान बना सकते हैं। इसके अलावा सर्दियों में भी उनाकोटि को घूम सकते हैं। अगर आप उनाकोटि में ठहरना चाहते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन आपको कम ही ऑप्शन मिलेंगे। कैलाशहर में कुछ लॉज और छोटे होटल हैं जिनमें आप रूक सकते हैं।

क्या देखें?

उनाकोटि पहाड़ी पर बनी मूर्तियां देखने लायक हैं और उसी के लिए ये जाना जाता है। वहाँ पहुंचने से पहले आपको एक गेट मिलेगा। जहाँ आपको सारा सामान जमा करना पड़ सकता है। आप अंदर अपने साथ कैमरा, मोबाइल, वॉलेट और पानी की बोतल ही ले जा सकते हैं। यहाँ से उनाकोटि का सफर शुरू होता है। उनाकोटि में कोई एंट्री फीस नहीं लगती हैं। ये साइट सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है।

1. उनाकोटेश्वर

उनाकोटि में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां है। जिसमें सबसे अहम भगवान शिव की मूर्ति है। भगवान शिव की लगभग 30 फीट ऊँची मूर्ति को उनाकोटेश्वर के नाम से जाना जाता है। इस मूर्ति के अलावा पास में ही देवी दुर्गा और तीन नंदी मूर्तियां भी हैं। इसके अलावा यहाँ कई सारी मूर्तियां हैं। स्थानीय लोग भगवान उनकोटेश्वर की पूजा करने आते हैं। उनाकोटि जाएं तो इस भगवान शिव की मूर्ति को देखना न भूलें।

2. भगवान गणेश की मूर्ति

पत्थरों पर उकेरी मूर्तियों को देखने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं। आप इन पर चलते हुए इन मूर्तियों को देख सकते हैं। आगे चलते हुए आपको कई देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलेंगी। भगवान गणेश की भी अद्भुत प्रतिमाएं दिखेंगी। इसमें भगवान गणेश के चार हाथ हैं और तीन दांत हैं। इसके अलावा भगवान की गणेश की दो मूर्तियां ऐसी हैं जिनमें उनके 8 हाथ और चार दांत हैं। शायद ही आपको भगवान गणेश की ऐसी मूर्तियां कहीं और देखने को मिलेगी।

3. वाटरफॉल

उनाकोटि में घूमते हुए आपको मूर्तियां तो मिलेंगी ही, इसके अलावा कुछ खूबसूरत जगहें भी मिलेंगी। उनाकोटि में खूबसूरत और दिल खुश करने वाला एक झरना भी है। ये वाटरफॉल बहुत छोटा है लेकिन यहाँ बहुत शांति रहती है। बारिश के बाद ये झरना तेजी से बहता है। उस समय ये जगह बेहद खूबसूरत लगती है। गर्मियों में पानी बहुत कम रहता है। आप यहाँ कुछ देर के लिए सुकून से बैठ सकते हैं। ऐसी शांत जगह पर कुछ देर बैठकर आपको अच्छा जरूर लगेगा।

4. उनाकोटि टॉप

अक्सर पहाड़ों में सबसे ऊँची जगह को व्यू प्वाइंट का नाम दे दिया जाता है। जब आप उनाकोटि में चलते हुए आखिरी छोर पर होंगे तो आप उनाकोटि की सबसे ऊँची जगह होगी। यहाँ से आपको दूर-दूर तक हरियाली ही हरियानी नजर आएगी। यहाँ से आप त्रिपुरा में डूबते हुए सूरज को और आसमां को लालिमा को देख सकते हैं। कम ही घूमने वाले लोग होंगे जिनको सनसेट पसंद न हों। आप यहाँ पर कुछ देर बैठकर वापस सीढ़ियों से नीचे उतर सकते हैं।

5. अशोक अष्टमी

उनाकोटि में हर साल अप्रैल में अशोक अष्टमी त्यौहार मनाया जाता है। आसपास के लोग उनाकोटि आते हैं और यहाँ पूजा करते हैं। इस त्यौहार में शामिल होने के लिए दूर-दूर से हजारों लोग आते हैं। इस त्यौहार को देखने के लिए आप अप्रैल में उनाकोटि का प्लान बना सकते हैं। इसके अलावा उनाकोटि में जनवरी में एक छोटा-सा फेस्टिवल होता है। आप इसमें भी शामिल हो सकते हैं।

6. कैलाशहर

उनाकोटि के रास्ते में आपको एक छोटा-सा कस्बा मिलेगा, कैलाशहर। अगर आप उनाकोटि में ठहरना चाहते हैं तो उसके लिए होटल और लॉज इसी कस्बे में है। कैलाशहर से उनाकोटि की दूरी सिर्फ 8 किमी. है। इस जगह पर ठहरेंगे तो इस जगह को भी देख सकते हैं। घुमक्कड़ तो वैसी भी हर छोटी-बड़ी जगह पर घूमना ही चाहता है, वहाँ चाहे फिर कुछ हो या न हो। यहाँ पर कैलाशहर मंदिर है, जिसके नाम पर इस जगह का नाम पड़ा। कैलाशहर में काली मंदिर के इस मंदिर को देखना न भूलें।

7. रोवा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी

अक्सर ऐसा होता है कि हम जिस जगह पर जाते हैं वहाँ दोबारा जाना कम बार ही हो पाता है। ऐसे में वहाँ की आसपास की जगहों को भी साथ-साथ देख लेना चाहिए। उनाकोटि से 18 किमी. की दूरी पर रोवा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी भी है। ये सैंक्चुरी लगभग 0.86 वर्ग किमी. में फैली हुई है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको ये जगह जरूर पसंद आएगी। इसके अलावा उनाकोटि के आसपास की जगह को भी इस सफर में देखने की कोशि करें।

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