त्रिपुरा की सदियों पुरानी संस्कृति को जानना है तो मेलाघर में बिताएं कुछ दिन

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Photo of त्रिपुरा की सदियों पुरानी संस्कृति को जानना है तो मेलाघर में बिताएं कुछ दिन by Rishabh Dev

हम अक्सर उन जगहों पर जाना पसंद करते हैं जिसके बारे में हम अच्छे-से जानते हैं। इस प्रकार घूमने वालों को टूरिस्ट कहा जा सकता है लेकिन घुमक्कड़ नहीं। घूमने वाला तो हर बार एक नई जगह की खोज के बारे में रहता है। घुमक्कड़ ऐसी जगह पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता हो। त्रिपुरा भारत के कम घूमने वाले राज्यों में आता है। इस जगह को इतना कम घूमा हुआ है कि लगभग हर जगह ही अनछुई जगह है। त्रिपुरा में घुमक्कड़ों के लिए देखने को बहुत कुछ है। उन्हीं खूबसूरत जगहों में से एक है, मेलाघर।

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त्रिपुरा का मेलाघर अपने नीरमहल के लिए फेमस है। उससे भी ज्यादा इस जगह को त्रिपुरा बहुत पुरानी संस्कृति के लिए जाना जाता है। अगर आपको त्रिपुरा को अच्छे-से जानना है तो मेलाघर आपके लिए बेस्ट जगह है। मेलाघर के बारे में कोई सटीक और सही जानकारी नहीं है। कहा जाता है कि इसे सदियों पहले बसाया गया था। इसलिए मेलाघर को सदियों पुरानी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहाँ पर आपको कई ऐतहासिक जगह देखने को मिलेंगी। वीकेंड पर घूमने के लिए त्रिपुरा का मेलाघर परफेक्ट जगह है। हर घुमक्कड़ को एक बार जरूर मेलाघर आना चाहिए।

क्यों जाएं?

वैसे तो ये सवाल किसी भी घुमक्कड़ के मन में नहीं आता है। इसके बावजूद भी अगर आप जानना चाहते हैं तो शहर की भीड़ और व्यस्तता से भरी जिंदगी से रिलैक्स पाने के लिए मेलाघर आ सकते हैं। महलों और झीलों के बीच वीकेंड बिताना चाहते हैं वो भी कर सकते हैं। यहाँ पर आप नीरमहल के प्राचीन गलियारों से झील के खूबसूरज नजारे को देख सकते हैं। इसके अलावा त्रिपुरा की स्थानीय संस्कृति को अच्छे-से जानने के लिए मेलाघर बढ़िया जगह है।

कब जाएं?

वैसे तो आप साल भर में कभी भी मेलाघर जा सकते हैं। पूरे साल यहाँ का मौसम सुहाना और खुशनुमा रहता है। इसलिए आप कभी भी घूमने आ सकते हैं हालांकि यहाँ पर गर्मी खूब पड़ती है। सर्दियों में आना ज्यादा सही रहेगा। आप नवंबर से फरवरी के बीच में मेलाघर आने का प्लान बना सकते हैं। उस समय मौसम भी सुहावना होगा और धूप भी होगी। यहाँ पर ठहरने की भी पूरी व्यवस्था है। मेलाघर में बहुत ज्यादा होटल नहीं हैं लेकिन आप इनमें से किसी में अपने बजट के हिसाब से ठहर सकते हैं।

कैसे पहुँचे?

हवाई मार्ग सेः अगर आप फ्लाइट से मेलाघर जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी अगरतला एयरपोर्ट है। अगरतला से मेलाघर की दूरी सिर्फ 60 किमी. है। आप वहाँ से आॅटो या कैब बुक करके मेलाघर पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग सेः यदि आप ट्रेन से मेलाघर आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम अगरतला रेलवे स्टेशन है। अगरतला से आप टैक्सी या कैब बुक करके आराम से मेलाघर पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग सेः वाया रोड भी आप मेलाघर जा सकते हैं। रोड काफी अच्छी है इसलिए आपको रास्ते में कोई दिक्कत नहीं आएगी। अगर आप खुद की गाड़ी से जा रहे हैं तब तो आप आराम से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा बस या टैक्सी से भी मेलाघर पहुँचा जा सकता है।

क्या करें?

1. नीरमहल देखें

नीरमहल मेलाघर की सबसे फेमस जगहों में से एक है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है कि पानी के बीच बने इस महल को 1938 में बनवाया गया था। इस महल को महाराजा बीर बिक्रम किशोर मानिक्य ने बनवाया था। पूरे देश में आपको ऐसी जगह और कहीं देखने को नहीं मिलेगी। महल का आर्किटेक्चर आपको बेहद पसंद आएगा। इतना पुराना महल होने के बावजूद ये आज भी टूरिस्ट को लुभा रहा है। अगर आप मेलाघर आते हैं तो आपको नीरमहल जरूर देखना चाहिए।

2. रुद्रसागर लेक

कहते हैं कि जिस शहर में नदी या झील होती है। वहाँ पर देखने को बहुत कुछ होता है। मेलाघर में रुद्रसागर लेक है जो वाकई खूबसूरत है। इस झील को 1921 में महाराज वीर बिक्रम किशोर मानिक्य ने बनवाया था। नीरमहल से इस खूबसूरत झील के नजारे को देख सकते हैं। आपको यहाँ पर शाम में आना चाहिए। जब आप डूबते हुए सूरज को देखेंगे और उसकी लालिमा झील में पड़ेगी तो मेलाघर आपको और भी प्यारा लगने लगेगा। त्रिपुरा के मेलाघर आएं तो इस जगह पर जाना न भूलें।

3. पैदल घूमें

किसी भी जगह को घूमने का सबसे अच्छा तरीका पैदल घूमना है। पैदल घूमते हुए वो शहर आपको और आप शहर को जानने लगते हैं। मेलाघर को भी इसी तरह से जाना जा सकता है। पैदल घूमते हुए आप यहाँ की झीलों, मंदिरों और महलों को देख सकते हैं। आप दुर्गा पूजा, काली पूजा और रथ पूजा जैसे पुराने मेलों में शामिल हो सकते हैं। यहीं पर आपको मेलाघर की संस्कृति देखने को मिलेगी। इसके अलावा आप यहाँ के वीरम्मा काली मंदिर और मेलाघर काली मंदिर को भी देख सकते हैं। पैदल चलते हुए कभी-कभी उन जगहों पर पहुँच जाते हैं जो अक्सर लोगों की नजरों से दूर होती हैं।

इस जगह पर घूमने के लिए फेमस जगहों के बड़े-बड़े नाम न हों लेकिन मेलाघर अपने आप में सदियों पुरानी संस्कृति है जिसे जानने के लिए हर घुमक्कड़ को जाना चाहिए।

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