अगरतला, त्रिपुरा
अगरतला त्रिपुरा राज्य की राजधानी हैं । त्रिपुरा का अगरतला ऐसा एयरपोर्ट हैं जो अपनी बॉउन्ड्री से भारत और बांग्लादेश का अन्तराष्ट्रिय सीमा भी बनाती हैं । अगरतला त्रिपुरा के सांस्कृतिक लोकाचार को समझने के लिए एक अच्छी जगह है। जगन्नाथ बारी, हिंदू मंदिर के अलावा, उज्जयंता पैलेस एक जरूरी यात्रा है। महल वह जगह है जहाँ आप त्रिपुरा सरकार के संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं। स्थानीय व्यंजनों को आजमाना न भूलें, जो किसी भी संस्कृति के करीब जाने का एक निश्चित तरीका है।
उनाकोटिक के खंडहर( Ruins of Unakoti )
अगरतला शहर से लगभग 178 किमी दूर स्थित, उनाकोटी एक अविश्वसनीय ऐतिहासिक आश्चर्य है। उनाकोटी, जिसका अर्थ है एक करोड़ में एक कम यानि 99 लाख 99 हजार 999 रॉक नक्काशी से भरा है। ऐसा कहा जाता है कि कैलाश की यात्रा से पहले भगवान शिव ने यहां एक रात बिताई थी, और आपको शिव की मूर्तियाँ और गणेश की मूर्तियाँ मिलेंगी। यहां हर साल अप्रैल के महीने में मेला लगता है।
डंबूर झील ( Dumboor Lake )
अमरपुर अनुमंडल में यह सुन्दर सरोवर स्थित है। डंबूर नाम डमरू शब्द से लिया गया है, या ड्रम जो भगवान शिव से जुड़ा है। एक महान प्राकृतिक गंतव्य, यह वह जगह है जहाँ आपको सर्दियों के महीनों में सुंदर प्रवासी पक्षी मिलेंगे।
जामपुई हिल्स ( Jampui Hills )
उत्तरी त्रिपुरा की जम्पुई हिल्स एक अद्भुत पलायन है। यह त्रिपुरा से लगभग 200 किमी दूर है, और राज्य की सबसे ऊंची पहाड़ी श्रृंखला है। जम्पुई हिल्स पर हर मौसम यहां अपना आकर्षण लाता है, चाहे सर्दी हो या मानसून। आप चटगांव हिल ट्रैक्ट और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों के व्यापक दृश्य देख सकते हैं। यह निश्चित रूप से एक अच्छी छुट्टी के लिए एक आकर्षक जगह है।
सिपाहीजोला वन्यजीव अभयारण्य ( Sipahijola Wildlife Sanctuary )
करामाती अभयारण्य में झीलें, एक प्राकृतिक वनस्पति उद्यान और बहुत कुछ है। वुडलैंड पक्षियों की लगभग 150 प्रजातियों का घर है। यहाँ एक समृद्ध प्राइमेट सेक्शन भी है, और यहाँ करने के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है बोटिंग ट्रिप पर जाना। यदि आप त्रिपुरा के प्राकृतिक अजूबों का अनुभव करना चाहते हैं तो सिपाहीजोला वन्यजीव अभयारण्य का दौरा अवश्य करें।
उज्जयंता महल राजकीय संग्रहालय
अगरतला में सफेद संगमरमर से चमकता हुआ इस खूबसूरत शाही महल का निर्माण 1899-1901 में हुआ था । बाद में नोबल पुरस्कार धारी रविन्द्रनाथ टैगोर ने इसे उज्जयंता महल का नाम दिए । सन 2013 से इस महल को त्रिपुरा राजकीय संग्रहालय के रूप में आम जनता के लिए खोल दिया गया महल के चारों ओर छोट छोटे गार्डन हैं तथा मुख्य द्वार के दाएं और बाएँ दो विशाल तालाब बने हैं। ये संग्रहालय में वास्तुकला, पेंटिंग, वस्त्र, सिक्के, आयल पेंटिंग्स, स्केच, जनजातीय चित्रकला को प्रदर्शित किया गया है।
यात्रा सभी के लिए हैं ।
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