गुजरात की संस्कृतिक राजधानी वड़ोदरा में कया देखें|

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Photo of गुजरात की संस्कृतिक राजधानी वड़ोदरा में कया देखें| by Dr. Yadwinder Singh

वड़ोदरा गुजरात का तीसरा सबसे बड़ा शहर है| वड़ोदरा को पहले बडोदा के नाम से भी जाना जाता था| वड़ोदरा नाम के पीछे कहा जाता है कि किसी समय इस क्षेत्र में बहुत सारे वट वृक्ष (वड) हुआ करते थे जिस वजह से यह नाम पड़ गया| वड़ोदरा को गुजरात की संस्कारित राजधानी भी कहा जाता है| गायकवाड़ मराठों ने इस शहर को अपनी राजधानी बनाया| वड़ोदरा विश्वामित्री नदी के किनारे पर बसा हुआ है| मराठा जरनैल पिला जी राओ गायकवाड़ ने 1721 ईसवीं में मुगलों से इस जगह को जीता था| वड़ोदरा शहर का स्वर्ण काल महाराजा सायाजी राओ गायकवाड़ तीसरे (1875-1939 ) के राज्यकाल को कहा जाता है| उनके राज्य में ही बडोदा कालेज बना जिसको बाद में यूनिवर्सिटी में तब्दील कर दिया गया| अगर आप गुजरात घूमने आ रहे हैं तो आपको वड़ोदरा भी घूमना चाहिए| वड़ोदरा में आप खूबसूरत पैलेस, मंदिर, गार्डन मयुजियिम आदि देख सकते हैं|

वड़ोदरा का खूबसूरत पैलेस

Photo of वड़ोदरा by Dr. Yadwinder Singh

लक्ष्मी विलास पैलेस वड़ोदरा
वड़ोदरा शहर का यह खूबसूरत पैलेस 700 एकड़ क्षेत्र में बना हुआ है| यह विश्व का सबसे बड़ा प्राईवेट पैलेस है| लक्ष्मी विलास पैलेस इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस से चार गुना बढ़ा हैं| इस खूबसूरत पैलेस का निर्माण 1890 ईसवीं में पूरा हुआ | इस पैलेस के निर्माण के ऊपर उस समय 27 लाख रुपये का खर्च आया था| टूरिस्ट्स के लिए पैलेस का कुछ क्षेत्र ही खुला है| इस खूबसूरत पैलेस में आप दरबार हाल, एलीफेंट रुम आदि देख सकते हो| पैलेस के अंदर प्रवेश के लिए आपको 250 रुपये का भुगतान देना पड़ेगा| लक्ष्मी विलास पैलेस का नाम लक्ष्मी नाम की रानी के ऊपर रखा गया है| अगर आप वड़ोदरा घूमने आए तो लक्ष्मी विलास पैलेस जरूर देखें|

लक्ष्मी विलास पैलेस वड़ोदरा में घुमक्कड़

Photo of Laxmi Vilas Palace by Dr. Yadwinder Singh

लक्ष्मी विलास पैलेस वड़ोदरा का खूबसूरत दृश्य

Photo of Laxmi Vilas Palace by Dr. Yadwinder Singh

महाराजा फतेह सिंह मयुजियिम
यह वड़ोदरा शहर का शानदार मयुजियिम है| इस मयुजियिम का नाम महाराजा फतेह सिंह के नाम पर पड़ा है| इस खूबसूरत मयुजियिम को 1961 ईसवीं में नवाब मेंहदी नवाज़ जंग जो गुजरात के गवर्नर थे ने उदघाटन किया| इस मयुजियिम में आप फोटोग्राफी नहीं कर सकते| इस खूबसूरत मयुजियिम के अंदर हथियार, चित्र, पेंटिंग आदि देख सकते हो| यह मयुजियिम सुबह 10 बजे से लेकर 5.30 बजे तक खुलता है| इस मयुजियिम को देखने के लिए 150 रुपये टिकट लेनी पड़ती है|

महाराजा फतेह सिंह मयुजियिम वड़ोदरा

Photo of Maharaja Fateh Singh Museum by Dr. Yadwinder Singh

सायाजी बाग वड़ोदरा
वड़ोदरा में बना हुआ सायाजी बाग पश्चिम भारत का सबसे बड़ा गार्डन है| सायाजी बाग 90 एकड़ में फैला हुआ है| इस बाग में 100 से ज्यादा किस्मों के पेड़ देखने के लिए मिलेगें| इस खूबसूरत बाग में आप सरदार पटेल पलेनीटेरियम, साया बाग चिड़ियाघर, वड़ोदरा मयुजियिम, पिक्चर गैलरी आदि जगहों को देख सकते हैं| सायाजी बाग में आप उस लड़के के बुत को जरूर देखना जिसने सायाजी महाराजा की जान बचाई थी जब वह शिकार खेलने के लिए गए थे|

सायाजी बाग वड़ोदरा

Photo of Sayaji Baug Zoo by Dr. Yadwinder Singh

वड़ोदरा मयुजियिम और पिक्चर गैलरी
इस खूबसूरत मयुजियिम की ईमारत का निर्माण 1894 ईसवीं में लंदन के एलबर्ट मयुजियिम की तरज पर किया गया था| सायाजी गायकवाड़ तीसरे महाराज ने पिक्चर गैलरी को 1921 में खुलवाया था| इस मयुजियिम में सिक्के, संगीत के साज, मिस्र की ममी और 23000 के लगभग किताबें और नीली वेल मछली का पिंजर जो 22 मीटर का रखा गया है|
              ‌‌‌‌‌‌‌‌       पिक्चर गैलरी में यूरोपीयन ओयल पेंटिंग जो ब्रिटिश कलाकारों ने बनाई है संभाल कर रखी है| इसकी टिकट मात्र 10 रुपये है| इसके खुलने का समय 10.30 बजे सुबह से लेकर शाम तक 5.00 बजे तक है|

वड़ोदरा मयुजियिम और पिक्चर गैलरी

Photo of Baroda Museum & Picture Gallery by Dr. Yadwinder Singh

वड़ोदरा मयुजियिम

Photo of Baroda Museum & Picture Gallery by Dr. Yadwinder Singh

EME टैंपल
यह खूबसूरत मंदिर एक आर्मी कैंपस में बना हुआ है| इसके पास एक पंचवटी है (पांच वट के वृक्ष) | इसका निर्माण 1965 ईसवीं में किया गया था ब्रिगेडियर Eugene  द्वारा | इसका डिजाइन एक यूनीक तरीके का है| इसके निर्माण में एलमूनियिम मेटल का उपयोग हुआ है| वड़ोदरा में आए तो इस खूबसूरत मंदिर के दर्शन जरूर करना|

EME टेंपल वड़ोदरा

Photo of EME Temple by Dr. Yadwinder Singh

सुर सागर झील
वड़ोदरा शहर के बीच एक चंदन तालाब था जिसका नाम बदलकर सुर सागर रख दिया गया है| सुर सागर का नाम सुरेश्वर देसाई के नाम पर पड़ा जो एक टैक्स कलेक्टर थे जिन्होंने 1757 ईसवीं में इस तालाब को खुदवाया था| अब इस खूबसूरत झील के बीच भगवान शिव का 120 फीट का बुत लगा हुआ है| शाम को जब सुर सागर झील की लाईटे जगती है तो पूरा क्षेत्र जगमग करता है|

सुर सागर झील वड़ोदरा

Photo of Sur Sagar Lake by Dr. Yadwinder Singh

सुर सागर झील वड़ोदरा

Photo of Sur Sagar Lake by Dr. Yadwinder Singh

तांबे कर वाडा
यह बडौदा राज्य के दीवान भाऊ तांबेकर का निवास स्थान था| यह जगह लगभग 140 साल पुरानी है| इस खूबसूरत स्थान में 19 वीं शताब्दी की चित्र कला को प्रदर्शित किया गया है जो तीन मंजिला इस मकान में संभाल कर रखे गए हैं| यह मराठा वास्तुकला का अद्भुत नमूना है| यह चार मंजिला लकड़ी की हवेली है|

तांबेकर वाडा

Photo of Tambekar Wada by Dr. Yadwinder Singh

तांबेकर वाडा वड़ोदरा

Photo of Tambekar Wada by Dr. Yadwinder Singh

वड़ोदरा कैसे पहुंचे- वड़ोदरा गुजरात का एक प्रमुख शहर है| वड़ोदरा रेल मार्ग से भारत के अलग अलग शहरों से जुड़ा हुआ है| आप रेल द्वारा वड़ोदरा पहुँच सकते हो| गुजरात और आसपास के राज्यों से आप बस से भी वड़ोदरा पहुँच सकते हो| रहने के लिए आपको वड़ोदरा में हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|

वड़ोदरा में घुमक्कड़

Photo of Vadodara Railway Station by Dr. Yadwinder Singh

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