यूपी का पहला ग्लास स्काईवाॅक बनकर हुआ तैयार, दिखने में लगता है भगवान राम के धनुष जैसा, जानिए खासियत

Tripoto
11th May 2024
Photo of यूपी का पहला ग्लास स्काईवाॅक बनकर हुआ तैयार, दिखने में लगता है भगवान राम के धनुष जैसा, जानिए खासियत by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

उत्तर प्रदेश अपना पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो चित्रकोट वन प्रभाग के मारकुंडी रेंज में तुलसी झरने की सुरम्य पृष्ठभूमि पर स्थापित किया जाएगा। हर तरह से यह जगह आपको वास्तुशिल्प की सरलता और प्राकृतिक सुंदरता का गवाह बनाएगी। कांच और स्टील के मिश्रण से निर्मित, इंजीनियरिंग का यह चमत्कार भगवान राम के पूजनीय धनुष और बाण के जैसा दिखता है, जो शक्ति और वीरता का प्रतीक है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस पुल पर 3.70 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो इस क्षेत्र में इको-टूरिज्म के परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने का वादा करता है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य चित्रकूट के आकर्षण को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ाना है। राजगीर में बिहार के प्रसिद्ध स्काईवॉक ग्लास ब्रिज से प्रेरणा लेते हुए, उत्तर प्रदेश का ग्लास स्काईवॉक सौंदर्य आकर्षण और संरचनात्मक प्रतिभा के मिश्रण से पर्यटकों को लुभाने के लिए तैयार है।

धनुष और बाण के आकार का है यह ब्रिज

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धनुष और बाण के आकार में बने ब्रिज में खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम होगी। यह ग्लास ब्रिज मध्य प्रदेश के सतना जिले के बॉर्डर पर स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व के बीच टिकरिया, बम्भिया जंगल पर स्थित है। ऋषि सरभंगा आश्रम से निकली जलधारा और गतिहा नाले की त्रिवेणी से तुलसी जलप्रपात आकार लेता है, तुलसी जल प्रपात में पानी की तीन धाराएं चट्टानों से गिरती हैं। ये लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर एक वाइड वाटर बेड यानी जल शैया में गिरकर जंगल में लुप्त हो जाती हैं। जैसे ही लोग स्काई वाक पुल पर चलेंगे तो चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल का नजारा भी दिखेगा। यहां आने वाले हर पर्यटक को एक खास अनुभव प्राप्त होगा।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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ग्लास ब्रिज के बनने से पर्यटकों को झरने के बीच तक पहुंचने का मौका मिलेगा और ग्लास के ब्रिज के सहारे इस प्राकृतिक झरने का नजारा देखने का आनंद मिल सकेगा। उन्‍होंने बताया कि एक बार में लगभग 15 पर्यटक इस ग्‍लास ब्रिज के आखरी छोर पर बने केबिन तक पहुंच सकेंगे, जो लगभग 30 फीट की ऊंचाई से गिर रहे झरने के करीब तक यह यह ग्लास ब्रिज पहुंचेगा। दोनों ओर से बनी सीढ़ियों के सहारे वह वापस उतर सकेंगे। इस ब्रिज में टफन ग्लास का प्रयोग कर किया गया है। लाजमी सी बात है कि इस स्काई वॉक ब्रिज के बनने से यूपी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सरकार का भी यही उद्देश्य है। ये ब्रिज आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां अन्य आकर्षणों में रॉक गार्डन, रेस्तरां और हर्बल प्लांट पार्क भी निर्माणाधीन हैं।

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