पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग एक खूबसूरत हिल स्टेशन है| हर साल लाखों टूरिस्ट इस शानदार हिल स्टेशन को देखने के लिए आते हैं| आज हम अपनी पोस्ट में दार्जिलिंग में घूमने वाली जगहों के बारे में जानेगे| दार्जिलिंग सिलीगुड़ी से 82 किलोमीटर, गंगटोक से 100 किलोमीटर, कोलकाता से 655 किलोमीटर दूर है| यहाँ घूमने के लिए गरमियों का मौसम ही है| बरसात के दिनों में यहाँ बहुत बारिश होती है| ठंड के दिनों में दार्जिलिंग में कड़ाके की ठंड पड़ती है| अप्रैल से लेकर जून तक दार्जिलिंग घूमने का सबसे बढ़िया समय है| यहाँ आने के लिए आपको ऊनी कपड़े और छाता जरूर साथ रखना चाहिए कयोंकि दार्जिलिंग में बारिश का कोई भरोसा नहीं कब बारिश शुरू हो जाए|
दार्जिलिंग का अर्थ होता है - रहस्य से भरा स्थान| दार्जिलिंग की समुद्र तल से ऊंचाई 2134 मीटर है| दार्जिलिंग का मौसम हमेशा खुशगवार रहता है| दार्जिलिंग से कंचनजंगा पर्वत चोटी का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है| दार्जिलिंग में रहने के लिए आपको हर बजट के होटल मिल जाऐंगे| आप अपने बजट के हिसाब से दार्जिलिंग में होटल बुक कर सकते हो| आप आनलाईन भी होटल बुक करवा के दार्जिलिंग में आ सकते है|
हिमालयन प्राणी उद्यान दार्जिलिंग
दार्जिलिंग में हिमालयन प्राणी उद्यान है जो काफी ऊंचाई पर बना हुआ है| इस खूबसूरत उद्यान में आप दुर्लभ पशु पक्षियों को देख सकते हैं| हिमालयन रेंज में पाए जाने वाले पशु पक्षियों को इस उद्यान में रखा गया है| मैंने भी लाल पांडा को पहली और आखिरी बार दार्जिलिंग के इस उद्यान में ही देखा था| इसके अलावा आप स्नो याक, लाल पांडा, साईबेरियन बाघ आदि देख सकते हैं| इस उद्यान में आप रंग बिरंगे पक्षियों को भी देख सकते हो| अगर आप दार्जिलिंग घूमने आए तो इस उद्यान को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें|
आब्जर्वेटरी हिल
यह दार्जिलिंग की एक खूबसूरत पहाड़ी है जहाँ से आप कंचनजंगा की खूबसूरत चोटियों के नजारे देख सकते हो| इस पहाड़ी के ऊपर एक बौद्ध मठ और शिव मंदिर बना हुआ है|
पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग
इस पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना 1954 ईसवीं में की गई थी| यहाँ पर पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया जाता है| यहाँ पर एक संग्राहलय भी बना हुआ है जिसमें पर्वतारोहण से संबंधित समस्त उपकरणों और पुस्तकों को संभाल कर रखा गया है| मांऊट एवरेस्ट पर पहली बार पहुंचने वाले तेनजिंग के द्वारा उपयोग में लाई गई सारी चीजों को इस संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है| अपनी दार्जिलिंग यात्रा में मैंने इस जगह की यात्रा भी की थी|
नेचुरल हिस्ट्री मयुजियिम दार्जिलिंग
इस खूबसूरत मयुजियिम की स्थापना 1915 ईसवीं में की गई थी| यहाँ पर आपको दुर्लभ वन्य पशु पक्षियों के नमूने देखे जा सकते हैं|जो आमतौर पर सिर्फ दार्जिलिंग क्षेत्र और पूर्वी हिमालय क्षेत्र में ही दिखाई देते हैं|
बाटेनिकल गार्डन दार्जिलिंग
इस बोटेनिकल गार्डन का नाम विलियम लायड के नाम पर रखा गया है| इस खूबसूरत गार्डन में आपको सैकड़े तरह के वृक्ष, पौधे और फूल आदि देखने के लिए मिलेगे|
हैप्पी वैली टी एस्टेट दार्जिलिंग
दार्जिलिंग से तीन किलोमीटर दूर एक खूबसूरत चाय बागान है| दार्जिलिंग वैसे भी अपने चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है| यहाँ पर आप चाय की पतियों को तैयार करने की प्रक्रिया को देख सकते हो| चाय के बागान में फोटो खींचना भी एक सुखद अनुभव है| आप यहाँ से घर के लिए चाय भी खरीद सकते हो|
घूम बौद्ध मठ दार्जिलिंग
दार्जिलिंग से 8 किलोमीटर दूर एक खूबसूरत बौद्ध मठ बना हुआ है| इसमें भगवान बुद्ध की एक शानदार प्रतिमा बनी हुई है| घूम बौद्ध मठ भी दार्जिलिंग में देखने लायक जगह है|
टाईगर हिल दार्जिलिंग
दार्जिलिंग से 11 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 2555 मीटर की ऊंचाई पर यह जगह दार्जिलिंग में बहुत मशहूर है| यहाँ पर टूरिस्ट सूर्योदय देखने के लिए आते है| सूर्योदय के समय जब कंचनजंगा की चोटी पर सूर्य की सुनहरी किरणें पड़ती है तो बहुत खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है|
दार्जिलिंग कैसे पहुंचे- दार्जिलिंग आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हो या फिर Toy Train से आ सकते हैं| रहने के लिए आपको दार्जिलिंग में हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|