
जयपुर ट्रिप के दौरान लोकल टैक्सी द्वारा हम आमेर फोर्ट देखने के लिए निकले | यह जयपुर से 11 किलोमीटर दूर जयगढ़ किले के समानांतर में स्थित हैआमेर नगरी और वहां के मंदिर,किले सभी राजपूती कला का अद्धितीय उदाहरण है ।यहां के दुर्ग में है कई तरह की फिल्में और धारावाहिकों की शूटिंग होती रहती है ।आमेर का किला जिसे अंबर किला या आमेर पैलेस के नाम से जाना जाता है,इसी राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया था और सन 1992 में बनकर तैयार हुआ था ।यह किला पहाड़ी के ऊपर लगभग । १.५वर्ग मील में फैला हुआ है,यहां से आप अमर शहर का शानदार नजारा देख सकते है । पैलेस की निकट ही सड़क के दोनों किनारो पर वहां के लोकल लोगों द्वारा हैंडीक्राफ्ट् आइटमकी दुकाने सजी थी ।हम लोगों ने एक लोकल गाइड भी साथ में ले लिए जो हमें रास्ते भर जानकारी देतारहा रह l
आमेर किले का इतिहास
गाइड ने हमें बताया आमेर का किला और जयगढ़ किला दोनों को जोड़ने वाली एक सुरंग है ।इसका मकसद था कि दुश्मनों से किले की रक्षा हो सके,आमिर किले का सबसे पहले निर्माण राजा कातिल देव ने 11वीं सदी में शुरू करवाया था,लेकिन बाद में1592 में राजा मानसिंह ने इसे पूरा करवाया था ।
यह किला अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर हैराजस्थान की जयपुर में स्थितआमेर का किला भव्यऔर खूबसूरत हैइसके लिए को बनाने में लाल संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है ।
आमेर फोर्ट पर जाने के लिए ऊंची सपाट खड़ी सड़के हैं और इस रास्ते पर ट्रैफिक जाम भी अधिक रहता है,इसलिए यहां
बहुत सावधानी से धीरे-धीरे गाड़ी चलती है ।
आमेर किले के प्रमुख आकर्षण एवं दर्शनीय स्थल -
आमेर किला सुंदर एवंदर्शनीय स्थलों से भरा पड़ा है,आमेर के किले में अनेक ऐसे आदित्य स्मारक है जिसे देखकर लोग आश्चर्य से भर उठते हैं आमिर के किले के सभी दर्शनीय स्थलों का वर्णन कर पाना तो संभव नहीं है,पर कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थलका वर्णन करते हैं ।किले के मुख्य प्रवेश द्वार को सूर्य पोल के नाम से जाना जाता है ।
किले में प्रवेश करने के बाद एक विशाल प्रांगण दिखाई देता है । इसके कुछ ही दूर पर टिकट घर बना हुआ है जिसमें प्रवेश शुल्क ।
प्रवेश शुल्क भारती नागरिकों के लिए -₹50 ।
विदेशी नागरिकों के लिए -₹ 250 ।सार्वजनिक दर्शकों का हाल



जलेब चौक जो एक विशाल प्रांगण है,उसके आगे पश्चिम तरफ आपको एक सिढ़ि मिलेगी जो आपको मुख्य महल तक ले जाएगी उसके दाहिनी औरएक छोटी सी सिढि है जो आपको शीला देवी के मंदिर तक ले जाएगी मुख्य महल में जाने से पहले सबसे पहले मंदिर के दर्शन किया जाता है मंदिर के चांदी के दरवाजे उभरे हुए है जो राहत कार्यों के लिए प्रसिद्ध है।
मुख्य सिढी सार्वजनिक दर्शकों के हाल तक ले जाएगी
सार्वजनिक दर्शकों हॉल
दीवाने आम या सार्वजनिक दर्शकों का हाल एक बड़ा हाल है जो स्तंभोंकी दो पंक्तियों के सहारे खड़ा है प्रत्येक स्तंभ अलंकृत है हाल तीन तरफ से खुला है राजा सभा गृह में बैठकर आम लोगों के प्रश्न सुनते थे । यह हॉल अपने मामोजे कांच लिए प्रसिद्ध हैराजा भी इसी हाल में महत्वपूर्ण मंत्रियों और मेहमानों से मुलाकात करते थे ।









शीश महल
शीश महल या मिरर पैलेस इस किले का सबसे खूबसूरत हिस्साहैइस महल को कई स्थानी फिल्मों में दिखाया गया है। इस महल की दीवार और छतो पर सुंदर फूलोंऔरकांच से बनी अन्य पेंटिंग की नकाशी की गई है ।किले की एकरानी को तारों के नीचे सोना बहुत पसंद थाऐसा कहा जाता है कि इस देश की प्राचीन परंपरा महिलाओं को खुली हवा में सोने की इजाजत नहीं देती थीइसीलिए राजा ने इस समस्याका हल करने के लिएवास्तुकारों को बुलायाऔर इस प्रकार दर्पण महल का निर्माण हुआ ।ऐसा कहा जाता है कि अगर महल में दो मामबत्तियां जलाई जाए तो ऐसा लगेगा मानव छत पर हजारों तारे चमक रहे हो ।
मुगल गार्डन की सुंदरता ऐसी है कि इसकी तुलना देशभर में देखे जाने वाले साधारण उद्यानों से नहीं की जा सकती यह भाग माओटा झील पर स्थित है ।यह उद्यान किले के सामने स्थित है यह गार्डन एक तारे के आकार से बना हुआ है कहा जाता है बगीचे में केसर के फूल लगे हुए थे अब जलवायु परिस्थितियों जयपुर में केसर के पौधे को पनपने नहीं देती। अब आप बगीचे में खूबसूरत फूलों वाले पौधे देख सकते हैं l
प्रकाश उत्सव
लाइट शो हर शाम होता है । यह श सो शो जयपुर और किले के इतिहास पर केंद्रित है ।यह उस स्थान , प्रभुओं और अन्य लोगों के प्राचीन व्याख्यानों को दर्शाता है यह50 मिनट का चलता है और हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में चलता है ।
किले के अंदर हाथी की सवारी
किले के प्रांगण में हाथी की सवारी भी की जाती है लोग हाथी पर चढ़कर उसकी सवारी करते हैं ।
राजस्थान के इस किले में बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड की भी कई सारी फिल्मों की शूटिंग हुई है ।इसमें बाजीराव मस्तानी ,शुद्ध देसी रोमांस ,भूल भुलैया,जोधा अकबर जैसी फिल्मों शामिल है के लिए मेरा जाना शाम को लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी होता है इसे देखना वाकई अद्भुत होता है ।
इन सबके लिए आपको अलग से टिकट लेना होता है ।
घूमने का सही समय
अक्टूबर से लेकर मार्च तक का महीना यहां घूमने के लिए बेस्ट होता है जब ज्यादातर जगहों पर ठंड रहती है वही यहां का मौसम घूमने के एकदम अनुकूल होता है ।
कैसे जाएं
सभी शहरों से आप जयपुर के लिए डायरेक्ट बस या ट्रेन से पहुंच सकते हैं ।आपके राज्य परिवहन निगम की बसें भी मिल जाएंगे जायेगी ।आमेर किला जयपुर शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तो जयपुर से यहां के लिए आपको टैक्सी करनी होगी ।
इस प्रकार हमारी यात्रा बेहद खूबसूरत और आनंददायक रही ।
(फालो )