हिंदू धर्म की प्राचीन मान्यताओं के अनुसार , और पुरातन काल से चली आ रहे किस्से और कहानियों में चार धामों का जिक्र मिलता है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए ये चार धाम काफी महत्त्वपूर्ण है।
चार धाम इस प्रकार है।
1 – पूर्व में ओडिशा स्थित ( पुरी, जगननाथ धाम )
2 – पश्चिम में गुजरात स्थित ( द्वारका धाम )
3 – उत्तर में उत्तराखण्ड स्थित ( बद्रीनाथ धाम )
4 – दक्षिण में तमिलनाडु स्थित ( रामेश्वरम धाम )
देश में हाल के कुछ वर्षो में धार्मिक तीर्थाटन में वृद्धि हुई है।
कहने का मतलब ये है की लोगो का धार्मिक महत्व के स्थानों की तरफ जाना ज्यादा हुआ है। इसका एक महत्व पूर्ण कारण सरकार भी है। जब से सरकार ने इस ओर ध्यान देना शुरू किया है। तब से धार्मिक महत्व के स्थानों का काया पलट हो गया है। चाहे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर हो या
सोमनाथ मंदिर का कायाकल्प हो । फिर चाहे केदार नाथ हो या बद्रीनाथ धाम में हुए कार्य हो देश के सभी धार्मिक महत्व के स्थानों को फिर से सजाया और संवारा जा रहा है। और इस बात का खयाल रखा जा रहा है की धार्मिक तीर्थाटन को आने वाले लोगो को कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।
अब इसी क्रम में गुजरात स्थित द्वारका धाम में एक बड़ा प्रोजेक्ट पूरा हुआ हैं। देश का सबसे बड़ा केबल आधारित पुल आम जन के लिए शुरू हुआ है। पहले आप तस्वीरे देखिए तब आपको इसकी भव्यता का अंदाजा लगेगा
अपनें तरह का ये देश का सबसे बड़ा पुल है। ये पुल द्वारका नगरी को बेट द्वारका से जोड़ने का काम करेगा। बेट द्वारका समुंदर में स्थित एक द्वीप पर स्थित है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बेट द्वारका ही भगवान श्री कृष्ण की नगरी थी।
जो उनके द्वारा स्थापित किए गए राज्य की राजधानी थी।
पहले कभी ये बहुत आधुनिक और भव्य नगरी थी। फिर किन्ही कारणों से ये नगरी समुंदर में समा गई । किंतु अभी भी समुंदर के अंदर इसके अवशेष मिलते है। बेट द्वारका में वर्तमान में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित द्वारकाधीश मंदिर भी स्थित है । अभी जब तक ये पुल नही बना था। तो समुंदर के रास्ते पानी के जहाज की मदद से इस द्वीप पर जाना पड़ता था।
लेकीन अब समुंदर पर केबल की सहायता से एक लंबा और विशाल पुल का निर्माण किया गया है। जिससे अब बेट द्वारका द्वीप तक जाना सुगम हो गया है। सड़क मार्ग से द्वारका नगरी से पहले ओखा शहर जाना होता था. क्योंकि ओखा तक ही सड़क है। यहां सड़क का अंतिम छोर है। इससे आगे सड़क नही हैं। आगे अथाह समुद्र है। फिर आगे बेट द्वारका जाने के लिए स्टीमर, या पानी के जहाज की मदद लेनी होती थी। पुरानी सरकारों ने भी इस ओर कभी ध्यान नही दिया। लेकिन वर्तमान सरकार ने लोगो की परेशानी समझी और समुंदर पर पुल बनाया गया। अब इस पुल के बन जाने से सड़क मार्ग से भी जाना सुगम हो जाएगा
रात में इस पुल का नजारा देखते ही बनता हैं। देश में इस वक्त बड़े से बड़े स्तर के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। जैसे अब इस प्रोजेक्ट के पूरे हो जाने के बाद श्रद्धालु जन सड़क मार्ग से ही द्वारका से बेट द्वारका जा सकेंगे और भगवान श्री कृष्ण से मिल पाएंगे।
सुदर्शन सेतु। ओखा मेनलैंड से बेट द्वारका द्वीप के बीच।