मंडी हिमाचल प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है अक्सर टूरिस्ट जब कुल्लू मनाली जाते हैं तो मंडी शहर को बिना देखे ही आगे बढ़ जाते हैं| इस पोस्ट में हम मंडी शहर में घूमने वाली जगहों के बारे में बात करेंगे| मंडी का अर्थ होता है मार्केट जहाँ पर लोग वयापार करने के लिए या खरीदो फराफत करने के लिए आते है| कुछ लोगों का मानना है मंडी शहर का नाम इस वजह से ही पड़ा है| कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि मंडी शहर का मांडव ऋषि के नाम पर पड़ा है| मंडी शहर ब्यास नदी के किनारे पर बसा हुआ है| मंडी हिमाचल प्रदेश का एक जिला मुख्यालय भी है| मंडी कभी मंडी रियासत की राजधानी भी हुआ करती थी| मंडी को पहाड़ों की काशी भी कहा जाता है कयोंकि मंडी अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है|
मंडी हिमाचल प्रदेश का एक ईतिहासिक शहर है| मंडी शहर को राजा अजबर सेन ने बसाया था| मंडी अपनी शिवरात्रि के लिए भी प्रसिद्ध है| मंडी को हिमाचल प्रदेश का पैलेस के नाम से भी जाना जाता है| मंडी 600 साल पुराना शहर है| मंडी अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जिसमें त्रिलोकीनाथ मंदिर, भूतनाथ मंदिर, पंचवकरा मंदिर, तारना देवी मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर आदि मुख्य मंदिर है|
त्रिलोकी नाथ मंदिर
इस मंदिर का नाम मंडी शहर के प्रमुख मंदिरों में आता है| यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है| यह मंदिर पुरानी मंडी क्षेत्र में बना हुआ है| यह क्षेत्र मंडी रियासत का 200 साल से भी ज्यादा समय तक राजधानी रहा है| त्रिलोकी नाथ मंदिर को राजा अजबर सेन की पत्नी महारानी सुलतान देवी ने 1520 ईसवीं में बनाया था| मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति बनी हुई है|
भूतनाथ मंदिर मंडी
यह मंदिर मंडी शहर के बिलकुल बीच में बना हुआ है| इस मंदिर का निर्माण राजा अजबर सेन ने 1527 ईसवीं में करवाया था| यह मंदिर शिखर शैली में बना हुआ है| भूतनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है| मंडी शहर में इस मंदिर की बहुत मानता है| नयी शादी वाले जोड़े और नवजनमे बच्चे आशीर्वाद लेने के लिए इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं|
पंचवकतरा मंदिर मंडी
यह खूबसूरत मंदिर ब्यास नदी और सुकेती नदी के संगम पर बना हुआ है| यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है| इस मंदिर का निर्माण भी पंदरहवी शताब्दी में किया गया था| अठारहवीं शताब्दी में यह मंदिर बाढ़ की वजह से नष्ट हो गया था| उसके बाद दुबारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था| मंदिर में भगवान शिव की पांच चेहरों वाली मूर्ति है जिस वजह से मंदिर का नाम भी पंचवकतरा है|
तारना देवी मंदिर
इस मंदिर को शयामा काली मंदिर भी कहा जाता है| यह मंदिर मंडी शहर के पास एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है| इस मंदिर का निर्माण राजा शयाम सिंह ने सुकेती राज के ऊपर विजय की खुशी में किया था| यह मंदिर तारना पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है| पहाड़ी के ऊपर से मंडी शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है|
अर्धनारीश्वर मंदिर मंडी
इस मंदिर का निर्माण पंदरहवी शताब्दी में हुआ है| यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ है| यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है| जहाँ भगवान शिव को नर और नारी रुप में पूजा जाता है|
गुरुद्वारा साहिब मंडी
मंडी शहर में ब्यास नदी के किनारे गुरु गोविंद सिंह जी की याद में एक ईतिहासिक गुरुद्वारा साहिब बना हुआ है| सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी तकरीबन छह महीने तक मंडी शहर में रुके थे| यहाँ गुरु जी से संबंधित कुछ ईतिहासिक वस्तुओं को भी गुरुद्वारा साहिब में संभाल कर रखा गया है| गुरुद्वारा साहिब में रहने और लंगर का उचित प्रबंध है|
इसके अलावा भी मंडी शहर में कलाक टावर, पुराने पैलेस आदि जगहों पर आप जा सकते हैं| मंडी शहर हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख शहर है जो राजधानी शिमला से 140 किमी, दिल्ली से 450 किमी दूर है| मंडी शहर चंडीगढ़ मनाली हाईवे पर बसा हुआ है| मंडी शहर की समुद्र तल से ऊंचाई 760 मीटर है| मंडी शहर बस मार्ग से शिमला, कुल्लू, धर्मशाला, चंडीगढ़ , दिल्ली आदि शहरों से जुड़ा हुआ है| रहने के लिए आपको मंडी शहर में हर बजट के कमरे मिल जाऐंगे| तो आप जब भी मनाली घूमने जाए तो रास्ते में एक दिन मंडी शहर को जरूर घूमना|