क्यों बिगड़ गए भारत-मालदीव के रिश्ते,इससे पर्यटन पर पड़ा कितना असर

Tripoto
20th Feb 2024
Photo of क्यों बिगड़ गए भारत-मालदीव के रिश्ते,इससे पर्यटन पर पड़ा कितना असर by Priya Yadav

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर boycottmaldives का ट्रेंड काफ़ी जोरो से चल रहा है।इस ट्रेंड के कारण ही मालदीव का पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है,जिसके कारण इस देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई है। मालदीव एक छोटा और बहुत ही खूबसूरत देश है जो काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है।लेकिन बीते दिन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लक्षदीप दौरे के बाद एकदम से मालदीव जाने वाले पर्यटकों का रुझान लक्षदीप की तरफ देखा जा रहा है।क्या है इसके पीछे की वजह और मालदीव का पर्यटन इससे कितना अधिक प्रभावित हुआ है आइए जानते है।

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मालदीव और भारत के रिश्ते में कड़वाहट की क्या है वजह

बीते 2 जनवरी को भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी लक्षदीप के दौरे पर गए।इस दौरान उन्होंने वहां की कुछ तस्वीरें सोसल मीडिया पर डाली जिसमे वे समुंद्र तट पर टहलते नजर आए,जोकि काफी लोकप्रिय हुई।साथ ही उन्होंने ये भी लिखा की भारत के पास भी अच्छे और खूबसूरत समुंद्र तट है जहां लोगो को आना चाहिए।जिसके बाद लोगो ने लक्षदीप की तुलना मालदीव से करनी शुरू कर दी।जिसका परिणाम यह हुआ कि लाखो पर्यटक जो मालदीव जाने का प्लान कर रहे थे उन्होंने मालदीव के बजाए लक्षदीप को अपना डेस्टिनेशन बनाया।इसे देखते हुए मालदीव के मुइज़्ज़ू सरकार के मंत्री मरियम शिउना ने पीएम मोदी के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्प्णी की।शिउना ने लक्षद्वीप का भी मजाक उड़ाया।उनके इस ट्वीट के बाद मालदीव के नेता मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद ने भी उनका साथ देते हुए टिप्पणी की।जिसका भारतवासियों ने जम कर खंडन किया।जिसके बाद वहां की सरकार ने तीनों मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करके इस मामले को शांत करने की कोशिश की।

भारत से बिगड़े रिश्ते का मालदीव की अर्थव्यवस्था पर क्या असर हुआ

मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मालदीव में सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत से ही आते है।आंकड़े की माने तो दिसंबर 2023 तक यहां कुल 17 लाख 57 हजार 939 टूरिस्ट का आगमन हुआ था।जिसमे सबसे अधिक भारतीय उसके बाद चीन और रूस के टूरिस्ट की संख्या थी।ऐसे में अगर भारत से रिश्ते बिगड़ते है तो मालदीव को काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

2018-2023 तक मालदीव में भारतीय पर्यटकों के आंकड़े

         वर्ष                टूरिस्ट

         2018            90,474

        2019            1,66,030

      2020              63,000

      2021               2.91 लाख

      2022              2.41 लाख

      2024             2.09 लाख

भारत-मालदीव के बिगड़े रिश्ते का पर्यटन पर प्रभाव

जैसा की हम सब जानते है मालदीव की आय का सबसे बड़ा साधन पर्यटन ही है और वह इसके लिए सबसे ज्यादा भारत पर ही निर्भर है।असल में भारतीय घूमने के काफी शौकीन होते है जिसे लिए वो विदेशों का चयन करते है।जिसमे मालदीव को सबसे अधिक पसंदीदा स्थानों में देखा गया है।अब जब भारत घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है तो ऐसे में इन देशों में भारतीय पर्यटकों की संख्या काफी हद तक कम हो गई है।इससे भारत की तो आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है पर वही पर्यटन पर निर्भर देश मालदीव को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।जिसका विपरीत असर वहां की अर्थ व्यवस्था भी पर पड़ा है।

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टूरिज्म के अलावा भी इन चीजों पर भारत पर निर्भर है मालदीव

मालदीव भारत पर केवल पर्यटन के लिए ही नहीं बल्कि और भी कई सारी चीजों पर निर्भर है।ऐसे में भारत से बिगड़े रिश्तों के कारण इस देश को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।साल 2021 के डेटा के अनुसार भारत मालदीव का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।भारत से मालदीव में मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएं आयात किया जाता है।साथ ही यहां इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, सीमेंट आदि का भी निर्यात करता है।इसके अलावा यहां कृषि उत्पाद जैसे चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री उत्पाद को भी निर्यात किया जाता है।

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