मेरी खजुराहो यात्रा का वृतांत।

Tripoto
30th Nov 2023
Photo of मेरी खजुराहो यात्रा का वृतांत। by KAPIL PANDIT
Day 1

अभी हाल ही के कुछ दिनों में मुझे एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए खजुराहो जाना पड़ा। यू तो मैं बहुत ज्यादा व्यवहारिक नही हु और इस प्रकार शादी समारोह इत्यादि में जाना पसंद नही करता लेकिन अब चुकीं शादी समारोह खजुराहो में था।  तो मैं इसके बारे में सोच सकता था । जैसे एक पुरानी कहावत है
"" अंधा क्या चाहे।  दो आंखे "" वैसे ही घुमक्कड़ चाहे सिर्फ नई नई जगह देखना और घूमना । तो बस परिवार जनों को बोल दिया हम भी चलेंगे।  परिवार के लोगो को लगा की ये बंदा तो कही बाहर शादी में नही जाता इस बार कैसे मान गया।  तो भईया अब इन लोगो को कैसे समझाए की शादी तो सिर्फ इतना सा बहाना है। असल में तो खजुराहो घूम कर आना हैं। तो निकल पड़े परिवार के लोगो के साथ शादी में शरीक होने मेरा मतलब खजुराहो घूमने के लिए 😉 
चूंकि शादी समारोह 3 दिन चलता तो अपन पहले दिन तो शरीफ बच्चे की तरह घर वालो के साथ रहे शादी के फंक्शन एंजॉय करे फिर अगले दिन असल मुद्दे पर आ गए और निकल पड़े खजुराहो घूमने। 
पहले आप कुछ तस्वीरे देखिए फिर आगे बढ़ेंगे।

Photo of खजुराहो by KAPIL PANDIT
Photo of खजुराहो by KAPIL PANDIT
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यहां आकर पता चला की यहां मन्दिर समूहों में हैं।
जैसे पश्चिमी मंदिर समूह और पूर्वी मंदिर समूह। कुल मिलाकर लगभग 40 से ज्यादा मंदिर हैं। तो ज्यादा देर न करते हुए मैने सबसे पहले पश्चिमी मंदिर समूह देखने का निश्चय किया।  जोकि मेरे होटल के बिलकुल पास ही था।
काफी पैदल चलना पड़ा।  मंदिर समूह की शुरुआत से एंट्री करने के बाद सभी मंदिर देखने के लिए मुझे 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मंदिर समूह विशाल छेत्र में फैला हैं। सबसे पहले 64 योगिनी मंदिर देखा।  जोकि अब काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो चुका हैं। फिर इसके बाद वराह मंदिर , विश्वनाथ मंदिर, पार्वती मंदिर , कंदरिया महादेव मंदिर , और अन्य सभी मंदिरों के दर्शन किए। इन सब में कब एक दिन निकल गया मुझे खबर भी नही हुई।

Photo of मेरी खजुराहो यात्रा का वृतांत। by KAPIL PANDIT
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बस अब पूरा दिन घूमने के बाद होटल आ गया और थोड़ी बहुत परिवार के लोगो के साथ शादी भी एंजॉय की।
अब अगले दिन भी ये व्यवस्था जारी रही। होटल में ही नाश्ता करने के बाद अपन निकल पड़े पूर्वी मंदिर समूह को निहारने
पैदल पैदल 11 नंबर की बस पकड़कर हम पहुंचे पूर्वी मंदिर समूह । यहां भी लगभग सभी मंदिर देखे।  यहां मुझे विशेषकर दुल्हदेव मंदिर पसंद आया।  मंदिर के पास ही मैने दोपहर का भोजन किया और वापस होटल आ गया।  अब आज शादी का अंतिम दिन था तो थोड़ा बारात एंजॉय की , शादी का खाना खाया, थोड़ा बहुत डांस किया 😉 और फिर सो गए।  कल सुबह वापस निकालना था।

Photo of मेरी खजुराहो यात्रा का वृतांत। by KAPIL PANDIT
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बारातियों वाली बस पकड़कर वापस मेरठ आ गए।  तो इस तरह से शादी अटेंड की मेरा मतलब खजुराहो घूमना हुआ।
एक फ्री , मुफ्त सलाह सभी के लिए।  शादी समारोह होते रहेंगे।  अगर ऐसा कुछ मौका मिले तो जरूर जाए ,
शादी समारोह के बहाने जाना और फिर उस जगह को
घूमना भी एक प्रकार की विशिष्ट घुमाकड़ी है।  इसका आनंद जरूर ले । तो आप अगली बार किस शादी में जा रहे हो मुझे जरूर बताएं।

वैसे भी शादी के बहाने फ्री में आने जाने , रहने खाने को ही
शास्त्रों के अनुसार परम आनंद कहा गया है। बाकी तो सब मोह माया है। 

आपका दोस्त , आपका मित्र – कपिल शर्मा

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