नमस्कार दोस्तों हम मोगा पंजाब से सूबह 4 बजे लद्दाख की और निकल पड़े। हम जलधर पठानकोट से होते हुए जम्मू कश्मीर पहूंचे शाम के 5 बजे और जाकर हम सब डल झील पर रुक गये और कमरा ढूंढने लगे। डल झील पर इतनी भीड़ थी के ऐसे लग रहा था कि सारा जहां उधर आ गया है जून की छुट्टियां स्कूलो में होने के कारण लोग घूमने आए हूंऐ थे और हम एक साइड होकर झील पर रूक गये और मेरे हसबैंड और उनके दोस्त होटलों में कमरा ढूंढने चलें गये और मैं और मेरा बेटा झील पर रूक कर उनका इंतजार कर रहे थे। हमें खड़े हूंऐ देखकर कभी सीकारे वाले तो कभी बजईऐ हमारे पास आ जाएं। थोड़ी देर बाद नूर के पापा आ गए और बोले कि कितने होटलों पर गये। सभी जगह सारे होटल बुक थे।बड़ी मुश्किल से काफी दूर जाके होटल मिला। ज्यादा भीड़ होने के कारण सारे होटल बुक हो चुके थे। हम ने समान उठाया और होटल पहुंचे। होटल में पहूंच कर कमरा देखकर मन बड़ा प्रसन्न हुआ क़ालीन बिछे हुए एक बैंड और दीवान बैंड लगाया हुआ था।साढ शुथरा कमरा था आते कंबल।हम ने जूते उतारे और बैड पर लेट गए सूबह के चलें हूंऐ थे और थकावट बहुत हो गई थी । थोड़ी देर बाद हम मूंह हाथ धोकर झील की साइड खाना खाने चले गए। खाना हमने वैश्णो ढाबे पर खाया। खाना टेस्टी था। फिर हम अपने कमरे में पहूंच गए और सूभा का प्लान बनाया और लेट गए।
। डल लेक के बारे में जानकारी । ।
सूबह जल्दी जल्दी तैयार हो कर हम डल झील की और निकल पड़े ।हम जल्दी इस लिए गए हमने आगे लद्दाख की और निकलना था। झील पर पहुंच कर हमने शिकारे वाले को झील घूमाने के लिए कहा। उसने १५ सौ रूपए लिए। फिर उससे हमने झील के बारे में जानकारी ली। उसने बताया कि डल झील श्रीनगर कश्मीर की दूसरी सबसे बड़ी झील है।यह १८ किलोमीटर क्षेत्र में होने के कारण तीन बड़ी पहाड़ियों में फैली हुई है। इसमें स्रोतो से जल आता ही है आसपास की सारी झीले इसमें मिलती है। इसमें चार जलश्रोत है गगरईबल,लोकुट डल,बोड डल तथा नागिन । भारत की सब सुंदर झीलो में इसका नाम आता है। झील में शिकारे का नजारा अलग ही है। शिकारे में झील के अंदर हमने दुकाने भी देखी।कुछ दुकानों पर भीड़ काफी थी। शिकारे पर ही लोग फोटो खींचने वाले घूम रहे थे कश्मीरी डरैस डाल कर फोटो खींचते थे। झील के अंदर ही कश्मीरी कावा वाले घूम रहे थे। झील के अंदर ही घूमते घूमते हमने हाउसबोट देखें।हमें पता चला कि वह देवदार की लकड़ी से बने होते हैं।वह ब्रिटिश तरीके से बनायें हुए हैं। इनका किराया बहुत होता है। झील के अन्दर क ई तरह के कमल के फूल उगें हुए थे। वह देखने में काफी सुंदर लग रहे थे। घूमते घूमते हुए हम हज़रत बल मस्जिद गये जोकि दूनिया की मसहूर मस्जिद है। उसके बाद हम गाड़ी से होते हुए गुरद्वारा हरगोविंद साहिब चलें गये। वहां मजा टेका और लंगर खाया और लद्दाख की और गाड़ी डाल ल ई । श्री नगर सच में जनत है। यहां के मुग़ल गार्डन सभी बार बार अपनी और खींचते हैं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। यहां बार बार आने को मन करेगा। पूराने हीरो हीरोइन इस लिए यहां सूटिंग करते थे। हमने श्री नगर फिल्मों में देखा था।आज हकीकत में देख कर रुह ख़ुश हो गई। इसके बारे में जितना लिखा जाए कम है। यह वाकई भारत के सिर का ताज है। यह कश्मीर है ।यह कश्मीर है।